उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री के निर्देशन में ध्वजारोहण से पहले स्मार्ट सिटी में बदल रही अयोध्या

लखनऊ,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों का ही परिणाम है कि अयोध्या का विकास स्मार्ट सिटी के तौर पर हो रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशन में ध्वजारोहण से पहले स्मार्ट सिटी में बदल रही है अयोध्या नगरी। अयोध्या में सोलर ऊर्जा समेत अन्य नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग करके शहर को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर खासा ध्यान दिया जा रहा है। शहर में सुरक्षा का अभेद्य इंतजाम किया जा रहा है। शहर में सीसीटीवी लग रहे हैं जिससे संदिग्ध लोगों और गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। आने वाले कुछ ही बरसों में अयोध्या के विकास का परचम पूरी दुनिया में लहराएगा। आध्यात्मिक नगरी अयोध्या विकास के नए मानदंड स्थापित कर रही है।

अयोध्या को सूर्यनगरी की पुरानी पहचान लौटाई जा सके इसके लिए धार्मिक विरासत, आधुनिक टेक्नोलॉजी, हरित ऊर्जा तथा सतत शहरी विकास का संगम अयोध्या को नए स्वरूप में आकार दे रहा है। म्यूजियम ऑफ टेंपल, ग्रीनफील्ड टाउनशिप, सौर ऊर्जा शहर, डिजिटल वर्चुअल दर्शन, वैदिक वन और जलवायु-सुरक्षा आधारित योजनाओं जैसी पहल ने अयोध्या को वैश्विक धार्मिक-पर्यटन, स्वास्थ्य-सुरक्षा और हरित विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक आधार दिया है। उत्तर प्रदेश के 17 स्मार्ट शहरों की रैंकिंग में अयोध्या पहले पायदान पर कब्जा किए हुए है। अयोध्या महायोजना 2031 के तहत अयोध्या को सौर ऊर्जा आधारित नगरी बनाई जा रही है।

अयोध्या को ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है। इसमें आधुनिकता और पर्यावरण दोनों को बराबर प्राथमिकता दी जा रही है। ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशों के आधार पर हो रहा है। ‘नव्य अयोध्या’ योजना के अंतर्गत 550 एकड़ में विकसित हो रही यह हाईटेक टाउनशिप प्रदेश की सबसे उन्नत परियोजनाओं में से एक है। यहां अंडरग्राउंड ड्रेनेज, इलेक्ट्रिकल डक्ट जैसी अत्याधुनिक संरचनाओं पर 218 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 200 एकड़ के हरित क्षेत्र के साथ ही सुपर-स्पेशियलिटी मेडिकल सेंटर, हाईटेक पार्क और वेलनेस हब विकसित किए जा रहे हैं, जो इस टाउनशिप को सतत, पर्यावरण-अनुकूल और भविष्य उन्मुख स्मार्ट सिटी का स्वरूप प्रदान करेंगे।

आध्यात्मिक शहर अयोध्या को हाईटेक सिटी बनाने का उद्देश्य व्यापक है। इससे विदेश से आने वाले पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी साथ ही शहरवासियों को भी सुविधा होगी। उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के तहत अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी घोषित किया गया है। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा सरयू किनारे दो गांवों में स्थापित 40 मेगावॉट क्षमता का यह संयंत्र 165 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर 30 साल की लीज पर संचालित है। यह प्लांट शहर की अनुमानित 198 मेगावॉट विद्युत मांग का 25-30% पूरा कर रहा है। यह पहल अयोध्या को ऊर्जा-स्वावलंबन एवं स्वच्छ ऊर्जा के व्यापक उपयोग की दिशा में अग्रणी मॉडल सिटी के रूप में स्थापित कर रही है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा गठित ग्रीन फंड के माध्यम से 75 स्थलों पर 15,000 पौधरोपण की प्रक्रिया संचालित होगी, जिसमें मियावाकी तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा। एडीए द्वारा टाटा पावर, रिलायंस और अडानी समूह के सहयोग से 13 सार्वजनिक स्थलों पर ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना का कार्य प्रगतिशील है।

इनमें से 10 स्टेशन संचालित हैं, जबकि शेष 3 स्टेशनों को जल्द ही शुरू किया जाएगा। इस तरह से अयोध्या नवीकरणीय ऊर्जा क क्षेत्र में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है

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