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दिल्ली सरकार के कला संस्कृति एवं भाषा विभाग द्वारा निजामुद्दीन सुंदर नर्सरी में चार दिवसीय उर्दू फैस्टिवल का आयोजन किया गया है

राजधानी का सांस्कृतिक परिदृश्य उर्दू के वैभव से जीवंत हो गया है क्योंकि चार दिवसीय उर्दू विरासत महोत्सव दिल्ली के निज़ामुद्दीन, हुमायूं के मकबरे के पास सुंदर नर्सरी में शुरू हुआ है।

“जश्न-ए-उर्दू”, उर्दू के सार का जश्न मनाने वाला यह त्योहार, भाषा के साथ शहर की गहरी आत्मीयता को सामने लाता है। यह कार्यक्रम दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा विभाग के तत्वावधान में और उर्दू अकादमी दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री श्री सौरभ भारद्वाज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए I

 

यह उत्सव उर्दू भाषा के समृद्ध सांस्कृतिक ताने-बाने को उजागर करता है। इस असाधारण कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोग ढेर सारे सांस्कृतिक उत्सवों का आनंद ले सकते हैं, जिनमें आत्मा-रोमांचक संगीत प्रस्तुतियाँ, उत्तेजक नाटक, गहन काव्यात्मक प्रदर्शन और विचारोत्तेजक बहसें शामिल हैं।

कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह कार्यक्रम दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया गया है और विभाग के लोगों ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर बहुत मेहनत की है I उन्होंने कहा कि वह इन सभी लोगों की मेहनत को सलाम करते हैं और इतनी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी को तहे दिल से धन्यवाद देते हैं।

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार लगातार दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रही है I इन कार्यक्रमों के पीछे एकमात्र उद्देश्य हमारी युवा पीढ़ी के दिलों में हमारी गंगा-जमुनी (समग्र और समावेशी) संस्कृति को स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि उर्दू एक बहुत ही मीठी भाषा है जो एक इंसान को दूसरे इंसान से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर 22 से 25 तारीख तक चार दिनों तक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम के लिए, दिल्ली सरकार ने ग़ज़ल और सूफी संगीत की दुनिया से प्रतिष्ठित हस्तियों को आमंत्रित किया है, जैसे निज़ामी ब्रदर्स, खन्नक जोशी, तलत अजीज और वॉयस ऑफ इंडिया के विजेता सलमान अली। साथ ही साथ इस कार्यक्रम में पहली बार उर्दू के माध्यम से रामलीला के मंचन का अद्भुत दृश्य लोगों के लिए यहां आयोजित किया गया I रामायण का मंचन उर्दू जबान में किया जाना अपने आप में एक अद्भुत बात है I हमारे देश की हजारों वर्ष पुरानी गंगा जमुनी तहजीब का यह एक प्रत्यक्ष उदाहरण रहा I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कार्यक्रम में आए लोगों का दिल से आभार व्यक्त किया और सभी से अपील की, कि वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी कार्यक्रम के बारे में बताएं, ताकि अधिक से अधिक लोग दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रमों का आनंद ले सकें।

निर्धारित कार्यक्रमों की श्रृंखला में एक मुख्य आकर्षण “दास्तान-ए-रामायण: उर्दू में रामलीला” है, जो फ़रीदाबाद के श्रद्धा रामलीला समूह द्वारा एक अनूठा चित्रण है, जो पौराणिक महाकाव्य के चित्रण में हिंदी और उर्दू के उत्कृष्ट एकीकरण को दर्शाता है।
घटनाओं का पूरक पैनल चर्चा “रामायण उर्दू के आईने में” है, जो उर्दू के चिंतनशील लेंस से रामायण पर विचार करता है। खालिद अल्वी, खालिद अशरफ और मोहम्मद काज़िम जैसे प्रतिष्ठित विद्वान इस ज्ञानवर्धक सत्र के दौरान रामायण के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे।

इस कार्यक्रम के तीसरे दिन की यही सबसे बड़ी खासियत रही, कि इस कार्यक्रम में एक उर्दू के डायलॉग वाली रामलीला का आयोजन किया गया I जिसमें की रामलीला के सभी पात्रों द्वारा उर्दू में डायलॉग बोले गए I संस्कृत और उर्दू का यह अद्भुत संगम लोगों को बेहद पसंद आया I रामायण के मंचन के पश्चात कई उर्दू स्कॉलर्स और इतिहासकारों ने उर्दू में छपी अलग-अलग रामायनों पर बेहतरीन चर्चा की I यह कार्यक्रम हमारे गंगा जमुनी तहजीब की एक बहुत बड़ी मिसाल है

 

कार्यक्रम में आए बॉलीवुड के मशहूर गजल गायक तलत अज़ीज़ द्वारा बेहतरीन गजलों का गायन किया गया I कार्यक्रम में आए तमाम दर्शकों ने जोरदार तालिया के साथ तलत अजीज साहब की गजलों का स्वागत किया I लोग ग़ज़लों में इस कदर खो गए, कि मानो कार्यक्रम का पूरा माहौल एकदम सूफियाना सा हो गया था I तलत अजीज साहब की गजलें, उनकी आवाज में वह जादू था, कि खुद दर्शकों की तरफ से अपनी पसंदीदा गजलों के गायन की दरखास्त उन तक आने लगी I लोगों ने तलत अजीज साहब की गजलों का जमकर आनंद उठाया I

जहां एक तरफ तलत अजीज साहब की गजलों पर लोग जमकर झूमे, वहीं मशहूर सूफी गायक खनक जोशी के सूफी संगीत पर लोग मानो मंत्र मुग्ध हो गए I खनक जोशी द्वारा जो सूफी संगीत का मंचन कार्यक्रम में किया गया, तो मानो ऐसा लगता था, कि सारा माहौल रूहानी सा हो गया है I सूफी गायक खनक जोशी की आवाज में एक ऐसा जादू था, कि मानो तमाम दर्शक जो कार्यक्रम में मौजूद थे, उनको सीधा ईश्वर से जोड़ रही थी, सभी लोग खनक जोशी के सूफी संगीत का आनंद ले रहे थे I

 

कल रविवार 25 फरवरी को दर्शकों को बॉलीवुड सनसनी और इंडियन आइडल 10 के विजेता, सलमान अली के संगीत के जादू का भी आनंद लेने का मौका मिलेगा, जिनकी आवाज अपने मधुर आकर्षण से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगी।

यह सुनिश्चित करते हुए कि परंपरा नवीनता से मेल खाती है, महोत्सव “बैत बाजी” और “चार बैत” जैसी काव्य प्रतियोगिताओं की मेजबानी करेगा, जो समकालीन प्रशंसा के लिए 400 साल पुरानी परंपरा में नई जान फूंकेगी। यह त्यौहार उर्दू की सांस्कृतिक कथा को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए दिल्ली की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है, जो राजधानी के सांस्कृतिक परिवेश को समृद्ध करने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों को प्रदर्शित करता है। मीडिया कर्मियों और संस्कृति प्रेमियों को उर्दू के उत्सव को देखने और उसमें भाग लेने के लिए सादर आमंत्रित किया जाता है, जो सांस्कृतिक एकीकरण और कलात्मक वैभव का प्रतीक होने का वादा करता है।

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