सीएम केजरीवाल ने कोविड के दौरान लोगों की सेवा करते हुए जान गंवाने वाले 17 कोरोना वॉरियर्स के परिवारों को एक करोड़ की सम्मान राशि देने की दी मंजूरी
कोविड-19 के दौरान लोगों की सेवा करते हुए अपनी जान न्यौछावर करने वाले कर्मचारियों के परिवारों की सीएम अरविंद केजरीवाल ने चिंता की है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के ऐसे 17 कोरोना योद्धाओं के परिवारों को बड़ी आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए एक करोड रुपए की सम्मान राशि देने की मंजूरी दी है। सीएम का कहना है कि किसी के जीवन की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती, लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस आर्थिक मदद से उनके परिवारों को जीवन यापन में थोड़ी राहत जरूर मिल सकेगी।
दिल्ली सरकार इन शहीदों के परिवारों के साथ हमेशा खड़ी है और भविष्य में भी हर संभव मदद के लिए तत्पर है। बता दें कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में शहीद हुए इन 17 कर्मचारियों को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
गौरतलब है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार कोविड-19 के दौरान ड्यूटी करने के दौरान अपनी जान गंवाने वाले ‘‘कोरोना वॉरियर्स’’ के परिवारों को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान करती है। मुख्यमंत्री का मानना है कि इन कर्मचारियों ने अपनी आखिरी सांस तक दिल्लीवासियों की सेवा की। दिल्ली सरकार ऐसे लोगों को सलाम करती है। दिल्ली समेत पूरे देश को शहीद हुए इन कोरोना योद्धाओं पर गर्व है। इनका योगदान हमेशा हमारे दिलों में रहेगा। ये सम्मान राशि उनके परिवारों के साथ खड़े होने और उनका सहयोग करने का एक तरीका है।
ऐसे परिवारों को दी जाती है ये सम्मान राशि
दिल्ली सरकार की एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने की योजना उन लोगों के लिए है, जिनको कोविड-19 के दौरान ड्यूटी पर तैनात किया गया था। यह योजना उन लोगों के परिवारों के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच के रूप में है, जिनका कोविड की ड्यूटी के दौरान निधन हो गया।
अस्पतालों व स्वास्थ्य सुविधओं में कोविड-19 के दौरान कोरोना से संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों के लिए बेहद जोखिम भरा था। दिल्ली सरकार ने मरीजों के इलाज में लगी स्वास्थ्य सुविधाओं या कोविड मरीजों के इलाज में शामिल लोगों को कोविड ड्यूटी पर माना है। इसलिए, कोविड ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले ऐसे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को योजना के तहत एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि पाने के हकदार हैं।
इसी तरह, गैर-सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ, जिन्हें सरकार द्वारा कोविड अस्पतालों/सुविधाओं के रूप में नामित किया गया था या जिन अस्पतालों में सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर कोविड के प्रबंधन के लिए बेड आरक्षित किए गए थे, उनको भी कोविड ड्यूटी पर माना गया है। कोविड प्रबंधन में कोविड-19 टीकाकरण या कोविड-19 के संदर्भ में स्थापित विशेष वितरण केंद्रों के माध्यम से लोगों को राशन का वितरण या रोकथाम क्षेत्रों में प्रवर्तन भी शामिल है।
इन 17 कोरोना वॉरियर्स के परिवार को मिलेगी एक करोड़ की सम्मान राशि
1-डॉ. अनिल कुमार वहल, सीएमओ (एसएजी)
डॉ. अनिल कुमार वहल नॉर्थ डीएमसी के कर्मचारी थे। उनको हिंदू राव अस्पताल में 20 जनवरी 1982 को स्थायी रूप से बतौर सीएमओ(एसएजी) तैनात किया गया था। उन्हें खांसी और सांस लेने में दिक्कत होने पर कोविड आईसीयू में भर्ती किया गया था। उनका कोविड-19 न्यूमोनिया दिशानिर्देशों के आधार पर इलाज किया गया। इसके बावजूद, डॉ. अनिल कुमार वहल को 11 मई 2021 को अचानक कॉर्डियो पल्मोनरी अरेस्ट का सामना करना पड़ा। पूरे प्रयासों के बाद भी उनको नहीं बचाया जा सका ये नहीं जा सके और उन्हें 11 मई 2021 को मृत घोषित किया गया।
2-डॉ. पर्पेटुआ मिन तिग्गा, सीएमओ (एसएजी)
