दिल्ली

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बोले सीएम केजरीवाल, ‘‘हम रामराज्य की अवधारणा से प्रेरणा लेकर दस सिद्धांतों पर चला रहे दिल्ली में सरकार

रामराज्य की अवधारणा से प्रेरणा लेकर हम दिल्ली में सरकार चला रहे हैं। इसके लिए हमारी सरकार 10 सिद्धांतों पर काम कर रही है। दिल्ली में कोई भूखा नहीं सोना चाहिए

इसके लिए हमारी सरकार गरीबों को फ्री राशन और बेघरों को रैन बेसेरों में छत व खाना मुहैया करा रही है। सभी को हम एक समान व अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं, फ्री व 24 घंटे बिजली के साथ गरीबों को मुफ्त पानी दे रहे हैं, बुजुर्गों को तीर्थयात्रा करा रहे हैं। बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं का बसों में सफर और तीर्थयात्रा मुफ्त होने की वजह से पूरे देश में आज सबसे कम महंगाई दिल्ली में है। हमारा मानना है कि हमें ऐसी शासन व्यवस्था कायम करनी चाहिए, जिसमें सबको बराबरी का हक व अवसर मिले और सभी आपस में प्यार से रहें। गुरुवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के उपरांत सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। हम कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अयोध्या दर्शन कराने के लिए लेकर जाएं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। गणतंत्र दिवस समारोह की शुरूआत ‘वंदेमातम्’ गीत के साथ हुई। इस दौरान सीएम ने परेड की सलामी ली और पूरा स्टेडियम भारत माता के जयकारे से गूंज उठा। परेड कमांडर के अनुरोध पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुली जीप में सवार होकर विभिन्न परेड टीमों का निरीक्षण किया। जिसमें दिल्ली पुलिस, दिल्ली होम गार्ड, दिल्ली फायर सर्विस, एनसीसी, दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों के दल समेत अन्य दल शामिल थे।

देश को सुरक्षित रखने और विकास में योगदान देने वाले सभी लोगों को हम सलाम करते हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने भारत माता की जय और इंकलाब के जयकारे के साथ गणतंत्र दिवस समोराह को संबोधित किया। उन्होंने दिल्ली और देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम करते हैं, जिन्होंने बड़ी से बड़ी शहादत देकर हमारे देश को आजादी दिलाई। आज हम अपने उन सभी जाबाज सैनिकों को सलाम करते हैं जिन्होंने आजादी के बाद 75 साल हमारे देश की सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की रक्षा की। हम उन किसानों, मजदूरों, उद्योगपतियों और व्यापारियों, वैज्ञनिकों, महिलाओं और युवाओं को भी सलाम करते हैं, जिन्होंने इन 75 साल में देश का विकास करने के लिए अपना योगदान दिया।

भगवान श्रीराम के संदेश को हमें अपने जीवन में ढालने की कोशिश करनी चाहिए- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला का प्राण प्रतिष्ठा किया गया। यह पूरे देश और विश्व के लिए एक बेहद गर्व, खुशी और बधाई की बात थी। चारों तरफ लोगों ने खूब उत्सब मनाया। एक तरफ जहां हमें श्री रामचंद्र जी की भक्ति करनी है, वहीं, दूसरी तरफ हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर उनके संदेश को अपने जीवन में ढालने की कोशिश करनी है। उनका जीवन बेहद प्रेरणादायी है। उनके जीवन से हमें कई किस्से मिलते हैं जो हमें बड़े से बड़े त्याग, प्यार और मोहब्बत का संदेश देते हैं। हम सब जानते हैं कि किस तरह से अपने पिताजी के एक आदेश पर अपना राजपाट त्यागकर भगवान राम वनवास चले गए। जबकि अगली सुबह उनका राज्याभिषेक होने वाला था। अयोध्या में इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई थीं।

