पंजाब

उच्चतम न्यायालय ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव का नतीजा पलटा, पराजित आप उम्मीदवार विजेता घोषित

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को चंडीगढ़ महापौर चुनाव के
परिणाम को पलटते हुए आम आदमी पार्टी (आप) -कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप
कुमार को शहर का नया महापौर घोषित किया।

न्यायालय ने 30 जनवरी के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद, निर्वाचन अधिकारी
अनिल मसीह, जो भाजपा नेता हैं, के खिलाफ ‘कदाचार’ के लिए मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द नहीं कर रही है और खुद को
मतगणना प्रक्रिया में गलत कार्यों से निपटने तक ही सीमित रख रही है, जिसके कारण कुमार के पक्ष में
डाले गए आठ मत अमान्य हो गए थे। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने
कहा कि यह स्पष्ट है कि मसीह ने जानबूझकर आठ मतपत्रों को विरूपित करने का प्रयास किया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के
खिलाफ जीत हासिल की थी। महापौर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार
को हराया था। सोनकर को अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 मतों के मुकाबले 16 मत मिले थे। नकर ने रविवार
को महापौर पद से इस्तीफा दे दिया था।

मेयर चुनाव में अब तक क्या-क्या हुआ
10 जनवरी: यूटी प्रशासन ने 18 जनवरी को मेयर चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की
15 जनवरी: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए गठबंधन की घोषणा की
16 जनवरी: आप और कांग्रेस के नामांकन पत्र वापस लेने पहुंचने के बाद नगर निगम कार्यालय में
हाथापाई हुई।

आधी रात को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ कांग्रेस प्रमुख एचएस लक्की की
याचिका पर सुनवाई की, जिसमें एक पार्षद को अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप लगाया गया।
हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी

17 जनवरी: हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी क्योंकि यूटी ने दावा किया कि पार्षद अवैध हिरासत
में नहीं है और सुरक्षा उनकी मांग पर प्रदान की गई थी। हालांकि अदालत ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
कराने के निर्देश दिए।

18 जनवरी: मेयर चुनाव के लिए पहुंचने पर आप और कांग्रेस पार्षदों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी
गई, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ। पीठासीन अधिकारी के खराब स्वास्थ्य के कारण डीसी ने 6 फरवरी
तक मतदान स्थगित किया। आप ने 24 घंटे के भीतर चुनाव की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया।

23 जनवरी: हाईकोर्ट ने यूटी से 24 घंटे के भीतर अदालत में संभावित चुनाव की तारीख पेश करने
को कहा, नहीं तो याचिका पर योग्यता के आधार पर फैसला करने की बात कही।
24 जनवरी: हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाते हुए 30 जनवरी को सुबह 10 बजे मेयर
चुनाव कराने का आदेश दिया।

30 जनवरीः मेयर चुनाव में भाजपा ने गठबंधन को हराया। मनोज सोनकर मेयर बने। आप ने
पीठासीन अधिकारी पर आठ वोट को अमान्य करार किए जाने के आरोप लगाए और हाईकोर्ट का रुख
किया।

31 जनवरी: चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने पंजाब और हरियाणा
हाईकोर्ट का रुख किया। फिलहाल तुरंत राहत नहीं मिली है। अदालत ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी
किया है और तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।

5 फरवरी: आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। एससी ने पीठासीन अधिकारी अनिल
मसीह की आलोचना की और कहा कि यह स्पष्ट है कि उसने बैलेट पेपरों को विकृत किया। यह लोकतंत्र
का मजाक है। हत्या है। इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 19 फरवरी को सुनवाई तय की
गई।

18 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले मनोज सोनकर ने मेयर पद इस्तीफा दे दिया।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में चले गए।
19 फरवरीः सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह को फटकार लगाई। बैलेट पेपर मंगवाए और 20 फरवरी को
फिर सुनवाई तय की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *