मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नये प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नये प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। इस प्रशासनिक भवन में अलग-अलग तलों पर कुलपति कार्यालय, कुलसचिव कार्यालय, वित्त एवं लेखा/परीक्षक नियंत्रक कार्यालय बनाए गए हैं। भवन के बेसमेंट में एक पार्किंग भी बनायी गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को अपना नया प्रशासनिक भवन प्राप्त होने पर प्रदेश सरकार की ओर से बधाई देते हुए नित नई ऊंचाई प्राप्त करने की कामना की। उन्होंने कहा कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। यहां के छात्र वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने जो प्लेटफार्म देश के युवा टेक्नोक्रेट को उपलब्ध कराया है, उसके लिए विश्वविद्यालय के सभी युवा अपने को तैयार करें। मेक इन इंडिया के कार्यक्रम पूरी तत्परता के साथ आगे बढ़ायें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का समय टेक्नोलॉजी का समय है और इसका राष्ट्र निर्माण और लोक कल्याण में योगदान सर्वविदित है। आज किसी देश अथवा प्रदेश की रैकिंग का महत्वपूर्ण पहलू, वहां निवेश की सम्भावना या ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति है। इस सम्भावना को बढ़ाने में टेक्नोलॉजी और प्रशासनिक तत्परता महत्वपूर्ण है।
प्रदेश सरकार ने तकनीकी सुधार जैसे सिंगल विण्डो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ को अपनाकर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रभावी बनाया है। इसका परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश रैकिंग में देश में दूसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जमीनी धरातल पर क्रियान्वित करने और ईज ऑफ लिविंग में आने वाली समस्याओं को तकनीक ने दूर किया, जिससे आज शासन की योजनाएं सबको प्राप्त हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में जनधन योजना के माध्यम से गरीबां का खाता खुलवाया। उस समय लोगों ने इसे एक विफल योजना बताया था, लेकिन आज डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डी0बी0टी0) के माध्यम से सामान्य व्यक्ति, गरीब, किसान, कर्मचारी सहित समाज के सभी वर्गों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने में जनधन खातों की भूमिका साफ दिखाई दे रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डिजिटल पेमेण्ट ने प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तकनीक ने प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने और भारतीय युवा शक्ति को दुनिया के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति है और उत्तर प्रदेश में भारत की सबसे ज्यादा युवा शक्ति है। उत्तर प्रदेश के 56 फीसदी लोग कामकाजी हैं। डिजिटल इण्डिया का लाभ यह आबादी ले सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डिजिटल इण्डिया अभियान के तहत स्टार्टअप की नीति, पी0एम0 मुद्रा योजना, प्रदेश सरकार की ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना या मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आदि ने युवा जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज उत्तर प्रदेश का युवा इन योजनाओं से जुड़कर नये-नये स्टार्टअप स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि 21 से 25 सितम्बर, 2023 के बीच ग्रेटर नोएडा के इण्डिया एक्सपो सेण्टर एवं मार्ट में आयोजित यू0पी0 इण्टरनेशनल ट्रेड शो में दुनिया से बड़ी संख्या में खरीददार आये और भारत के नवाचार और पोटेंशियल को देखा। उत्तर प्रदेश के विभिन्न तकनीकी संस्थानों के स्टार्टअप को देखकर लोग आश्चर्यचकित थे। ट्रेड शो में उत्तर प्रदेश से 02 हजार से अधिक एग्जीबिटर्स उपस्थित थे, जिन्होंने प्रदेश के पोटेंशियल को प्रस्तुत किया। प्रदेश के विश्वविद्यालयों/तकनीकी संस्थानों के विभिन्न नवाचार भी प्रदर्शित किये गये।
