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किसान आंदोलन के चलते दिल्ली से सटे सभी बॉर्डर बंद, बस सेवा बाधित होने से लोग परेशान

हरियाणा पंजाब में किसान आंदोलन के चलते दिल्ली के सभी बॉर्डर
सील है।

जिससे दिल्ली कश्मीरी गेट अंतर्राजिय बस अड्डे तक हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल
ट्रांसपोर्ट की बसों को आने-जाने में काफी दिक्कतें हो रही है। ये कहना गलत नही है कि किसान आंदोलन
के चलते दिल्ली से बाहर की बस सेवा पूरी तरह से बाधित हो रही है।

हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल ट्रांसपोर्ट की दिल्ली में करीब 1000 से ज्यादा बसें चलती हैं और
इस समय करीब 10 के आसपास ही बसें चल रही है। जिसकी वजह से सवारियों को भी ज्यादा किराया
देना पड़ रहा है और बस का सफर इस दौरान यात्रियों के लिए सुरक्षित भी नही माना जा रहा है।
फिलहाल बसों के यात्रा करने वाली यात्री बसों की जगह अब रेल से यात्रा करना ज्यादा सुरक्षित मान रहे
है, यह कहना कश्मीरी गेट बस अड्डे के ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर का है।

दिल्ली से सटे सभी राज्यों बस सेवा बाधित
किसान आंदोलन के चलते दिल्ली और यूपी के सभी बॉर्डर पूरी तरह से सील है। हरियाणा, पंजाब,
चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश से दिल्ली के कश्मीरी गेट अंतर्राजिय बस अड्डे पर आने के लिए बस ड्राइवर
को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। दिल्ली में एंट्री करने के लिए ड्राइवर को सिंघी बॉर्डर से करीब 15
से 20 किलोमीटर पहले ही वैकल्पिक रास्तों से दिल्ली आना पड़ रहा है। जिसके लिए करीब तीन से चार
घंटे का समय दिल्ली आने में लग रहा है।

कश्मीरी गेट बस अड्डे के ट्रांसपोर्टिंग इंचार्ज इंपेक्टर जयकुमार ने बताया कि जितना समय चंडीगढ़ से
दिल्ली आने में लगता है, उतना ही समय अब बसों को हरियाणा के बहालगढ़ से कश्मीरी गेट बस अड्डे

तक आने में लगता है। बहालगढ़ सिंधु बॉर्डर से करीब 20 किलोमीटर पहले है, पिछले किसान आंदोला
को देखते हुए इस बार सरकार ने पहले से ही सख्त कदम उठाते हुए दिल्ली और यूपी के सभी बॉर्डर
सील कर दिए।

जिस कारण सभी बसों को बहालगढ़ से दिल्ली के एंट्री करने के लिए kmp और kgp
एक्सप्रेसवे पर करीब 100 किलोमीटर का लंबा अतिरिक्त सफर तय कर दिल्ली आना पड़ रहा है।
इसी वजह से सवारियों को किराया भी ज्यादा देना पड़ रहा है और बसों में सफर के दौरान यात्री भी
सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे है। अब ज्यादातर यात्री बस में यात्रा नहीं कर रेल के यात्रा करना पसंद कर
रही है, क्योंकि रेल का किराया भी काम है।

बता दें की दिल्ली में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल ट्रांसपोर्ट की 1000 से ज्यादा बस चल रही
है। जिसमें 600 बस हरियाणा सरकार, 200 बस पंजाब 125 से ज्यादा हिमाचल प्रदेश सरकार की है,
जबकि बाकी चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट की है। जिनमे हजारों यात्री रोजाना सफर करते है। अब केवल 5 से 10 ही
बस चल रही है। उसके लिए भी ड्राइवर और यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। जबतक किसान आंदोलन
चलेगा तब तक इसी तरह के हालता रहेंगे।

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