केदारनाथ धाम में रक्षाबंधन से पूर्व रात्रि में मनाया जायेगा अन्नकूट त्योहार
केदारनाथ धाम में रक्षाबंधन
श्री केदारनाथ धाम श्रावण शुक्ल पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन से पहलेश्री केदारनाथ धाम में भतूज अर्थात अन्नकूट त्योहार रविवार रात्रि उल्लास पूर्वक मनाया जायेगा।इस अवसर पर, हक-हकूकधारी देर रात्रि भगवान केदारनाथ को उबले चावलों अर्थात भात का भोगलगायेंगे तथा ब्रह्म मुहूर्त में पके चावलों एवं नये अनाज के भोग को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित करदिया जायेगा।श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने आज अपराह्नयह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मान्यता है कि इस बरसात में नये अनाज में जो विष उत्पन्नहोता है, भगवान शिव उस विष को अवशोषित कर अपने में धारण कर लेते है तथा अनाजों का विषसमाप्त हो जाता है। इस प्रकार भगवान शिव जनकल्याण करते है।
डा. गौड़ ने बताया कि भतूज के दिन भगवान केदारनाथ को नये धान के के उबले चावलों, अर्थातभात के साथ ही नये अनाजों का भी भोग लगाया जाता है। इसके लिए बीकेटीसी एवं हक-
हकूकधारियों ने तैयारी की है। उन्होंने बताया कि आज शाम को भगवान केदारनाथ जी की आरती एवंपूजा समाप्ति पश्चात, हकूहकधारी भगवान केदारनाथ को नया अनाज चढाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।उन्होंने बताया कि भतूज में पंचगाई गांव उखीमठ, पंच भंडार, रूद्रपुर के हक-हकूकधारी शामिल रहेंगेतथा भतूज अन्नकूट त्योहार संपादित करवायेंगे। रात दस बजे से नये धान के चावलों को पका कर,मध्य रात्रि को पके चावलों के भोग से भगवान केदारनाथ जी के स्वयंभू शिवलिंग को ढ़का जायेगातथा श्रृंगार किया जायेगा। साथ ही, माता अन्नपूर्णा की भी पूजा की जायेगी। तत्पश्चात, ब्रह्म मुहुर्तमें शिवलिंग से पके चावलों को उतार कर, मंदाकिनी नदी में बहा दिया जायेगा।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भी देर रात्रि को भतूज त्योहारधूमधाम से मनाया जायेगा। इस अवसर पर मंदिर को दानीदाताओं द्वारा फूलों से सजाया गया है।