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पंचकूला नगर निगम के वार्डबंदी के कार्य मे नियमों की जमकर उड़ी धज्जियाँ

बरवाला, (चंद्रपाल राणा) पंचकूला नगर निगम के आगामी चुनाव कराने के लिए वार्डबंदी का कार्य करने हेतू उपायुक्त पंचकूला की अध्यक्षता में बनाई गई एडहोक कमेटी ने 9 दिसंबर 2025 को पंचकूला नगर निगम के सभी 20 वार्डों के परिसीमन का कार्य पूरा करके अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को आगामी कार्यवाही के लिए भेज दी है तथा य़ह रिपोर्ट सभी अखबारों में प्रकाशित भी हुई है ।

इस पर संज्ञान लेते हुए पंचकूला जजपा जिला अध्यक्ष ओ पी सिहाग ने कहा कि वार्डबंदी के गठन में नियमो एवं कानूनों की जमकर अनदेखी की गई ,उल्लंघन हुआ तथा धज्जियाँ उड़ाई गई है । उन्होंने कहा कि बड़ी ही हैरानी की बात है जब दिसंबर 2020 में नगर निगम के पिछले चुनाव हुए थे तब नगर निगम क्षेत्र की आबादी 317000 थी परंतु अब 5 साल बाद जो आबादी नगर निगम तथा प्रशासन के अधिकारी वार्डबंदी का गठन करते हुए दिखा रहे हैं वो एफ आई डी आर के आंकड़ो के अनुसार 266151 है तथा चुनाव आयोग द्वारा ताजा जारी की गई वोटर लिस्ट के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में कुल मत 208212 हैं । सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों अनुसार वोटों के हिसाब से अगर आबादी निकाली जाए तो पंचकूला निगम क्षेत्र की आबादी 291497 बताई जा रही है। इसका मतलब य़ह हुआ कि पंचकूला नगर निगम क्षेत्र की आबादी घटी है जो सबको आश्चर्यचकित करने वाली बात है ।ओ पी सिहाग ने कहा कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक जिस नगर परिषद की आबादी 3 लाख से ज्यादा होगी वहां नगर निगम का गठन होगा।

अब मौजूदा हालात में तो पंचकूला नगर निगम के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है क्योंकि नियमो के मुताबिक नगर निगम बनने के लिए 3 लाख से अधिक आबादी होनी चाहिए जबकि नगर निगम एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार आबादी 3 लाख से कम है ।जजपा जिला अध्यक्ष ओ पी सिहाग ने प्रदेश सरकार एवं जिला उपायुक्त से इस मुद्दे पर स्तिथि साफ करने बारे अनुरोध किया है। उनका मानना है कि 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई है तो नगर निगम क्षेत्र की सही आबादी कितनी हैं , वार्डो को बी सी एवं एस सी जातियों के आरक्षण के लिए इन वर्गों के जातीय आंकड़े प्रशासन ने बिना सर्वे करवाए कहा से लिए हैं य़ह जानकारी आम जनता को दी जाए ताकि कोई भ्रम की स्थिति न रहे।जजपा जिला अध्यक्ष ने वार्डबंदी के दौरान प्रत्येक वार्ड के लिए जो एरिया शामिल किया गया है उस पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि काफी वार्डो में वार्डबंदी के लिए निधारित मापदंडों की अनदेखी हुई है तथा लगता है कमेटी ने किसी बाहरी शक्ति के दबाव में दूरदराज के एरिया को कई वार्डो में शामिल किया है

जबकि नियमानुसार साथ लगते क्षेत्र को एक वार्ड शामिल किया जाता है। उन्होंने कहा कि वार्ड नंबर 2 में एम डी सी सेक्टर 5 के साथ सेक्टर 2 तथा माजरी गांव शामिल किया है, वार्ड नंबर 14 में महेशपुर ,आधा सेक्टर 21 , आधा फतेहपुर एवं सेक्टर 20 की आधी सोसाइटीज शामिल की गयी है। इसी तरह अन्य वार्डो में भी यही तरीका अपनाया गया है जो कि वार्डबंदी के सिद्धात के विरुद्ध है।

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