सभी अयोध्यावासी हर्षाेल्लास में झूम रहे थे। वो बहुत खुश थे कि कल सुबह भगवान राम अयोध्या के राजा बनेंगे। अचानक शाम के वक्त भगवान राम के पास संदेशा आता है कि राजा दशरथ उन्हें अपने कमरे में बुला रहे हैं। भगवान राम दशरथ के कमरे में जाते हैं और वहां देखते हैं कि दशरथ बहुत दुखी मन से बैठे हैं, माता कैकई भी उनके पास हैं। कमरे में जाने के बाद माता कैकई उनको कहती हैं कि महाराज ने मुझे दो वर दिए हैं और मैंने उनसे वो दोनों वर मांगे हैं। पहला वर कि भगवान राम को 14 वर्ष के लिए वनवास जाना होगा और दूसरा वर कि उनकी जगह भरत को अयोध्या का राजा बनाया जाएगा।

भगवान श्रीराम के जीवन से हमें मां-बाप की आज्ञा का पालन, निःस्वार्थ सेवा और त्याग करने की सीख मिलती है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं सोच रहा था कि अगर यह आज का परिप्रेक्ष्य होता, जब पूरे अयोध्यावासी भगवान राम के साथ थे, वो भगवान राम को प्यार करते थे। अगर भगवान राम यह आदेश मानने से मना कर देते तो भी अयोध्या उनके साथ खड़ी होती। लेकिन भगवान राम तो भगवान थे, उन्हें किसी राजपाट से मोह नहीं था। उन्होंने माता कैकई और महाराज दशरथ को कहा कि ‘रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई’ आपके वचन का पालन होगा। उन्होंने दो मिनट के अंदर निर्णय लिया कि वो राजपाट नहीं संभालेंगे और 14 वर्षों के लिए वनवास जाएंगे। बिना किसी दुख और गम के चेहरे पर मुस्कान के साथ भगवान राम ने खुशी-खुशी 14 वर्ष के लिए वनवास चले गए। इससे हमें सीख मिलती हैं कि हमें अपने मां-बाप की आज्ञा का पालन करना चाहिए। और इससे हमें सीख मिलती है कि हमें निस्वार्थ भाव से सेवा करनी चाहिए। इससे हमें सीख मिलती है कि हमें किसी तरह का त्याग करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

आज खुद को रामभक्त कहने वाले दो भाई जमीन जायदाद के लिए लड़ रहे हैं, जबकि भगवान राम ने राजपाठ छोड़ दिया था- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ भगवान राम जब वनवास के लिए गए तो उस वक्त भरत अपनी नानी के घर गए हुए थे। वो अयोध्या में नहीं थे। जब भरत अयोध्या लौट कर आए और उन्हें पता चला कि उनकी माता ने महाराज दशरथ को कहकर भगवान राम को 14 वर्षों के लिए वनवास भेज दिया है तो उन्हें ये बर्दाश्त नहीं हुआ। भरत राम के पीछे-पीछे वनवास गए और वन में भगवान राम को ढूंढ कर उनके पैरों में गिर जाते हैं और कहते हैं कि हे भगवन! यह राजपाट मेरा नहीं है, आप वापस चलिए और वापस चलकर राजपाट संभालिए। इस पर भगवान राम कहते हैं कि नहीं भरत! यह राजपाट तुम्हारा है। मुझे लगता है कि पूरे मानव जाति के इतिहास में इस तरह का सुंदर दृश्य देखने को शायद कभी नहीं मिला होगा। जिसमें दो भाई एक दूसरे को राज्य देने के लिए लड़ रहे हैं लेकिन आज के जमाने में भाई एक दूसरे से जमीन लेने के लिए लड़ाई करते हैं। इसके बाद भरत भगवान राम की खड़ाऊ सिंहासन पर रखकर उनके नाम से शासन चलाते हैं। आजकल के जमाने में क्या होता है कि अगर एक सेठ के दो बेटे हैं। उसकी मौत पर दोनों बेटों में जमीन जायदाद को लेकर झगड़े शुरु हो जाते हैं। दोनों भाई अपने आपको राम का भक्त मानते हैं लेकिन दोनों जमीन के लिए कोर्ट में एक दूसरे से लड़ रहे हैं। आसमान से भगवान राम ऐसे भक्तों को देखकर दुखी होते होंगे कि ये मेरे कैसे भक्त हैं जो मेरा संदेश भी नहीं मानते हैं। हमें भगवान राम के जीवन को अपने जीवन में ढालना है, उनके संदेश को अपने जीवन में ढालना है।