डॉ. पर्पेटुआ मिन तिग्गा एमसीडी के तिलक नगर स्थित एम-सीडब्ल्यू सेंटर में तैनात थे। इस दौरान वो मरीजों को दवा वितरण और बातचीत के दौरान उनके सीधे संपर्क में आती थी। इसके अलावा एएनएम और आशा के साथ क्षेत्रों का दौरा भी कर रही थी। वे अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित थी और हमेशा मदद के लिए तैयार रहती थीं। वे कोविड-19 के संबंधित अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वाहण करते समय कोरोना से संक्रमित हो गई। 27 अप्रैल 2021 को कोविड-19 जांच में वो संक्रमित पाए गए और 03 मई 2021 को उनका निधन हो गया।
3- प्रदीप कुमार, नर्सिंग ऑर्डरली
प्रदीप कुमार को 21 अक्टूबर 2020 को डीजीडी मजरा डबास में नर्सिंग ऑर्डरली के रूप में तैनात किया गया था और वह कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार अपने कर्तव्य का निर्वाहण कर रहे थे। वो सेंटर में कोविड-19 की जांच की सुविधा प्रदान करने और वाहन में कोविड-19 आरटीपीसीआर सैंपल नमूना का बॉक्स पहुंचाने की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे। इसके अलावा, उन्होंने मजरा डबास में कोविड-19 टीकाकरण की सहायकता करने में भी शामिल थे, जिसमें टीकाकरण के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक्स का इंतजाम करने में भी लगाया गया था। इस दौरान वो संक्रमित हो गए और 26 मई 2021 को उनका निधन हो गया।
4-डॉ. शीला छोकर, मेडिकल ऑफिसर
डॉ. शीला छोकरा दिल्ली सरकार के नॉर्थ वेस्ट जिले में स्थित सवदा घेवरा की डिस्पेंसरी सवदा घेवरा में मेडिकल ऑफिसर (आईडीएचएस-एनडब्ल्यू) के रूप में तैनात थीं। वहां वो कोविड-19 मरीजों के सीधे संपर्क में थीं। इस वजह से वो कोरोना संक्रमित हो गई। उनको बचाने के तमाम प्रयास विफल साबित हुए और 04 मई 2020 उनका निधन हो गया।
5- डॉ. हरपाल सिंह, एम्पेनल्ड डॉक्टर
डॉ. हरपाल सिंह आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक में तैनात थे। उन्होंने 15 अक्टूबर 2019 से 27 अप्रैल 2021 तक पश्चिम जिले के एएमसी शिवराम पार्क, निलोथी में काम किया। 30 अप्रैल 2021 को उनको एनजीएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पंजाबी बाग में भर्ती कराया गया था और 10 मई 2021 को उनका निधन हो गया।
6- डॉ. अरविंद झा, मेडिकल सुपरइंटेंडेंट (ईएनटी सर्जन)
डॉ. अरविंद झा नई दिल्ली के द्वारका में ईएनटी आयुष्मान हॉस्पिटल में मेडिकल सुपरइंटेंडेंट और सलाहकार थे। वे मेडिकल प्रशासन के प्रमुख थे। उन्होंने ओपीडी और इनडोर रोगियों की देखभाल और कोविड-19 सक्रिय मामलों सहित मरीजों के प्रबंधन और देखभाल में सक्रिय भूमिका निभाई। ड्यूटी के दौरान वो कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उनका 22 अक्टूबर 2020 से 01 नवंबर 2020 तक आयुष्मान हॉस्पिटल, द्वारका में इलाज चला और होम आइसोलेशन में रखा गया। इसके बाद उनको साँस की समस्या होने पर 05 नवंबर 2020 को फिर से अस्पताल में भर्ती किया गया। तबीयत गंभीर होने पर उन्हें एसआरजीएच, नई दिल्ली में रेफर किया गया। लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका। 24 नवंबर .2020 को उनका निधन हो गया।
7. महावीर प्रसाद, फार्मासिस्ट
विभाग और कर्तव्य स्थलः राव तुला राम स्मारक अस्पताल, गवर्नमेंट ऑफ नेशनल (जीएनसीटीडी)
जैसा कि कोविड-19 कर्तव्य के लिए दिल्ली सरकार से प्रोन्नति के आदेश के बारे में अस्पताल ने हमें सूचित किया है कि इस संदर्भ में कोई आदेश इस अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। और वैसे भी, आरटीआरएम अस्पताल मृतक की मौत के समय कोविड अस्पताल नहीं था। उनकी मौत 20 अप्रैल 2021 को हुई।
8. पूनम नागर, नर्सिंग ऑफिसर
विभाग और कर्तव्य स्थलः जीटीबी अस्पताल
पूनम नागर की अस्पताल में गैर कोविड -19 क्षेत्र में तैनात थीं। जीटीबी अस्पताल को एक विशेष कोविड 19 अस्पताल घोषित किया गया था, इस कारण लक्षणमय रोगी और लक्षणहीन सहयोगी के अधिक गतिविधि हो रही थी। उस समय जो भी जीटीबी अस्पताल में काम कर रहे थे, उनको अन्य की तुलना में संक्रमित होने के अधिक खतरा था। वह ईएनटी ओटी (कोविड क्षेत्र में 5 नवंबर 2020 तक काम की और 14 नवंबर 2020 को संक्रमित पाई गईं। इससे 04 दिसंबर 2020 को उनकी मृत्यु हो गईं।