मुख्यमंत्री जी ने छात्रों से कहा कि आज नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में आपके लिए अनेक सम्भावनाएं हैं। पूरी दुनिया आपके लिए है। अपने नवाचार के शोध को समाज की आवश्यकता से प्रभावी ढंग से जोड़कर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय को अपने शोध एवं नवाचार को समाज की आवश्यकताओं या सरकार की योजनाओं के सापेक्ष बढ़ावा देने की आवश्यकता है। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में केवल 02 साइबर थाने, लखनऊ और नोएडा में थे। आज हर जनपद में एक साइबर थाना स्थापित है। हर जनपद और थाने में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर तकनीकी विश्वविद्यालय का दायित्व है कि इस अभियान में प्रशासन से एम0ओ0यू0 करके योगदान दे। आज गोरखपुर पुलिस और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने साइबर क्राइम पर रोक लगाने हेतु एम0ओ0यू0 साइन किया है। उन्होंने कहा कि जहां कार्य होना है, जिनके लिए कार्य होना है, और जिनको कार्य करना है, यहां सभी कड़ियां उपलब्ध हैं। इन कड़ियों को जोड़ने का कार्य शासन एवं प्रशासन का दायित्व है। विश्वविद्यालय को भी इस कार्य में सहयोग देना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केवल प्रोजेक्ट बनाकर ही हटना नहीं है, बल्कि परिणाम के लिए सक्रिय रहना भी जरूरी है। समाज की आवश्यकता के अनुरूप नवाचार की खोज करके, उसे पेटेंट कराकर फिर सरकार के साथ मिलकर उस कार्यक्रम को लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। आज उत्तर भारत का सबसे बड़ा डाटा सेंटर उत्तर प्रदेश में बन चुका है। उसके साथ अपने को जोड़कर आगे बढ़ने की जरूरत है। देश का सबसे बड़ा रोबोटिक्स विनिर्माण केन्द्र उत्तर प्रदेश में बन चुका है। उसके साथ संस्थान को एम0ओ0यू0 करके इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी आज की आवश्यकता है। अब फिल्म और शादी-विवाह के अलावा कृषि में भी इसका प्रयोग होने लगा है। खाद और कीटनाशक के छिड़काव में यह महत्वपूर्ण है। 10 लीटर क्षमता का ड्रोन एक एकड़ की खेती में 10 मिनट में द्रवित खाद, कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है। यह किसान को छिड़काव करने से होने वाले दुष्परिणाम से बचाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज दुनिया में जितना कुछ हो रहा है उसके लिए डाटा महत्वपूर्ण है। डाटा एनालिसिस के माध्यम से इस पर कार्य किया जा रहा है। शोध की उपयोगिता के साथ-साथ उसके दुष्परिणाम से बचाव के लिए सहयोगी तकनीक पर भी शोध करने की जरूरत है। आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस जीवन को आसान करती है। ईज ऑफ लिविंग को और आसान बनाने के प्रयास में इसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की हर घर नल योजना के माध्यम से हर घर में जल पहुंचाया जा रहा है। अगर प्लम्बर प्रशिक्षित हों तो पाइप लीकेज के द्वारा होने वाले जल के नुकसान को बचाया जा सकेगा। इस प्रयास से लोगां को रेन वाटर हार्वेस्टिंग एवं जल संरक्षण के लिए प्रेरित कर सकेंगे। आवास निर्माण के लिए सस्ते निर्माण और गुणवत्तापरक तकनीक पर भी शोध की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 10 से 12 फरवरी, 2023 तक आयोजित यू0पी0 ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश में 36 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आये। इन निवेश प्रस्तावों को जमीनी धरातल पर लाने के लिए प्रशिक्षित कार्यबल की आवश्यकता है। योग्य मानव सम्पदा के निर्माण के लिए तकनीक का उपयोग होना चाहिए। स्थानीय स्तर पर तकनीकी सहायता से प्रशासन द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायें। स्थानीय उद्योगां के अनरूप डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाये जायें। गरीब बच्चे जो आगे नहीं पढ़ पाते उनके लिए नई शिक्षा नीति के अनुरूप डिप्लोमा आदि की पढ़ाई संचालित करना मददगार होगा। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप कार्यक्रम और मुख्यमंत्री इंटर्नशिप कार्यक्रम इसमें बड़े मददगार हो सकते हैं।