भगवान श्रीराम जाति को नहीं मानते थे, जबकि आज हमारा समाज जाति के आधार पर बंटा हुआ है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भगवान राम जाति को नहीं मानते थे, वो जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते थे। जब भगवान राम वनवास गए तो चारों तरफ ये बात फैल गई कि वो वनवास आए हैं। बड़े-बड़े राजा उनके दर्शन करना चाहते थे, वहीं वन में एक माता शबरी रहती थीं, वो एक छोड़ी जाति से आती थीं और छुआछूत से प्रताड़ित थीं। माता शबरी भगवान राम की परम भक्त थी, भगवान राम बड़े-बड़े राजाओं को दर्शन देने के लिए उनके महलों में नहीं गए लेकिन गरीब शबरी की झोपड़ी में उसे दर्शन देने के लिए गए। उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर खाए और कहा कि उन्होंने जीवन भर कभी इतना अच्छा आहार नहीं खाया। कोई मेरा भक्त प्यार से जो भी खिलाएगा वो मुझे मंजूर है। भगवान राम ऐसे थे, जो जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करते थे। आज हमारा समाज जाति के आधार पर पूरा बंटा हुआ है।

रामराज्य में किसी को कोई दुख नहीं था और सभी लोग आपस में प्रेम से रहते थे- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके आते है और अयोध्या के राजा बनते हैं। उनके राज में चारों ओर सुख शांति और विकास ही विकास है। लोगों को कोई परेशानी नहीं थी। इतिहास में इसे रामराज्य की परिभाषा दी गई है। जब रामराज्य की बात की जाती है तो कहा जाता है कि पूरे मानव जाति के इतिहास में इस तरह का सुख शांति वाला अच्छा शासन कभी नहीं हुआ। रामायण में इसकी व्याख्या भी की गई है। जिसमें लिखा गया है कि रामराज्य में दैहिक, दैविक और भौतिक दुःख किसी को नहीं थे और सब लोग नीतियों के हिसाब से अपने-अपने धर्म का पालन करते थे और आपस में प्रेम से रहते थे। आज दिल्ली के अंदर हम लोग रामराज्य की अवधारणा से प्रेरणा लेकर अपनी सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं। रामायण के अंदर रामराज्य की जो परिभाषा दी गई है उसे हमने दस सिद्धांतों में संजोया है।

इन 10 सिद्धांतों पर चल रही दिल्ली में ‘‘आप’’ की सरकार

1- कोई भूखा नहीं सोए

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहला सिद्धांत है कि रामराज्य के अंदर कोई भूखा नहीं रहता। हमारी कोशिश है कि दिल्ली के अंदर कभी कोई भूखा न रहे। जो गरीब लोग हैं, हम उन्हें मुफ्त में राशन देते हैं। बेघर लोगों के लिए हमनें नाइट शेल्टर की व्यवस्था की है। मैं ये नहीं कहता कि हमने 100 फीसद सफलता हासिल कर ली है, लेकिन हमारी कोशिश रहती है कि दिल्ली में कोई भूखा नहीं सोना चाहिए।

2- सबको समान व अच्छी शिक्षा

हमारा दूसरा सिद्धांत है कि सबको एक समान और अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। भगवान राम के समय सभी को गुरुकुल में शिक्षा दी जाती थी। और हर जाति का चाहे वो राजा का बेटा हो या रंक का, सभी लोग गुरुकुल में एक साथ शिक्षा ग्रहण करते थे। आज हमारे देश में पिछले 75 सालों से एक प्रथा चल पड़ी है कि अमीरों के बच्चे प्राइवेट स्कूल में जाते हैं और गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई नहीं होती है, जिससे गरीब, गरीब ही रह जाता है और अमीर, अमीर होता जाता है। गरीब के बच्चों का कोई भविष्य नहीं होता और अमीरों के बच्चे ही डॉक्टर और इंजीनियर बनते जाते हैं। पिछले 8-9 सालों के अंदर हमने दिल्ली के अदर इस प्रथा को बदला है। अब दिल्ली में गरीबों बच्चों को भी अच्छी से अच्छी शानदार शिक्षा मिलने लगी है। गरीबों के बच्चों को समान शिक्षा मिलने लगी है। अब प्राइवेट स्कूलों से नाम कटाकर अमीर लोग भी अपने बच्चों का नाम सरकारी स्कूलों में लिखवा रहे हैं। एक ही डेस्क पर अमीर और गरीब का बच्चे बैठ कर साथ पढ़ रहे हैं। अब गरीबों के बच्चों को अच्छा भविष्य मिलने लगा है और उनके बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर और वकील बनने लगे हैं। जो रामराज्य से प्रेरणा लेकर हमने दिल्ली के अंदर सभी बच्चों को समान और अच्छी शिक्षा देना शुरु किया है।