9. अनिल कुमार गर्ग, प्रबंधक (मैकेनिकल)
विभाग और कर्तव्य स्थलः दिल्ली परिवहन निगम, मुख्यालय
पूर्व प्रबंधक (मैकेनिकल) अनिल कुमार गर्ग कोविड-19 (ऑक्सीजन टैंकर प्रबंधन) के लिए दूसरी कोविड-19 की लहर के दौरान ऑचंडी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर तैनात थे। 05 मई 2021 को अनिल कुमार गर्ग कोरोना से संक्रमित हो गए। 10 मई 2021 को उन्हें मैक्स सुपर स्पेशैलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग में भर्ती किया गया। कोविड-19 के संक्रमण की वजह से 29 मई 2021 उनका निधन हो गया।
10. कृष्ण पाल, स्ट्रेचर बीयरर
विभाग और कर्तव्य स्थलः गुरु नानक आई सेंटर (जीएनईसी)
कृष्ण पाल प्रमुख रूप से वार्ड से सर्जरी थिएटर में रोगियों को ले जाने के लिए स्ट्रेचर बीयरर का काम कर रहे थे। वह 17 अप्रैल 2021 तक सक्रिय रूप से अपनी ड्यूटी कर रहे थे। 28 अप्रैल 2021 को उनका निधन हो गया।
11. राचेल जोसफ, क्वालिटी मैनेजर
विभाग और कर्तव्य स्थलः मेडियोर अस्पताल
राचेल जोसफ 30मार्च 2007 से गुणवत्ता प्रबंधक के रूप में मेडियोर अस्पताल, कुटुंब इंस्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली में काम कर रही थी। जब राचेल सेवाएं प्रदान कर रही थीं, तो अस्पताल में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के उपचार हो रहे थे। इस दौरान वो संक्रमित हो गई और तमाम प्रयासों के बाद भी 17 जून 2020 उनका निधन हो गया।
12. विवेक कुमार बिष्ट, प्रॉस्थेटिस्ट कम ऑर्थाेटिस्ट, ग्रेड-1
विभाग और कर्तव्य स्थलः आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर, सेंट स्टीफेन्स हॉस्पिटल
वह आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर में मरीजों को सेवाएं प्रदान कर रहे थे और उन्होंने कोविड-19 मरीज से सीधे संपर्क में थे। वे मरीजों के लिए ऑर्थाेसिस की माप लेने के लिए वार्ड्स में जाते थे। 13 जून 2020 को उन्होंने अपनी जान गंवा दी।
13. सुंदीप कुमार शर्मा, लेखा अधिकारी
विभाग और कर्तव्य स्थलः सेंट्रलाइज्ड एक्सीडेंट और ट्रॉमा सर्विसेस (कैट्स)
सुंदीप कुमार शर्मा अपनी जिम्मेदारियों के अलावा, कैट्स के प्रशासन अधिकारी/कार्यालय के प्रमुख की जिम्मेदारी का भी पालन कर रहे थे। कोविड के कारण उनका 03 जुलाई 2020 को निधन हो गया।
14. डॉ. उज्जल कुमार घोष, एम्पैनल्ड डॉक्टर
विभाग और कार्यस्थलः स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक, दिचाऊं कलां
डॉ. उज्जल कुमार घोष को सएनओ/एसपीओ एएमसी सेल द्वारका द्वारा एएमसी दिचाऊं कलां में एम्पैनल्ड डॉक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। यह कोविड केंद्र नहीं था, लेकिन यह बात भी सत्य है कि कोविड-19 महामारी के दौरान एएमसी में भारी ओपीडी थी। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि डॉक्टर/पैरामेडिक्स ने एएमसी से संक्रमण नहीं हो सकते थे। डॉ. उज्जल कुमार घोष ने लोगों की सेवा करते हुए 5 जून 2020 को अपनी जान गंवा दी।
15. सुनील दत्त, नर्सिंग ऑर्डरली
विभाग और कार्यस्थलः दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल
सुनील दत्त मुख्य आपातकालीन से कोविड आपातकालीन में रोगियों को ट्रांसफर कर रहे थे। ड्यूटी करते समय वो कोविड-19 से संक्रमित हो गए और 30 नवंबर 2020 को उनका निधन हो गया।
16. डॉ. चंद्रमणि साहू, एम्पैनल्ड डॉक्टर
विभाग और कार्यस्थलः स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक, शिव विहार, फेज-10
डॉ. चंद्रमणि साहू आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक शिव विहार फेज-10 में एम्पैनल्ड डॉक्टर के रूप में काम कर रहे थे और 12 नवंबर 2020 तक ड्यूटी पर थे। 18 नवंबर 2020 को उनको निधन हो गया।
17. अरुण सूद, फार्मासिस्ट
विभाग और कार्यस्थलः स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, एसपीयूएचसी समता विहार, आईडीएचएस सेंट्रल
अरुण सूद 28 अक्टूबर 2009 से स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के एसपीयूएचसी समता विहार में काम कर रहे थे। वे ड्यूटी के दौरान कोविड-19 मरीजों के सीधे संपर्क में आने संक्रमित हो गए और 29 मई 2021 को उनका निधन हो गया।