गाजियाबाद :सप्ताह में एक दिन ‘नो हॉर्न डे’ की मांग
गाजियाबाद, शहर के समाजसेवी ने गाजियाबाद में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण कीरोकथाम के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। उन्होंने सप्ताह में एक दिन नो हॉर्न डे का नियमलागू करने की मांग की है। समाज सेवी सिकंदर यादव का कहना है कि प्रदूषण रोकने के लिए नगरनिगम प्रयासरत है, लेकिन ध्वनि प्रदूषण पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा।
तेज आवाज वालेवाहन, अनावश्यक हॉर्न, डीजे और कूड़ा संग्रह वाले वाहनों में बजने वाला तेज संगीत नागरिकों केसाथ-साथ पक्षियों और पालतू पशुओं पर असर डाल रहा है। उन्होंने पत्र में अनावश्यक हॉर्न रोकने,कूड़ा गाड़ियों में तेज संगीत पर प्रतिबंध लगाने, विवाह समारोहों में देर रात तक डीजे बजने परसख्ती से रोक, सड़कों पर झाड़ू लगाते समय धूल रोकने को पानी का छिड़काव अनिवार्य करने और
शहर के प्रतिष्ठानों को सड़क किनारे हरियाली बढ़ाने के सुझाव दिए।

यादव ने अस्पताल, स्कूल औरधार्मिक स्थलों के आसपास ‘नो हॉर्न ज़ोन’ और सप्ताह में एक दिन ‘नो हॉर्न डे’ लागू करने की भीमांग की है। उनका कहना है कि इन कदमों से नागरिकों, बुजुर्गों, छात्रों और पक्षियों को बड़ी राहतमिलेगी। उन्होंने प्रशासन से ध्वनि प्रदूषण को वायु प्रदूषण जितनी गंभीरता से लेते हुए शीघ्र कार्यवाहीकी अपील की है।