3- सबको समान और अच्छा इलाज मिले

तीसरा सिद्धांत अगर कोई बीमार हो जाए तो सबको समान और अच्छा इलाज मिलना चाहिए। पैसे के अभाव में किसी का इलाज रुकना नहीं चाहिए। इसके अभाव में किसी की मौत नहीं होनी चाहिए। पहले जैसे पूरे देश में गरीब लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में जाते हैं, वहां इलाज के नाम पर कुछ नहीं होता। अमीर लोग बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों में जाते हैं। गरीबों के पास इसके लिए पैसा नहीं है। आज इलाज इतना महंगा हो गया है कि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने जाओ तो सारी जमीन जायदाद बिक जाती है। दिल्ली के अदर हमने सरकारी अस्पतालों को शानदार बनाया, मोहल्ला क्लीनिक और पॉली क्लीनिक खोले और अब महिलाओं के लिए मोहल्ला क्लीनिक खोल रहे हैं। सारी दवाइयां फ्री कीं, सारा इलाज मुफ्त किया। आज दिल्ली के अंदर चाहे वो अमीर हो या गरीब सभी को समान और अच्छा इलाज मिलना चालू हुआ है। अभी और भी बहुत कुछ होना बाकी है। इसका मतलब ये नहीं है कि हमनें 100 फीसदी सब कुछ अच्छा कर दिया है लेकिन उस दिशा के अंदर काफी बड़े काम हुए हैं।

4- सबको 24 घंटे बिजली मिले

हमारा चौथा सिद्धांत है कि सबके घर में 24 घंटे बिजली आनी चाहिए। अगर कोई गरीब है और उसके पास बिजली का बिल देने के लिए पैसे नहीं है तो भी उसके घर बिजली आनी चाहिए। आज बिजली कोई ऐशो अराम की चीज नहीं है, बल्कि सभी की जरूरत बन गई है। हमारी सरकार बनने से पहले दिल्ली में 7 से 8 घंटे के लंबे पावर कट लगते थे। आज ही अखबार में एक रिपोर्ट छपी है, जिसमें केंद्र सरकार ने सारे राज्यों का सर्वे करवाया है। उस सर्वे में ये बताया गया है कि बिजली देने के मामले में दिल्ली की तीनों कंपनियां नंबर वन हैं। दिल्ली में अब पावर कट नहीं लगते, अब 24 घंटे बिजली आती है और मुफ्त बिजली आती है। लोगों के पास बिजली के बिल जीरो आते हैं। दिल्ली में लगभग 70 से 73 फीसदी लोग जो मध्यम और गरीब वर्ग से हैं, उन्हें फ्री मिल रही है।

5- सबको पीने का साफ पानी मिले

सीएम ने कहा कि हमारा पांचवा सिद्धांत है कि सबको पीने का साफ पानी मिलना चाहिए। दिल्ली में हमारी सरकार बनने के पहले पानी इतना महंगा था कि लोगों के 10 से 15 हजार रुपए पानी के बिल आते थे। कई इलाकों के अंदर पानी नहीं था। आज कई इलाकों में हमनें पानी पहुंचाया है, हालांकि कई इलाके अभी बाकी हैं, जहां पानी की सप्लाई पहुंचाने के लिए हमारी कोशिश जारी है। लेकिन अब दिल्ली के अंदर मध्यम वर्ग और गरीब लोगों को फ्री में पानी मिलना चालू हुआ है। पानी पिलाना तो हमारे ग्रंथों में धर्म का काम कहा गया है। यह पुण्य का काम होता है। पानी से मुनाफा नहीं कमाना चाहिए। हमारी सरकार में गरीबों और मध्यम परिवार के लोगों को फ्री में पानी मिलने लगा।

