बादल फटने की घटनाओं में 10 की मौत 34 लापता
भूस्खलन और बादल फटने कीकईं घटना
शिमला मंडी, हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को भूस्खलन और बादल फटने कीकईं घटनाओं में मंडी जिले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है जबकि 34 लोग लापता हैं।हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा अभियान केन्द्र ने यह जानकारी दी है।पिछले तीन वर्षों से राज्य में लगातार कहर बरपा रहे मानसून के कारण एक बार फिर से मंडी केकई क्षेत्रों, खासकर करसोग, थुनाग, पधर और गोहर उप-मंडलों में तबाही मची हुयी है।
इस बीच 20जून से 1 जुलाई के बीच राज्य में मौसम संबंधी घटनाओं में लगभग 90 लोगों की मौत या लापहोने की सूचना है।बुधवार सुबह 8 बजे जारी 32 घंटे की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार मंडी के विभिन्न हिस्सों से 10 लोगोंकी मौत की पुष्टि हुई है और आधिकारिक तौर पर 34 लोगों के लापता होने की सूचना है। कई लोगोंके मलबे में दबे होने या अचानक आई बाढ़ में बह जाने की आशंका है। इस दौरान पांच लोगों के
घायल होने की भी सूचना है और 370 से अधिक लोगों को बचाया लिया गया है ।

हालांकि 11 लोगअभी भी फंसे हुए हैं।एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की बचाव टीमों को करसोग, गोहर और थुनाग में तैनात किया गयाहै जहां बादल फटने से घरों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। सबसे अधिकप्रभावित क्षेत्रों में सियांज, गोहर शामिल हैं जहां नौ लोग बह गए। यहां दो शव बरामद किए गएजबकि सात अभी तक लापता हैं।परवाड़ा और तलवाड़ा गांव में एक ही परिवार के दो लोग लापता बताए गए हैं जिनमें से एक का शवबरामद हुआ है।
थुनाग और पकरायर इलाकों में कुल 17 लोग लापता हैं जबकि दो लोगों की मौत होगई है। कुट्टी बाईपास, ओल्ड बाजार करसोग और गोहर के बाड़ा समेत कई जगहों पर भी लोगों कीमौत और कई लोगों के लापता होने की खबरें हैं।मानसून से होने वाली तबाही के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-305 के अवरुद्ध होने और 24 घरों, 12गौशालाओं और एक जलविद्युत परियोजना को नुकसान पहुंचने की रिपोर्ट है।
इस बीच राहतअभियान जारी हैं लेकिन पहाड़ी इलाकों में दूर दराज के क्षेत्रों तक पहुंचने की चुनौतियों के कारणइसमें बाधा आ रही है।