उत्तर प्रदेश

सोने के मुकुट से सजे रामलला, धारण की पीतांबरी

अयोध्या, श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणम। नवकंजलोचन,कंज मुख कर कंज पद कंजारुणम। कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील नीरद सुंदरम। पटपीत मानहुतड़ित रुचि-शुचि नौमि जनक सुतावरम। सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदार अंग विभूषणम…। वसंतपंचमी पर रामलला की इस स्तुति के साथ रामलला की दिव्य छवि का दर्शन कर श्रद्धालु मुग्ध होते
रहे। पीतांबरी धारण कर सोने के मुकुट से सजे रामलला भक्तों को मोहित कर रहे थे।

देर शाम तक दो लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर चुके थे।वसंत पंचमी पर सोमवार कोरामलला ने पीतांबरी धारण किया। हालांकि दिन के क्रम में उन्हें सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए था
लेकिन वसंत के कारण तीर्थ क्षेत्र की ओर से तैयार कराया गया विशेष पीत वस्त्र उन्हें धारण करायागया। वसंत के साथ ही रामनगरी में रंगोत्सव का भी आगाज हो गया है इसलिए रामलला को अबीर-गुलाल भी अर्पित किया गया। प्रसाद स्वरूप राममंदिर के अर्चकों ने भी एक-दूसरे को गुलाल लगाया।पुजारी अशोक उपाध्याय ने बताया कि चूंकि वसंत पंचमी का परिधान पीला रंग है,

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