6- बुजुर्गों का सम्मान

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा छठां सिद्धांत है कि बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। ऐसा परिवार कभी तरक्की नहीं कर सकता है, जहां बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता है। ऐसा समाज कभी तरक्की नहीं कर सकता, जिस समाज के अंदर बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता है। हमारी सरकार बनने के बाद पहले 1000 रुपये प्रतिमाह बृद्धा पेंशन मिलती थी, हमनें उसे ढाई गुना बढ़ा दिया और अब 2500 रुपये प्रति महीना हर बुजुर्ग को पेंशन मिलती है। इसके अलावा हमनें बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवानी शुरू की है। आज तक 75 सालों में किसी सरकार ने अपने बुजुर्गों के लिए इतना नहीं सोचा होगा। हम अपने बुजुर्गों को रामेश्वरम, शिरडी महाराज, जगन्नाथ पुरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, द्वारकाधीश और अयोध्या समेत 12 तीर्थ स्थान हैं,

जहां पर हम अपने बुजुर्गों को तीर्थयात्रा करवाने के लिए लेकर जाते हैं। रामायण में श्रवण कुमार का जिक्र है, जो अपने अंधे बूढ़े मां-बाप को तीर्थयात्रा कराने के लिए लेकर गए थे। बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराने का सबसे ज्यादा पुण्य मिलता है। हम बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाते हैं और उनके जाने, रहने, खाने-पीने और घूमने का सारा खर्चा दिल्ली सरकार देती है। उनको केवल बैग में अपने कपड़े लेकर जाने होते हैं। इसके अलावा उन्हें कुछ लेकर नहीं जाना होता। हम उनकी यात्रा में काम आने वाली एक स्पेशल किट भी देते हैं। हम उन्हें एसी ट्रेनों में लेकर जाते हैं, अच्छे होटलों में ठहराते हैं और बसों का इंतजाम भी करते हैं। हम अभी तक दिल्ली के अंदर 83 हजार बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा चुके हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब चूंकि अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है तो बहुत लोगों की इच्छा अयोध्या जाकर भगवान राम के दर्शन करने का है। हम कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें अब अयोध्या की तीर्थ यात्रा के लिए भेजें और लोगों को वहां दर्शन कराएं।

7- सभी को सुरक्षा

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा सातवां सिद्धांत है कि हर व्सक्ति को सुरक्षित महसूस होना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा बेहद जरूरी है कि वो अपने आपको सुरक्षित महसूस करें। दिल्ली में कानून व्यवस्था और पुलिस हमारे पास नहीं है। लेकिन जो कुछ हमारे पास हैं हम उसमें अपनी पूरी कोशिश करते हैं। जो कुछ हम कर सकते हैं, वो हम कर रहे हैं। पूरी दिल्ली के अंदर आज सीसीटीवी कैमरों का बहुत बड़ा नेटवर्क बन गया है। सीसीटीवी कैमरे से लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस करते हैं।

अपराधियों को आज इस बात का डर रहता है कि अगर हम कोई गलत काम करेंगे तो पकड़े जाएंगे। सीसीटीवी के माध्यम से आज दिल्ली पुलिस बड़े-बड़े अपराधों को सुलझाने में सक्षम हो रही है। केवल 7-8 साल के अंदर हमने दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों का इतना बड़ा नेटवर्क बना दिया कि आज दुनिया में सबसे ज्यादा सीसीटीवी कैमरे दिल्ली के अंदर हैं। न्यूयॉर्क, टोक्यो, वॉशिंगटन, लंदन, पेरिस या कनाडा दुनिया के किसी भी शहर से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की धनत्व दिल्ली के अंदर है। इसी तरह दिल्ली के सभी डार्क एरिया को चिन्हित कर वहां स्ट्रीट लाइट लगवाने का प्रयास किया जा रहा है।

