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संस्कृति कला और लोक-संगीत की मधुर धुनों से झूम उठा सतलुज पब्लिक स्कूल

पंचकूला : (राजकुमार) सावन की हरियाली और पंजाबी परंपराओं की रंगीन छांव में सतलुज पब्लिक स्कूल, सेक्टर 4 का परिसर शुक्रवार को संस्कृति, कला और लोक-संगीत की मधुर धुनों से झूम उठा। स्कूल के पंजाबी विभाग द्वारा आयोजित तीज उत्सव ने न केवल बच्चों को मनोरंजन और आनंद का अवसर दिया, बल्कि उन्हें अपनी समृद्ध विरासत से भी जोड़ा।

टीज महोत्सव के दौरान छात्राओं ने फुलकारी दुपट्टों और गजरे से सजी पारंपरिक वेशभूषा में गिद्दा डालकर समां बांधा, वहीं लड़कों ने पारंपरिक पोशाक में पंजाबी लोकगीतों पर भंगड़ा कर उत्सव को जीवंत कर दिया। “सावन दा झोला” – गेंदे के फूलों, रंग-बिरंगे दुपट्टों और सांस्कृतिक सजावट से सुसज्जित झूला – पूरे आयोजन का आकर्षण केंद्र रहा।

इस अवसर पर प्रबंध निदेशक रीकेरिट सेरीई ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा,“सतलुज में तीज केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक सजीव संस्कृति है। ‘सावन दा झोला’ की हर झूल, हर बोलियों की पंक्ति, हर थाली में सजे फूल और रोली इस बात की शिक्षा देते हैं कि विरासत कोई पुराना अध्याय नहीं, बल्कि एक जीवित मार्गदर्शिका है। हम ऐसी पीढ़ी तैयार कर रहे हैं जो आधुनिक दुनिया से जुड़ी है, पर अपनी जड़ों को नहीं भूली। भविष्य उनका है जो जानते हैं कि वे कहां से आए हैं।”

सतलुज पब्लिक स्कूल ने इस आयोजन के माध्यम से न केवल छात्रों को आनंद और उत्साह से भर दिया, बल्कि उन्हें अपनी परंपराओं से आत्मीयता से जोड़ते हुए सांस्कृतिक पहचान का सशक्त बोध भी कराया।

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