श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर सोमवार को उन्हेंश्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को सदैव श्रद्धा के साथयाद किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि मुखर्जी ने देश की अखंडता को बनाए रखने के लिएअतुलनीय साहस और शक्ति का परिचय दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसादमुखर्जी की पुण्यतिथि पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने मुखर्जी को ‘भारतमाता का महान सपूत’, एक दूरदर्शी नेता और एक ऐसा कट्टर राष्ट्रवादी बताया जिसने अखंड भारतके लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।आदित्यनाथ ने संघ के विचारक मुखर्जी के “बलिदान दिवस” के अवसर पर लखनऊ में आयोजितपुष्पांजलि कार्यक्रम में भाग लिया।

उनके साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई केअध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा और कैबिनेट मंत्रीस्वतंत्र देव सिंह भी शामिल हुए।आदित्यनाथ ने कहा, “आज भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष और भारत माता के महान सपूडॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है। वर्ष 1953 में आज ही के दिन उन्होंने राष्ट्रीय एकतके लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।”मुख्यमंत्री ने मुखर्जी को “दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और राष्ट्र निर्माता” बताते हुए स्वतंत्रभारत में कैबिनेट मंत्री के रूप में देश के औद्योगिक और खाद्य नीति को आकार देने में उनकीभूमिका का जिक्र किया।
आदित्यनाथ ने दावा किया कि मुखर्जी ने खासकर कश्मीर के मुद्दे परराष्ट्रीय अखंडता से समझौता करने के प्रयासों का विरोध करते हुए जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल सेइस्तीफा दे दिया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखर्जी ने उस समय जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और परमिट प्रणाली काकड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा, “जब 1950 में संविधान लागू हुआ और 1952 के चुनावों के बादअनुच्छेद 370 लागू किया गया तो मुखर्जी ने अपनी आवाज़ बुलंद की और ‘एक राष्ट्र, एक नेता, एककानून की बात की।
मुखर्जी को बिना परमिट के कश्मीर में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया गयाऔर 23 जून 1953 को हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई।’’