8- सभी को रोजगार मिले

सीएम ने कहा कि हमारा आठवां और सबसे जरूरी सिद्धांत रोजगार पैदा करना है। आज बेरोजगारी इतनी ज्यादा फैल गई है कि बच्चे डिग्रियां ले लेकर घूम रहे हैं। उनके पास रोजगार नहीं है। बिना रोजगार के घर का खर्चा कैसे चलेगा। बेरोजगारी आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्या बन गई है। उसको दूर करने के लिए हमनें कई प्रयास किए। एक तरफ दिल्ली सरकार कई तरीके से लोगों को रोजगार दे रही है। कई सरकारी नौकरियां निकाल रही है। हमने ढेरों मोहल्ला क्लीनिक खोले, जिनमें लोगों को रोजगार मिला। हमनें डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज शुरु किया, उसमें लोगों को रोजगार मिला। हमनें ढेरों नए स्कूल खोले जिसमें कई युवाओं को रोजगा मिला। ढेरों रोजगार मेलों को आयोजन किया गया, जहां पर बहुत सी कंपनियों को बुलाया गया।

वहां पर भी युवाओं को रोजगार मिला। जॉब पोर्टल बनाया गया, उस पोर्टल पर लगभर 10 से 12 लाख नौकरियां निकलीं, वहां पर भी युवाओं को रोजगार मिला। पिछले नौं सालों के अंदर लगभग 12 लाख युवाओं को हमारे प्रयासों से रोजगार दिया जा चुका है।

अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों का हर बच्चा कहता है कि मैं नौकरी लेने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनूंगा- अरविंद केजरीवाल

सीएम ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था के अंदर कुछ तो बदलाव करना होगा। आज हमारे बच्चे बीए, बीकॉम, एलएलबी और बीएससी जैसे कोर्स करके निकलते हैं लेकिन उन्हें नौकरियां नहीं मिलतीं। वो हाथ में डिग्री लिए नौकरी के लिए घूमते रहते हैं। ये शिक्षा व्यवसथा अंग्रेजों ने क्लर्क पैदा करने के लिए बनाई थी। हमनें दिल्ली के स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम(आंत्रप्रेन्योरशिप क्लासेज) का प्रयोग किया। हमनें 11वीं और 12 वीं के बच्चों को बिजनेस करना सिखाया और उन्हें प्रोजेक्ट्स दिए। आज लगभग ढाई लाख बच्चों की पचास हजार टीमें दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अलग-अलग अपने आइडियाज़ पर काम कर रही है। उन्होंने अपने छोटे-छोटे बिजनेस शुरु किए हैं। आज हमारे सरकारी स्कूलों का हर बच्चा यही कहता है कि मैं पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी देने वाला बनूंगा, नौकरी लेने वाला नहीं बनूंगा। हर बच्चा इस भावना से भरा हुआ है। अब हम ये बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम कॉलेजों में शुरु करेंगे।

इस साल बजट के अंदर इसका प्रवधान किया जाएगा। कॉलेज से पास आउट होने वाले बच्चों को ये प्रोजेक्ट शुरू करने की प्रेरणा दी जाएगी कि पास आउट होने के एक साल पहले से वो कॉलेज में रहते-रहते अपने छोटे- छोटे बिजनेस आइडियाज़ पर काम करना चालू करें। एक टीम अगर एक बिजनेस आइडिया पर काम करती है तो कम से कम 8 से 10 और बच्चों को मौकरी देती है। अगर हमनें ये भावना बच्चों में भर दी तो उन्हें पास आउट होने के बाद अपना बिजनेस करना है। मुझे नौकरी मांगनी नहीं है, मुझे नौकरी देने वाला बनना है। तो मुझे लगता है कि हमारे देश के अंदर बेरोजगारी की समस्या दूर हो सकती है।

