अतीक अहमद की नहीं, बाहुबली कल्चर और सियासी गठजोड़ की कहानी है ‘दा पूर्वांचल फाइल’
‘दा पूर्वांचल फाइल
22 सितंबर को रिलीज हो रही फिल्म ‘दा पूर्वांचल फाइल’ चर्चांओं में है। दरअसल, कहानी ही कुछ ऐसी गढ़ी गई है। सियासत और कानून-व्यवस्था के गठजोड़ में पीड़ितों के साथ कितना अन्याय होता है। उसी को फिल्में में नए और अलहदे तरीके से दर्शाने की कोशिशें हुई हैं। फिल्म में अभिनेता अभिजीत सिन्हा भी हैं, जो पुलिस महकमे में दमदार भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं। फिल्म के संबंध में उन्होंने पत्रकार डॉ रमेश ठाकुर ने विस्तृत बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से।
प्रश्नः किस सब्जेक्ट पर बेस्ड है ‘दा पूर्वांचल फाइल’?
‘दी पूर्वांचल फाइल्स’ एक काल्पनिक कहानी पर बनी दमदार फिल्म है जिसमें दशर्कों को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल जिलों में फैले बाहुबली कल्चर या फिर यूं कहें सियासत के जरिए कानून-व्यवस्था का मज़ाक बनाना, पीड़ितों का शोषण करना, खुलेआम अत्याचार करना, दुर्व्यवहार व अन्याय के खिलाफ एक ईमानदार पुलिस अफसर की लड़ाई को दिखाया गया है। तमाम कुरितियों के विरुद्ध प्रतिघात की कहानी है पूर्वांचल फाइल। अगर फिल्म को मूलतः बॉलीवुड रोमांटिक और प्रेरित फिल्म कहें तो गलत नहीं होगा?
प्रश्नः चर्चांएं हैं कि फिल्म अतीक अहमद की कहानी से जुड़ी है?
जी बिल्कुल नहीं? अतीक अहमद की कहानी से मेल जरूर खाती है कहानी? पर असल में उनकी कहानी से इस फिल्म का कोई वास्ता नहीं? फिल्म का विषय दर्शकों के इर्द-गिर्द घूमता है इसलिए उन्हें निश्चित रूप से पसंद आएगी। पसंद करने के कारण कई हैं। अव्वल तो इसकी कहानी असल घटनाओं के आसपास घूमती दिखाई देगी है। पुलिस स्टोरी में सिंघम और गंगाजल जैसी अच्छी फिल्में दर्शकों को पसंद भी आईं और प्रेरित भी कीं। कमोबेश, वैसी ही झलक इस फिल्म में भी देखने को मिलेगी।
प्रश्नः साउथ फिल्मों की तरह इसमें भी मसाला डाला गया है?
देखिए, हिंदी फिल्मों में साउथ की मूवी का क्रेज बढ़ा है इसमें कोई दो राय नहीं? हां कह सकते हैं कि पूर्वांचल फाइल में दर्शकों को उसी तरह की फिल्म मेकिंग वाली झलक दिखाई देंगी। क्योंकि लीड हीरो सिद्धार्थ हैं जो साउथ का बड़ा नाम है। डायरेक्टर स्वरुप घोष ने बड़ी मेहनत की है। कास्टिंग से लेकर, एक-एक सीन पर उन्होंने फोकस किया है। कई वक्त तक उन्होंने इस विषय पर रिसर्च भी किया था।
प्रश्नः निर्देशक कौन हैं और कलाकार कौन-कौन हैं?
पूर्वांचल फाइल प्रसिद्व नामचीन निर्देशक स्वरुप घोष के निर्देशन में बनीं है जिन्होंने बंगाली सिनेमा पर अपने हुनर की छाप छोड़ी हुई है। कलाकारों की जहां तक बात है, तो फिल्म मंझे हुए कलाकारों से सजी है। मुकेश तिवारी, ज़रीना वहाब, गोविन्द नामदेव, हेमंत पांडेय, अमिता नांगिया व आलोक वर्मा जैसे सीनियर कलाकारों का ज़बरदस्त परफॉरमेंस दिखेगा। फिल्म के गाने भी अच्छे हैं।
प्रश्नः आपकी भूमिका क्या है फिल्म में?
मेरा चरित्र एक नकारात्मक पुलिस इंस्पेक्टर शर्मा के रूप में है। जो पुलिस में नौकरी करते-करते सियासी सिस्टम में घुल जाता है और बाहुबली नेताओं व बड़े अफसरों के सानिध्य में भ्रष्टाचार के दलदम में फंसता है। अपनी निष्ठा को साबित करने के लिए वह किसी की भी जान लेने को उतारू रहता है। हालांकि मैं पहली मर्तबा किसी फिल्म नेगेटिव रोल कर रहा हूं। छोटे पर्दे पर तो कई दफे नेगेटिव रोल किए हैं।
प्रश्नः कश्मीर फाइल के बाद चलन चला कि ज्यादातर फिल्में पूर्व की घटनाओं पर ही बनने लगी हैं?
हाँ, लेकिन ये कोई विवादास्पद घटनाक्रम पर मूवी नहीं है और ना ही कोई प्रोपेगेंडा फिल्म है। किसी भी प्रदेश, जाती या व्यक्ति को आघात नहीं करेगी। ये बॉलीवुड मसाला कमर्शियल फिल्म है जो सिर्फ और सिर्फ लोगों के मनोरंजन को ध्यान में रखकर बनाई गई है। कश्मीर फाइल्स से इसका कोई लेना देना नहीं?