भारत

नहीं रहे सुलभ शौचालय के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक

-झंडा फहराने के दौरान पड़ा अटैक
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने जताया शोक

रमेश ठाकुर/नई दिल्ली: दिल्ली से एक दुख भरी खबर है। सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर डॉ. बिंदेश्वर पाठक नहीं रहे। उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली है।पाठक की दिल्ली स्थित उनके ऑफिस में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसके कुछ देर बाद ही उनका निधन हो गया।

पाठक ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके बाद चक्कर खाकर ज़मीन पर गिर पड़े। बेहोशी की हालत में परिजन पास के अस्पताल एम्स लेकर गए। ईलाज शुरू हुआ, लेकिन दोपहर पौने दो बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शोक प्रकट

मौत का कारण डॉक्टरों ने कार्डियक अरेस्ट बताया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शोक प्रकट किया। मालूम हो, पाठक को हिन्दुस्तान में सुलभ शौचालय क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। इसके लिए उन्हें ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से नवाजा गया था।

देश में स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने से बहुत पहले ही बिंदेश्वर पाठक ने सफाई को लेकर बेहतरीन पहल की थी. सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार, सामाजिक विकास तथा मानवाधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में सक्रिय योगदान देने वाले पाठक ने ‘स्वच्छता’ को ‘सुलभ’ के रूप में नई पहचान दी और इसके लिए उन्होंने दुनियाभर में नाम कमाया। उनके निधन की खबर से सभी दुखी हैं।

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