75 साल से देश में ऐसा विकास का मॉडल लागू है, जिसमें चंद लोगों को ही फायदा हो रहा है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम अक्सर ये सुनते हैं कि हमें भारत को 3 ट्रिलियन, 4 ट्रिलियन या 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है। ये बहुत अच्छी बात है कि हमें भारत को 5 ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी बनाना चाहिए, लेकिन अगर उस 5 ट्रिलियन में से 4 ट्रिलियन एक ही आदमी के पास होंगे और एक ट्रिलियन 140 करोड़ लोगों को पास होगा, तो सारा देश तो गरीब रह जाएगा और केवल एक ही आदमी अमीर बनेगा। इससे तो लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा और देश की तरक्की नहीं होगी। इसलिए हमें ऐसा करना है कि हमें देश को 5 ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी तो बनाना ही है, लेकिन हमें ऐसा विकास करना है कि वो 5 ट्रिलियन डॉलर 140 करोड़ लोगों के पास पहुंचे। वो एक-दो आदमियों के पास नहीं रहने चाहिए। 75 साल के अंदर हमने अपने देश में ऐसा विकास का मॉडल लागू किया है कि इसमें केवल चंद लोगों को ही फायदा हो रहा है, बाकि सारा देश गरीब रह जा रहा है।

हमें देश में ऐसा विकास का मॉडल चाहिए जिसमें पैसा सीधे गरीबों के हाथ में जाए- अरविंद केजरीवाल

उन्होंने कहा कि इकोनॉमिक्स में एक ट्रिकल डाउन थ्योरी बताई जाती है। जिसका मतलब होता है कि कुछ लोगों को अमीर बना दो, फिर वो अमीर लोग फैक्ट्री खोलेंगे उसमें बाकी सब लोग मजदूरी करेंगे। अमीरों से गरीब तक पैसा पहुंचना चालू होगा, लेकिन कभी नहीं पहुंचता। 75 साल में तो नहीं पहुंचा। अमीर और अमीर होते गए, गरीब और गरीब होता गया। ट्रिकल डाउन थ्योरी नहीं बल्कि ट्रिकल अप थ्योरी हो रही है। गरीबों का पैसा अमीरों के पास पहुंच रहा है। हमें ऐसा विकास का मॉडल चाहिए कि पैसा सीधे गरीब के हाथ में जाए। जब पैसा सीधे गरीब और मध्यम वर्ग के हाथों में जाएगा, तब देश तरक्की करेगा। जब एक गरीब के हाथ में पैसा आएगा तो वह खाने पीने का सामान, कपड़े और घर का सामान खरीदेगा और इससे अर्थ व्यवस्था के अंदर मांग पैदा होगी। कपड़ों और खाने की फैक्ट्रियां लगेंगी और लोगों को रोजगार मिलेगा।

हमारी सरकार ने दिल्ली में न्यूनत भत्ता 9 हजार से बढ़ाकर पहले 14 हजार किया और अब 18 हजार रुपए कर दिया है- अरविंद केजरीवाल

सीएम ने कहा कि जब हमारी दिल्ली के अंदर सरकार बनी तो हमने सबसे पहले एक काम किया कि हमने दिल्ली में न्यूनतम भत्ता जो 9 हजार रुपये हुआ करते थे, उसे बढ़ाकर 14 हजार रुपये कर दिए और अब ये 18 हजार रुपये हो गए हैं। कई लोगों ने मुझे गालियां दीं और कहा कि केजरीवाल जो कह रहा है, इससे व्यवसाय बंद हो जाएंगे, फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी, उनको घाटा हो जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। किसी का व्यापार बंद नहीं हुआ। लेकिन इससे गरीबों, मजदूरों के हाथ में पैसा आने लगा। जब गरीब और मध्यम वर्ग का आदमी पैसा खर्च करता है तो उससे डिमांड पैदा होती है और उससे अर्थ व्यवस्था में तरक्की होती है।

9- महंगाई कम करना

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रामराज्य की अवधारणा का हमारा नौंवा सिद्धांत महंगाई कम करना है। आज महंगाई ने लोगों का घर बर्बाद कर दिया। उनके घर का खर्चा नहीं चल रहा। आमदनी नहीं बढ़ रही है, लेकिन खर्चे बढ़ते जा रहे हैं, घर चलाना मुश्किल हो गया है। मुझे यह कहते हुए बेहद खुशूी हो रही है कि केंद्र सरकार के एक सर्वे के अनुसार, पूरे देश में सबसे कम महंगाई दिल्ली के अंदर है। दिल्ली में महंगाई दर 2.95 फीसद है।

