इंडिया गठबंधन से डरी भाजपा विपक्ष के शीर्ष नेताओं को जेल भेजकर लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है- राघव चड्ढा
इंडिया गठबंधन बनने के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में अपनी करारी हार की डर से घबराई भाजपा के खतरनाक मंसूबे का आम आदमी पार्टी ने खुलासा किया।
बुधवार को ‘‘आप’’ सांसद राघव चड्ढा ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के शीर्ष नेता भाजपा के निशाने पर हैं। भाजपा विपक्ष के शीर्ष नेताओं को जेल भेजकर लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, बिहार में तेजस्वी यादव, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, झारखंड में हेमंत सोरेन, केरल में पिनारई विजयन, तेलंगाना में केसीआर, तमिलनाडु में एमके स्टालिन, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नाम पर जनता वोट देती है। इस कड़ी में भाजपा की एजेंसियां पहली गिरफ्तारी सीएम अरविंद केजरीवाल की करने जा रही है, ताकि वो आम आदमी पार्टी को कमजोर कर दिल्ली की सातों सीटें जीत सके। शीर्ष नेताओं या उनके करीबियों के गिरफ्तार होने से उनकी पार्टी कमजोर हो जाएगी, वो चुनाव लड़ने लायक नहीं बचेगी और भाजपा चुनाव जीत जाएगी।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवाता कर कहा कि 2014 से 2022 के बीच ईडी-सीबीआई समेत अन्य एजेंसियों द्वारा नेताओं पर किए गए कुल मुकदमों में से 95 फीसद भाजपा के विरोधी राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ हुए हैं। इस दौरान कुल 125 बड़े नेताओं पर मुकदमें दर्ज हुए और इसमें से लगभग 118 भाजपा के विरोधी दल के नेता हैं। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, संजय राउत, पी.चितंबरम, फारूख अब्दुल्ला, अनिल देशमुख और नवाब मलिक समेत अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं पर ये मुकदमें किए गए। इन नेताओं पर दर्ज केस को इस तरह पकाया गया कि जब चुनाव नजदीक आएगा, राजनैतिक परिस्थिति बदलती दिखेंगी तो समन भेज कर नेताओं को बुला लेंगे। अगर फिर भी वो नेता नहीं माना तो उसे पकड़कर जेल में डाल देंगे। 2014 से देश में यही चल रहा है।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि इस बीच इंडिया गठबंधन बनने का एक बड़ा राजनैतिक घटनाक्रम होता है। इंडिया गठबंधन बनते ही भाजपा बुरी तरह से डर और घबरा गई। भाजपा को ये समझ में आ गया कि अभी तक ये तमाम पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ती थी और वोट बंट जाता था। ऐसे में भाजपा सीटें जीत जाती थी और सरकार बना लेती थी। वहीं, अगर भाजपा के एक प्रत्याशी के खिलाफ इंडिया गठबंधन का एक प्रत्याशी चुनाव लड़ता है तो भाजपा की सीटें कम होती हैं और भाजपा हारती हुई नजर आती है। यही डर भाजपा को सता रहा है।
सांसद राघव चड्ढा ने बताया कि हमारे सूत्रों ने बताया कि इसी को देखते हुए भाजपा ने ये रणनीति बनाई है कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के मुख्य नेताओं को पकड़कर जेल में डाल दो। जब पार्टी का टॉप नेता जेल में डाल दिया जाएगा तो वो चुनाव कैसे लड़ेगा? वो तो कोर्ट-कचहरी और एजेंसी के चक्कर ही काटता रह जाएगा। उसकी पार्टी कैसे चलेगी। इसके बाद चुनाव रेस में भाजपा अकेले ही दौड़ेगी और जीत जाएगी। इसी श्रृंखला में एक योजना बनी है। इसके तहत भाजपा की एजेंसियां पहली गिरफ्तारी ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का करने जा रही हैं। दिल्ली में सात लोकसभा सीटें हैं। इंडिया गठबंधन एकजुट होकर लड़ता है तो सातों सीट भाजपा हार जाएगी। दिल्ली की सातों सीटें हारने का डर भाजपा को इतना सता रहा है कि वो पहली गिरफ्तारी की शुरूआत दिल्ली से करने जा रही है, ताकि इन सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने की स्थिति में न रहे। भाजपा का लक्ष्य है कि अरविंद केजरीवाल को जेल में डालो और दिल्ली की सातों सीट जीत लो।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के बाद ये लोग दूसरी गिरफ्तारी झारखंड से करने जा रहे हैं, जहां लोकसभा की 14 सीटें हैं। उन 14 लोकसभा सीटों पर भाजपा की हालत बेहद खराब है। जबसे झारखंड में जेएमएम पार्टी की सरकार बनी है और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं, तब से उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि जिस भाजपा ने 2019 के चुनाव में 14 में से 12 सीटें जीती थी, आज वो 4 सीट भी जीतती नजर नहीं आ रही है। संभावना है कि इसी के चलते भाजपा की एजेंसियां सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करें। इसके बाद झारखंड में भाजपा अकेले दौड़ेगी और जीतेगी।
