बिजनेस

India International Traid Fair में खादी इंडिया पवेलियन दिखा रही 'वोकल फॉर लोकल' की झलक

दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित ट्रेड फेयर में खादी और
ग्रामोद्योग आयोग द्वारा इस बार वोकल फॉर लोकल की झलक दिख रही है. इसको नए भारत की नई
खादी के उत्पादों का नाम दिया गया है. इस हॉल में एक ऐसी महिला ने स्टॉल लगाया है, जिसने मंदिरों
के वेस्ट पूजन मैटेरियल से निर्मित अगरबत्ती, धूप बत्ती व अन्य कई तरह के इस्तेमाल की जाने वाली
वस्तुओं को प्रदर्शित किया है. खास बात है कि पूनम सिंह ने इस व्यवसाय से 2000 अन्य महिलाओं को
जोड़ा है. वह गुड़गांव की रहने वाली है.

दिल्ली में प्रदूषण अहम मुद्दा है. इसको देखते हुए जिन लोगों को अस्थमा या चेस्ट इन्फेक्शन है.
डॉक्टर ने उनको घर के अंदर धूपबत्ती या अगरबत्ती जलाने से मना किया है. पूनम ने बताया कि बाजार
में प्रोडक्ट्स मिलते हैं. उनमें 80 फीसदी कोयला होता है, जो हेल्थ के लिए काफी हानिकारक होता है.
उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स में 80 फीसदी कोयले की जगह फूल का इस्तेमाल किया है. साथ की हवा को
शुद्ध करने वाली जड़ी बूटियों का मिश्रण मिलाया गया है. यह घर में एयर प्यूरिफायर की तरह काम
करेंगी. पूनम ने बताया कि ज्यादातर लोग अपने घर में स्थापित मंदिर में स्वास्तिक और ॐ का स्टीकर
लगाते हैं, जो प्लास्टिक से बना होता है.

इससे भी पर्यावरण दूषित होता है. इसको देखते हुए उन्होंने
नेचुरल हर्बल प्रोडक्ट्स से स्वास्तिक और ॐ बनाए हैं. इसे पूजा करने के स्थान पर रखा जा सकता है.
इस बार खादी इंडिया पवेलियन को आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप तैयार किया गया है. केवीआईसी के
अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में खादी सबसे विश्वसनीय ब्रांड बन चुका
है,

जिसकी झलक खादी इंडिया पवेलियन में प्रदर्शित उत्पादों में स्पष्ट दिख रही है. उनके दूरदर्शी नेतृत्व
में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की दिशा में खादी ने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं. बताया कि खादी
इंडिया पवेलियन में 214 स्टालों पर भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के कारीगरों द्वारा निर्मित भारत की
समृद्ध विरासत, शिल्प कौशल और हस्त कला को प्रदर्शित किया जा रहा है. 40% से अधिक स्टॉल
‘खादी’ निर्माण से जुड़ी संस्थाओं को आवंटित है.

शेष स्टॉल में ग्रामोद्योग, पीएमईजीपी और स्फूर्ति की इकाइयों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है.
खादी इंडिया पवेलियन का उद्देश्य देश के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित करना और
प्रधानमंत्री मोदी ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा देना है.

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