उत्तर प्रदेश

नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी हुई शाशनादेश से ऊपर,नियमो को ताक पर रख करती है कार्य

बागपत। शाशनादेश के सख्त आदेशों के बावजूद भी नगर पंचायत अमी नगर सराय अधिशासी अधिकारी द्वारा स्वैच्छिक नियमो पर आधारित रहकर कार्य करती है। जबकि सरकार की ठोस नीति के अनुरूप किसी भी पटल पर किसी पत्रावली की तीन दिन से अधिक नही रोका जा सकता।

व किसी भी लोकसेवक को सीयूजी नम्बर 24 घण्टे चालू रखना होगा जबकि यहाँ अधिशासी अधिकारी का सीयूजी नम्बर या तो मिलेगा नही या फिर उठेगा नही ।आपको बताते चले कि पीड़ित के पिता नगर पंचायत में स्थायी कर्मचारी के पद पर नियुक्त थे जिनका सेवाकाल में ही स्वर्गवास हो गया। उसके उपरांत पीड़ित की माता को केवल 2012 तक ही पेंशन का भुगतान किया गया उसके बाद अकारण विभाग द्वारा पेंशन बन्द कर दी गई । जबकि पीड़ित की माता द्वारा पेंशन की मांग करते करते 2020 में उनका भी स्वर्गवास हो गया।

अब पीड़ित द्वारा अधिशासी अधिकारी को 24अप्रैल 2024 में उत्तराधिकारी अवशेष देय भुगतान हेतु पत्राचार किया गया जिसमें लिपिक तेहजुब द्वारा रिश्वत की तौर पर तीस हजार की मांग की गई जिसकी शिकायत सभी उच्चाधिकारियों को की गई। और इस प्रकरण में संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी द्वारा अधिशासी अधिकारी को कार्यवाही करने वपत्रावली को उपनिदेशक निधि लेखा विभाग मेरठ को भेजने के लिए निर्देशित किया गया। परन्तु अधिशासी अधिकारी द्वारा अपने दायित्वों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए

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