यूपी में 5.5 फीसद, महाराष्ट्र में 6 फीसद, हरियाणा और गुजरात में 7 फीसद और राष्ट्रीय स्तर पर 6 फीसदी है। दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 3 फीसद महंगाई दर है। यानि पूरे देश में जितनी महंगाई है, उससे आधी महंगाई दिल्ली के अंदर है। दिल्ली के अंदर हमने बिजली और पानी मुफ्त किया है। आपके बच्चों को अच्छी शिक्षा और सभी को अच्छा इलाज दे रहे हैं, दवाइयां मुफ्त है। महिलाओं के लिए बस में सफर मुफ्त है, बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा मुफ्त है। इतनी सारी सहूलियतें जो दिल्ली सरकार ने दी हैं, उसकी वजह से आज दिल्ली में महंगाई कम है। अगर महंगाई से लोगों की कमर टूट जाएगी तो हम उसे रामराज्य नहीं कह सकते। रामराज्य तब होगा, जब लोग खुशहाल होंगे। इसलिए हमें महंगाई को कम करना है।

10- सभी को समान अधिकार और अवसर मिले

सीएम ने कहा कि हमारा दसवां सिद्धांत है कि भगवान ने सभी को एक समान बनाया है फिर चाहे वो किसी भी जाति या धर्म का हो, गरीब हो या अमीर हो। हमें ऐसी शासन व्यवस्था कायम करनी है जिस में सभी को बराबरी का हिस्सा मिल सके। बराबरी के अवसर मिल सकें और सब लोग आपस में प्यार से रहें।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आने वाले समय में हम कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को अयोध्या दर्शन कराने के लिए लेकर जाएं। एक तरफ जहां हमें भगवान राम की भक्ति करनी है और दूसरी तरफ अगर आप डॉक्टर हैं तो आप जनता की सेवा अच्छे से करें, अगर आप सफाई कर्मचारी हैं तो अपना काम अच्छे करें। इसी तरह आप जहां भी काम कर रहे हैं, अपना काम समाज के लिए अच्छे से कीजिए। हमें मेहनत, ईमानादरी और देशभक्ति से समाज के लिए काम करना है और भगवान राम की भक्ति करनी है। मुझे पूरा यकीन है कि अगर हम भगवान राम के बताए हुए रास्ते पर चलेंगे तो भारत को नंबर-1 देश बनने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है।

स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर सबको किया मंत्रमुग्ध

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित समारोह में परेड 2024 के समापन के बाद दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। शिक्षा सभी का आभूषण है, इस वाक्य से लोगों का परिचय कराते हुए सर्वाेदय कन्या विद्यालय हरिनगर क्लॉक की छात्राओं ने नृत्य की प्रस्तुति दी। जिसको देखकर उपस्थित लोग ताली बजाने को मजबूर हो गए। इसके बाद सर्वाेदय कन्या विद्यालय पालम एनक्लेव नंबर-1 की छात्राओं ने पंजाब के प्रसिद्ध भांगड़ा की प्रस्तुति दी। सर्वाेदय कन्या विद्यालय माता सुंदरी रोड की छात्राओं ने महाराष्ट्र का गोंधल नृत्य कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बाल भवन पब्लिक स्कूल मयूर विहार फेज-2 के बच्चों ने राष्ट्रध्वज तिरंगा को समर्पित गीत पर मनमोहक प्रस्तुति दी। राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सी ब्लॉक, सुल्तानपुरी की छात्राओं ने देशभक्ति से सरोबार जुनून कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। जिसमें जवानों की पोशाक में मौजूद छात्राओं को देखकर स्टेडियम में मौजूद हर कोई दंग रह गया। इसके बाद एसकेवी एसपी रोड नांगलोई की छात्राओं ने हरियाणवी लोक नृत्य की धमाकेदार प्रस्तुति दी। राजकीय उच्चतम माध्यमिक कन्या विद्यालय न्यू कोंडली की छात्राओं ने सत्यमेव जयते वाक्य को चरितार्थ करते हुए नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति दी।

आखिर में सभी स्कूलों के दलों ने सामूहिक नृत्य पेश कर समां बांध दिया। गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम का समापन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा गुब्बारों को आसमान में आजाद करने के साथ हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *