अंकुर बुटीक में प्री-करवाचौथ सेलिब्रेशन: सुहागनों की मुस्कान से सजा उत्सव
प्री-करवाचौथ सेलिब्रेशन
पंचकूला सेक्टर-16 स्थित अंकुर बुटीक में करवाचौथ के पवित्र पर्व से पहले एक रंगारंग और उल्लासपूर्ण प्री-करवाचौथ सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की भव्य मेज़बानी अंकुर बुटीक की संचालिका प्रिया मित्तल ने की, जिन्होंने इस उत्सव को महिलाओं के बीच मिलन, आनंद और आस्था का प्रतीक बना दिया।
रंग, श्रृंगार और उमंग से महका माहौल
सुबह से ही कार्यक्रम स्थल पर चहल-पहल देखने लायक थी। पारंपरिक पोशाकों में सजी महिलाएं जब एक-दूसरे से मिलीं, तो मानो रंगों और मुस्कानों का सागर उमड़ पड़ा। सोलह श्रृंगार से सजी हर महिला की चमक अपने आप में करवाचौथ के पवित्र भाव का प्रतीक बन गई।मंच को फूलों, रंगीन पर्दों और पारंपरिक सजावट से इस तरह सजाया गया था कि पूरा स्थल एक सांस्कृतिक मेले जैसा लग रहा था।

गेम्स, म्यूज़िक और झूमता डांस फ्लोर
प्रिया मित्तल की पुत्रवधू आकृति मित्तल ने कार्यक्रम की कमान संभाली और एक से बढ़कर एक मनोरंजक खेलों का आयोजन किया। तंबोला, म्यूज़िक चेयर, क्विक राउंड क्विज़ और कई सरप्राइज गेम्स में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।विजेताओं को आकर्षक उपहार देकर सम्मानित किया गया, जिससे हर चेहरे पर मुस्कान खिल उठी। कार्यक्रम के दौरान डीजे की धुनों पर महिलाओं ने जमकर डांस किया — पारंपरिक गीतों से लेकर बॉलीवुड नंबर्स तक, माहौल तालियों और हंसी से गूंज उठा।
श्रद्धा और स्वदेशी का संदेश
इस मौके पर प्रिया मित्तल ने करवाचौथ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि,यह व्रत सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि पति-पत्नी के अटूट विश्वास, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर चाँद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलती हैं, जो उनकी आस्था की गहराई को दर्शाता है।उन्होंने सभी महिलाओं से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील भी की, ताकि स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प को प्रोत्साहन मिल सके।
महिलाओं को मंच देने की पहल
प्रिया मित्तल ने बताया कि अंकुर बुटीक सिर्फ एक बुटीक नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त और आत्मविश्वासी बनाने का एक मंच है। उन्होंने गर्व से कहा कि हर आयोजन में उनकी पुत्रवधू आकृति मित्तल और अरुणा का अहम योगदान रहता है।हम चाहते हैं कि हर महिला खुद को सम्मानित और आत्मनिर्भर महसूस करे। यह मंच उनके हुनर, रचनात्मकता और आत्मविश्वास को उजागर करने का जरिया है।
स्वाद और संगीत के संग यादगार शाम
कार्यक्रम के अंत में महिलाओं के लिए स्वादिष्ट व्यंजनों की विशेष व्यवस्था की गई। पारंपरिक पकवानों की खुशबू और संगीत की मधुरता ने शाम को यादगार बना दिया।महिलाओं ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन न सिर्फ मन को खुश करते हैं बल्कि समाज में एकता और आपसी प्रेम का संदेश भी देते हैं।
उपस्थित महिलाओं ने प्रिया मित्तल, अरुणा मित्तल और आकृति मित्तल की टीम भावना और इस शानदार आयोजन के लिए दिल से आभार जताया।अंकुर बुटीक का यह प्री-करवाचौथ आयोजन सिर्फ मनोरंजन नहीं था, बल्कि आस्था, संस्कृति और महिला सशक्तिकरण का खूबसूरत संगम बन गया।

