दिल्ली

दिल्ली की सफाई के मुद्दे पर सीएम और एलजी आमने-सामने, मुख्य सचिव को तुरंत समाधान करने का आदेश

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री केजरीवाल
के बीच नोंक-झोंक कोई नई बात नहीं है. दोनों हमेशा अलग-अलग मुद्दों पर आमने सामने रहते हैं.
ताजा मामला संगम विहार इलाके की साफ सफाई और तमाम व्यवस्थाओं को लेकर है. जिस पर दोनों

एक दूसरे के ऊपर दबाब बनाते नजर आएं. हालांकि, एलजी ने जैसे ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स
पर पोस्ट किया, सीएम ने तुरंत संज्ञान लिया. और शिकायतों को दूर करने के लिए मुख्य सचिव को
लेटर लिखा.

सोमवार को एलजी ने संगम विहार के स्थानीय लोगों के अनुरोध पर उनकी समस्याओं को ध्यान में
रखते हुए इलाके में साफ सफाई की व्यवस्था का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्थानीय
निवासियों के अनुरोध पर संगम विहार जाने के बाद पता चला कि 9 साल के शिगूफों के बावजूद इलाके
में रह रहे 20 लाख से ज्यादा लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
यहां न सड़कें हैं, न सीवर, न कूड़े की सफाई देखने को मिली.

उन्होंने आगे कहा कि बेतरतीब लटकती बिजली की तारें खतरनाक हैं. उबड़-खाबड़ सड़क पर मेरे सामने
ही रिक्शा पलटा और एक महिला घायल हुई.

उफनती नालियां, कचरे के ढेर और सीवर के बदबूदार पानी
से भरी गलियां, भारत की राजधानी में होंगी देश इसकी कल्पना नहीं कर सकता. इन सबसे जुड़े सभी
विभाग जैसे आई एंड एफसी, जल बोर्ड, शहरी विकास, डीएसआईआईडीसी पूर्णतः दिल्ली सरकार के
अधीन हैं और एमसीडी भी आपके तहत ही है. ऐसी ही स्थिति मैंने किराड़ी और बुराड़ी में भी देखी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनुरोध है कि दिल्ली और दिल्ली की आम जनता की समस्याओं की
तरफ ध्यान दें.

तंज कसते हुए केजरीवाल ने दिया जवाबः उपराज्यपाल के पोस्ट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने
प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, मैं आपका शुक्रगुज़ार हूं कि आपने हमारी कमियां बतायीं. इसके पहले आपने
किराड़ी और बुराड़ी की कमियों को भी उजागर किया था. मैं अभी मुख्य सचिव को आदेश दे रहा हूं कि
वो सात दिन के अंदर इन सभी इलाकों की इन सभी कमियों को दूर करे. जो काम आप कर रहे हैं, वो
काम विपक्ष को करना चाहिए था.

सत्ता पक्ष की कमियां निकालना विपक्ष का काम है. दुर्भाग्यवश, आज
विपक्ष यानि बीजेपी के सातों सांसद राजनीति से संन्यास लेने में व्यस्त हैं और आठों विधायक गहरी
निद्रा में सोये हैं. यही कारण है कि दिल्ली की सत्ता पिछले 26 साल से बीजेपी से दूर है. इसलिए,
मजबूरीवश LG के संवैधानिक पद पर होते हुए भी विपक्ष की भूमिका आपको निभानी पड़ रही है.

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