उन्होंने आगे बताया कि भाजपा ने नीतीश कुमार के सहारे बिहार में पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा और शानदार प्रदर्शन रहा। भाजपा ने 40 में से 39 सीटें जीती थी। जब से नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ा है और आरजेडी-जेडीयू ने मिलकर सरकार बनाई है, तभी ये योजना बन गई कि आरजेडी की टॉप लीडरशिप को पकड़कर जेल में डालो। इसी कड़ी में अगली गिरफ्तारी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव का हो सकता है, ताकि आरजेडी बिहार में लोकसभा चुनाव लड़ने लायक न रहे।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि बिहार के बाद भाजपा की एजेंसियां पश्चिम बंगाल में अपनी दस्तक देने वाली हैं। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बहुत ही दम खम के साथ लड़ा था, खूब पैसा खर्च किया और बड़े-बड़े नेताओं को मैदान में उतारा, लेकिन कुछ खास नहीं सफलता पाई और ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी शानदार जीत दर्ज करते हुए अपनी सरकार बनाई। भाजपा ये समझ गई है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को हराना मुश्किल है। इसलिए इनको रोकने का एक ही उपाय है कि ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी को पकड़कर जेल में डालो। इस तरह पश्चिम बंगाल में भाजपा की राह आसान हो जाएगी और जीत जाएगी। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि पश्चिम बंगाल के बाद केरल में भाजपा की एजेंसियां दस्तक देंगी, जहां सीपीएम के पिनारई विजयन सीएम हैं। सीएम विजयन की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। आलम ये है कि केरल में 20 लोकसभा सीटे हैं और उसमें से एक भी भाजपा की नहीं है। भाजपा केरल में अपना खाता खोलना चाहती है और सीपीएम को हराना असंभव है। भाजपा के लिए पिनारई विजयन को जेल में डालना आसाना है। जब विजयन जेल चले जाएंगे तो उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ पाएगी और भाजपा की जीत हो जाएगी।
राघव चड्ढा ने कहा कि इन गिरफ्तारियों के बाद भाजपा की एजेंसियां तमिलनाडु में दस्तक देंगी। तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटे हैं। इसमें एक भी सीट भाजपा के पास नहीं है। वहां एआईडीएमके भाजपा के साथ गठबंधन में थी, वो भी अब भाजपा का साथ छोड़ दी है। इसलिए तमिलनाडु में भाजपा की हालत बहुत पतली है। इसलिए तमिलनाडु में अपना खाता खोलने के लिए भाजपा सीएम एमके स्टालिन के करीबियों को पकड़कर जेल में डालने की प्लान कर रही है। ईडी ने स्टालिन के एक मंत्री को पकड़कर जेल में डाल भी दिया है। दूसरे नेताओं की भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। ताकि एआईडीएमके कमजोर हो जाए और चुनाव लड़ने लायक न बचे।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा की एजेंसियां अगली दस्तक तेलंगाना में देंगी, जहां आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव भाजपा बुरी तरह से हार रही है। तेलंगाना में बीआरएस पार्टी बहुत मजबूत है। बीआरएस को लोकसभा चुनाव की दौड़ से हटाने के लिए शीर्ष नेतृत्व केसीआर और उनके बेटा-बेटी को गिरफ्तार करने की तैयारियां चल रही है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद भाजपा की एजेंसियां अपनी आखरी दस्तक महाराष्ट्र में देंगी, जहां भाजपा ने शिवसेना के साथ मिलकर 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन शिवसेना ने जबसे भाजपा का साथ छोड़ा है, तबसे भाजपा महाराष्ट्र में कमजोर हो गई है। भाजपा ने महाराष्ट्र में चोर दरवाजे से सरकार बनाई है उसके चलते वहां की जनता की सहानुभूति और प्यार उद्धव ठाकरे के साथ है। भाजपा का आखिरी शिकार महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की पार्टी होगी। उद्धव ठाकरे और शरद पवार को कमजोर करने के लिए उनके मुख्य नेता को पकड़कर जेल में डाला जाएगा।