केजरीवाल सरकार ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्मदिन पर “शहीद उत्सव” का आयोजन कर स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद
दिल्ली सरकार द्धारा भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और संघर्ष को याद करने और अमर शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर उनका सम्मान करने के लिए त्यागराज स्टेडियम में “शहीद उत्सव” का आयोजन में किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि दिल्ली के पर्यावरण एवं सामान्य प्रशासन मंत्री श्री गोपाल राय रहे। समारोह में अमर शहद भगत सिंह के छोटे भाई की पोती अनुष प्रिया संधु, स्वतंत्रता सेनानी और शहीदों के परिवार एवं बड़ी संख्या में स्कूल-कॉलेज के छात्र शामिल हुए । इस अवसर पर सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमारे युवाओं को शहीद भगत सिंह के विचारों से परिचित होना चाहिए।
युवाओं को नई राह दिखाने के लिए भगत सिंह के विचार कल भी जिंदा थे, आज भी जिंदा हैं और भविष्य में भी जिंदा रहेंगे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान अतुलनीय है। इस दौरान कलाकारों ने अमर शहीद भगत सिंह के जीवन पर नाटक का मंचन भी किया।
पर्यावरण एवं सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल राय ने स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे बताते हुए कहा कि हमारे युवाओं को शहीद भगत सिंह के विचारों से परिचित होना चाहिए। उन्होंने समाज, कृषि और इतिहास के मुद्दों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि हमें शहीद भगत सिंह से बहुत कुछ सीखना चाहिए, क्योंकि वह हमेशा समानता, शिक्षा के महत्व, भाषाओं और पूर्ण स्वतंत्रता की बात करते थे। श्री राय ने कहा कि शहीद उत्सव एक अनूठी पहल है, जिसमें हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को याद किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आर. माधवन को भी सम्मानित किया गया।
सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों ने समय-समय पर निरंतर अंग्रेजों के साथ संघर्ष किया और भारत को आजाद करवाया। आज हम केवल स्वतंत्रता सेनानियों के महत्वपूर्ण योगदान की वजह से खुली हवा में सांस ले रहे हैं, जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। आज हमारी सरकार ने इन्ही सेनानियों को याद करते हुए इस शहीद उत्सव का आयोजन किया है।
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि भारत विश्व गुरू बन सकता है और हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपने का भारत बना सकते है, लेकिन आज लोगों के दिलों में एक-दूसरे के प्रति नफरत पैदा करके उन्हें अलग करने का काम किया जा रहा है। हम सबको मिलकर इससे लड़ना पड़ेगा और यह लड़ाई हथियारों से नहीं बल्कि विचारों से लड़ना पड़ेगा।