अक्षय ऊर्जा का हब बनने की राह पर यूपी, धरातल पर उतरेंगी 182 परियोजनाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्यम प्रदेश बनाने की राह
पर अग्रसर उत्तर प्रदेश सोमवार को अबतक के सबसे बड़े निवेश के भूमि पूजन का गवाह बनेगा।
देश-विदेश के विभिन्न औद्योगिक समूहों की ओर से उत्तर प्रदेश को अबतक मिले लगभग 40 लाख
करोड़ के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सोमवार को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी
4.0) का आयोजन होगा।
जीबीसी 4.0 के प्रथम फेज में 10 लाख करोड़ की 14 हजार से अधिक परियोजनाओं का भूमि पूजन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सम्पन्न होगा। इस दौरान
अक्षय ऊर्जा नविकरणीय ऊर्जा से जुड़ी यूपीनेडा की 182 परियोजनाएं भी शुरू होंगी। ये परियोजनाएं 1.3
लाख करोड़ से अधिक की है।
सबसे अहम बात ये है कि योगी राज में बुंदेलखंड नई ऊर्जा का नया
श्ऊर्जांचलश् बनने जा रहा है। यहां अक्षय ऊर्जा से संबंधित 15 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं
धरातल पर उतरने जा रही हैं।
यूपीनेडा ने हासिल किया टार्गेट से अधिक का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्यूवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (यूपीनेडा) के निदेशक अनुपम शुक्ला के अनुसार
जीबीसी 4.0 में सौर ऊर्जा, बाॅयो ऊर्जा, पम्प्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट (पनबिजली से संबंधित) और ग्रीन
हाइड्रोजन से जुड़ी 182 परियोजनाएं उत्तर प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े बदलाव का वाहक बनेंगी। उन्होंने
बताया कि जीबीसी के लिए विभाग को 1.25 लाख करोड़ का टार्गेट मिला था। विभाग ने टार्गेट से
अधिक 104 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करते हुए 1.30 लाख करोड़ की परियोजनाओं को धरातल पर
उतारने में कामयाबी हासिल की है।
सौर ऊर्जा सेक्टर में 55,806 करोड़ का निवेश
अक्षयध्नविकरणीय ऊर्जा से जुड़े सेक्टर की बात करें तो सोलर एनर्जी के क्षेत्र में 42 परियोजनाएं
55,806 करोड़ का निवेश करेंगी, वहीं बायो एनर्जी से जुड़ी 131 परियोजनाएं 7,299.35 करोड़ का
इन्वेस्टमेंट करने जा रही हैं।
इसी प्रकार जीबीसी 4.0 में पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (पनबिजली से संबंधित)
के लिए 8 कंपनियां आ रही हैं, इनकी ओर से 66,955 करोड़ का निवेश किया जाएगा। वहीं ग्रीन
हाइड्रोजन का 1 प्रोजेक्ट भी प्रदेश में लगने जा रहा है। इसके लिए कंपनी की ओर से 150 करोड़ का
निवेश किया जाएगा।
नया ऊर्जांचल बनने की राह पर बुंदेलखंड
बड़े प्रोजेक्ट्स की बात करें तो जालौन में एनएचपीसी द्वारा 6000 करोड़, चित्रकूट में 4000 करोड़ की
सौर ऊर्जा और हाइड्रो परियोजना, ललितपुर में 5000 करोड़ की परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी।
15 हजार करोड़ की ये परियोजनाएं प्रदेश के उसी बुंदेलखंड रीजन में लगने जा रही हैं, जिसे आजादी के 70
साल बाद तक प्रदेश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता रहा है। वहीं इसके अलावा मथुरा में अडाणी
समूह की ओर से बायोगैस में 300 करोड़ की परियोजना और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नैवेली
लिग्नाइट कॉर्पोरेशन की ओर से 3500 करोड़ की सौर परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी।