गुरु पूर्णिमा पर अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी में उमड़े श्रद्धालु लगाई आस्था की डुबकी
आस्था की डुबकी
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर आज देश भर से श्रद्धा, भक्तिऔर आस्था की तस्वीरें सामने आईं। अयोध्या का सरयू तट हो, प्रयागराज का त्रिवेणी संगम याकाशी का गंगा घाट, हर जगह श्रद्धालु उमड़ पड़े। स्नान, पूजन और गुरु वंदना के माध्यम से लोगोंने अपने श्रद्धाभाव को प्रकट किया।अयोध्या धाम में इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व बेहद भव्य और ऐतिहासिक रहा। सरयू नदी के पवित्रघाटों पर श्रद्धालु तड़के ब्रह्म मुहूर्त से ही जुटने लगे।
महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ स्नान कर मां सरयू का आशीर्वाद लिया। इसके बाद श्रद्धालु मठ-मंदिरों में पहुंचकरअपने गुरुओं के दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त करते नजर आए। चारों ओर हर-हर महादेव और जय गुरुदेव के जयकारे गूंजते रहे।प्रयागराज में भी गुरु पूर्णिमा पर भक्तों का जनसैलाब त्रिवेणी संगम पर उमड़ा। देश के कोने-कोने सेआए श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य लाभ कमा रहे हैं।

स्नान के बाद लोग दान-दक्षिणा देकर अपने मठों और संतों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। देश केकोने-कोने से श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त से ही त्रिवेणी की पावन धारा में आस्था की डुबकी लगाने के साथ-साथ दान पूर्ण कर रहे हैं। प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए। घाटों परपुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती रही।श्रद्धालु राकेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा में डुबकी लगाकर मां गंगा काआशीर्वाद लिया और पंडित जी को दान-दक्षिणा दी। अब अपने संत-महात्माओं से आशीर्वाद लेंगे औरसत्संग में भाग लेंगे। वहीं, एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि गुरु पूर्णिमा आत्मा की जागृति का दिनहै।
गुरु ही वह शक्ति है जो हमें परमात्मा से जोड़ती है और सही मार्ग दिखाती है।गुरु पूर्णिमा को लेकर पुरोहित गोपाल दास ने कहा कि गुरु की महिमा का उत्सव मनाने का दिन हीगुरु पूर्णिमा है। गुरु ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग दिखाते हैं।अयोध्या और प्रयागराज के अलावा, वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़उमड़ पड़ी। हालांकि गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और घाट की सीढ़ियां जलमग्न हो चुकी हैं,लेकिन श्रद्धा में कोई कमी नहीं दिखी। लोग सुरक्षित स्थानों से गंगा स्नान कर रहे थे। कई श्रद्धालुपानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते और गंगा जल से पूजन करते नजर आए।
प्रशासन ने यहां भीसुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर रखे हैं। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें भी सतर्क रहीं। बनारसमें स्नान के बाद श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए निकल पड़े।