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फोर्टिस के डॉक्टरों ने दुर्लभ सर्जरी कर मरीज के पेट से निकाले 8125 स्टोन्स

गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, के डॉक्टरोंने एक दुर्लभ सर्जरी कर 70 वर्षीय मरीज के पित्ताशय से 8,125 स्टोन्स (पथरी) सफलतापूर्वकनिकालकर मरीज को पिछले लंबे समय से हो रही पीड़ा और बेचैनी से राहत दिलाई।

मरीज कई वर्षोंसे पेट के दर्द, बीच-बीच में बुखार आने, भूख न लगने और कमजोरी की शिकायत से जूझ रहे थेऔर उन्हें सीने में भी भारीपन महसूस हो रहा था।डॉ. अमित जावेद,सीनियरडायरेक्टर, गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल ओंकोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्चइंस्टीट्यूट, गुरुग्राम तथा डॉ नरोला येंगर, प्रिंसीपल कंसल्टेंट– जीआई, जीआई ओंकोलॉजी, मिनीमल
एक्सेस एंड बेरियाट्रिक सर्जरी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के नेतृत्व में डॉक्टरों कीकुशल टीम ने इस जटिल एवं चुनौतीपूर्ण मामले को संभाला और करीब घंटे भर चली सर्जरी के
दौरान मरीज के पेट में पित्ताशय की थैली से पथरी निकालकर उनकी वर्षों पुरानी तकलीफ का दूरकिया।

मरीज शुरुआत में इलाज को लेकर अनिच्छुक थे। लेकिन उनका दर्द लगातार बढ़ रहा था और उनकेनियंत्रण से बाहर हो गया, तो उन्हें नाजुक हालत में फोर्टिस गुरुग्राम लाया गया। यहां भर्ती करवानेपर उनके पेट का तत्काल अल्ट्रासाउंड किया गया जिसमें उनके पित्ताशय में काफी भारीपन दिखायीदिया। उनकी कंडीशन को देखते हुए, डॉक्टरों ने तुरंत मिनीमली इन्वेसिव लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करगॉल ब्लैडर (पित्ताशय की थैली) में जमा हजारों गॉलस्टोन्स को निकाला। यह सर्जरी करीब एक घंटेचली और 2 दिन बाद ही स्थिर अवस्था में मरीज को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई।

लेकिन,सर्जरी के बाद और भी लंबा काम बाकी था क्योंकि सपोर्ट टीम को मरीज के पित्ताशय से निकाले गएगॉलस्टोन्स की गिनती करनी थी। सर्जरी के बाद घंटों बैठकर टीम ने इस गिनती में पाया कि यहआंकड़ा आश्चर्यजनक रूप से 8,125 था।इस मामले की जानकारी देते हुए, डॉ अमित जावेद, डायरेक्टर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ओंकोलॉजी, फोर्टिसमेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा, ‘यह मामला वाकई दुर्लभ था, भले ही अभूतपूर्व न रहाहो।

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