कुंभकरण का वध होते ही जय श्रीराम से गूंजा पंडाल
चुंगी नंबर तीन स्थित मैदान में श्रीबड़ी रामलीला कमेटी द्वारा
महोत्सव का आयोजन किया जा रहा। रविवार को रामलीला में लक्ष्मण शक्ति प्रसंग, कुंभकरण वध की
लीला का मंचन हुआ। कुंभकरण का वध होते ही जय श्रीराम से पंडाल गूंज उठा। भगवान राम, सुग्रीव,
जामवंत के साथ बैठकर मंत्रणा करते हैं।
इधर, रावण मेघनाद को साथ वानर सेना पर आक्रमण करने
का आदेश देता है। मेघनाद वानरों को मारते हुए आगे बढ़ रहा था। यह देख राम का आदेश पाकर
लक्ष्मण युद्ध करने पहुंचे। मेघनाद और लक्ष्मण में भीषण युद्ध हुआ। जब मेघनाद के सारे अस्त्र
असफल हो गए तो उसने शक्ति प्रहार से लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया।
इस पर हनुमानजी सुषैन वैद्य
की सलाह पर संजीवनी बूटी लेकर आए और लक्ष्मण की मूर्छा दूर की। इसके बाद रावण भाई कुंभकरण
को नींद से जगाता है। वह रावण को श्रीराम से बैर नहीं करने को कहता है, लेकिन रावण नहीं मानता।
कुंभकरण का हनुमान और सुग्रीव से युद्ध होता है। इसमें कुंभकरण वीरगति को प्राप्त हो जाता है। मौके
पर अंकुर मित्तल, अंकित गर्ग, ललित गोयल, देवेंद्र गुप्ता, दीपक मित्तल, संदीप तिवारी, मनोज शर्मा,
मोहित, अमरीश, जायभगवान, संदीप, प्रमोद, नितिन, विपिन, दीपक और परमानंद आदि मौजूद रहे।