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा का सबसे बड़ा उद्देश्य ये है कि देश में एक ही पार्टी और एक ही नेता बचे, बाकी सारी पार्टियां समाप्त हो जाएं। कोई पार्टी चुनाव लड़ने के लायक न रहे, ताकि न रहेंगी विरोधी पार्टियां और न तो इनके नेता चुनाव लड़ पाएंगे। यानि न रहेगा बांस, न बजेगी बासुरी। हमारे सूत्रों ने पुख्ता तौर पर बताया है कि आने वाले दिनों में इसी श्रृंखला में ये सारी चीजें होने जा रही हैं, जो देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। अगर देश में पार्टियां ही नहीं बचेंगी, नेता ही नहीं बचेंगे, पारदर्शी चुनाव नहीं होगा, लोकतंत्र ही नहीं बचेगा तो हमारे देश की नींव हिल जाएगी। जिस नींव पर हमारे देश की इमारत खड़ी है, वो नींव नहीं बच जाएगी। देश के लोकतंत्र के साथ एक खतरनाक खेल खेला जा रहा है। इसकी चिंता देश के 135 करोड़ भारतीयों को है। आम आदमी पार्टी पुरजोर तरीके से भाजपा की दमनकारी नीतियों और हिटलरशाही रवैये का मुकाबला करेगी।
इंडिया गठबंधन के नेताओं के मोबाइल फोन की जासूसी करना गंभीर मुद्दा, हम कानूनी पहलुओं पर कर रहे विचार – राघव चड्ढा
“आप” संसद राघव चड्ढा ने इंडिया गठबंधन के नेताओं के मोबाइल फोन की जासूसी को लेकर कहा कि जासूसी का मसला बहुत खतरनाक है। कल सुबह मुझे एप्पल द्वारा मेरे आईफोन पर एक एसएमएस और पंजीकृत ईमेल आईडी पर ईमेल के माध्यम से एक लंबा मैसेज आया। इस मैसेज में बताया गया कि आपका फोन एक स्टेट स्पॉन्सर्ड स्पाइवेयर द्वारा हैक कर लिया गया है। आपके फोन का सारा डाटा, फाइल्स, डाक्यूमेंट्स, फोटो, वीडियो एल, कांटेक्ट और मैसेज हैकर के कब्जे में आ गए हैं। साथ ही आपके फोन का माइक्रोफोन और कैमरा कंप्रोमाइज हो गया है। यानी कि आप फोन पर जो भी बात करेंगे या आप फोन पर बात नहीं भी कर रहे होंगे और साइड में फोन पड़ा है तो आपका कैमरा और माइक्रोफोन आपकी आवाज और आपके आसपास के दृश्यों को कैप्चर कर रहे हैं और स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर के जरिए हैकर को भेज रहे है। यानी कि इकलौता ऐसा डिवाइस जो 24 घंटे आपके साथ होता है, उस डिवाइस को कंप्रोमाइज कर दिया गया और आपकी तमाम गतिविधि जो आप अपने फोन के माध्यम से करते हैं,
उन्हें कंप्रोमाइज कर दिया गया है। यह बेहद खतरनाक चीज है। यह किसने की, कैसे हुआ, ये सारे बड़े सवाल आज भारत सरकार के सामने खड़े हैं। करीब डेढ़ दो साल पहले जब पेगासस स्कैंडल हुआ था। आज उस स्कैंडल की याद फिर से ताजा हो गई है। इस संदर्भ में क्या कानूनी विकल्प हमारे पास है, इस पर हम लोग वकीलों से चर्चा कर राय लेंगे। इस पूरे मामले की जांच हो, ताकि पता लगे कि कौन हमारी जासूसी कर रहा है। यह बड़ी दिलचस्प चीज है कि ऐसा कौन है जो सिर्फ बीजेपी के विरोधी दलों के लोगों यानी विपक्षी दलों के संसद सदस्यों की जासूसी कर रहा है। इसका फायदा किसको होगा? कुछ लोग कह रहे हैं कि इसमें बड़ी अंतर्राष्ट्रीय ताकते शामिल हो सकती हैं और भारत के नेताओं का फोन हैक कर कोई महत्वपूर्ण सूचना लेना चाहती है।
मेरे दिमाग में एक सवाल आया कि ऐसी कौन सी इंटरनेशनल ताकतें होगी जिसे भारत के सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं में ही दिलचस्पी है। उनको भारत सरकार के मंत्रियों, भाजपा के सांसदों और नेताओं के फोन में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनकी दिलचस्पी सिर्फ इंडिया गठबंधन के नेताओं में ही है कि वो किससे बात कर रहे हैं, किसको टिकट दे रहे हैं, चुनाव को लेकर क्या रणनीति बना रहे हैं, कोर्ट कचहरी जाने की क्या रणनीति बना रहे हैं? सवाल ये है कि यह जानने में किसको दिलचस्पी होगी? क्या किसी अंतरराष्ट्रीय ताकत को होगी या भाजपा को दिलचस्पी होगी। यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है।