पिछले वर्ष की भांति भी पानी आया तो भी यमुना में बाढ़ नहीं आएगी : सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने आईटीओ बैराज कानिरीक्षण किया।
दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज नेमंगलवार को कहा कि इस बार राजधानी में बाढ़ नहीं आएगी, क्योंकि यमुना नदी को उसके पानी केप्रवाह के लिए साफ रास्ता मिल जाएगा।नदी से गाद निकालने के कार्य का जायजा लेने के लिए सौरभ भारद्वाज ने आईटीओ बैराज कानिरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बैराज हरियाणा सरकार के अधिकार क्षेत्र में है और
पिछले वर्ष दिल्ली में बाढ़ इसके गेट बंद करने के कारण आई थी।
मंगलवार को दिल्ली सरकार के बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यमुना के बाढ़ क्षेत्रका दौरा भी किया है।
इस दौरान उन्होंने कहा है, .सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने पूरी तैयारीकर ली है ताकि दिल्ली में यमुना में बाढ़ न आए और यमुना का पानी सड़कों पर न आए।मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि इस बार यमुना में बाढ़ न आए, इसके लिए पिछले 3 महीने सेकाम चल रहा है। पिछली बार जिन गेट के न खुलने से बाढ़ से भयंकर हालात बने थे, उन्हें खोलदिया गया है।
पिछले 3 महीने से पायलट कट पर बड़ी-बड़ी मशीनें द्वारा काम चालू है। सालों सेजमा हुई गाद के बीच में चैनल इस तरह बनाए गए हैं कि जैसे ही हरियाणा से पानी आएगा, यहसारी गाद बह जाएगी और और यमुना के पानी को निकलने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाएगी।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने-अपने मंत्रालयों के अधिकारियों को निर्देशजारी किए हैं कि दिल्ली की 70 विधानसभा में जहां-जहां पर भी उनके द्वारा अस्थायी और स्थायीपंप लगाए गए हैं,
उन पंप की लोकेशन की एक सूची और उन पंप को संचालित करने वालेअधिकारियों के नाम और फोन नंबर की एक सूची तैयार कर, उस विधानसभा के विधायक को मुहैयाकराई जाए, ताकि मानसून के समय में यदि कहीं पर भी जल भराव की स्थिति पैदा होती है, तोस्थानीय विधायक संबंधित अधिकारी से बातचीत कर उस समस्या का तुरंत प्रभाव से निवारण करवासके। इससे आम लोगों को भी सहूलियत मिलेगी।
बता दें कि पिछले साल दिल्ली में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हो गया था।
जुलाई महीने के अंत मेंयमुना का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा था, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कुछ हिस्सों में हुई भारीबारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना काजलस्तर रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गया था।
यमुना खतरे के निशान 204.49 मीटर से करीब 2 मीटरऊपर बह रही थी, जिसके चलते पूर्वी, उतरी और दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में पानी प्रवेश करकेगया था।