फिर आग की चपेट में पर्यटन नगरी, 16 घंटे तक धधकते रहे नैनीताल के जंगल
नैनीताल जिले में वनाग्नि के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। धारी
के मटियाल, पदमपुरी और नैनीताल के खुर्पाताल, देवीधुरा के जंगल में आग से वन संपदा को काफी
नुकसान पहुंचा है।
मटियाल के गोविंद गुणवंत ने बताया कि पदमपुरी में आग से बांज, चीड़, देवदार के पेड़ जल गए।
मुक्तेश्वर, रामगढ़ और धानाचूली के जंगल में लगी आग को वन विभाग और ग्रामीणों ने कड़ी
मशक्कत के बाद बुझा लिया। वहीं बेतालघाट के कोसी रेंज के जंगल में लगी आग शुक्रवार दोपहर
बाद बारगल के जंगल में फैल गई। जंगल में लगी आग देर शाम तक नहीं बुझ पाई थी।
उधर, नैनीताल-कालाढूंगी मार्ग पर खुर्पाताल क्षेत्र के जंगल में बृहस्पतिवार रात आठ बजे अराजक
तत्व ने आग लगा दी। खड़ी चट्टान होने के चलते आग पर काबू पाने में वन विभाग के कर्मचारियों
को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसी बीच आग आवासीय क्षेत्र के करीब पहुंची तो वन विभाग को
दूसरे रेंज से टीम बुलनी पड़ी। मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो, वन संरक्षक दक्षिणी कुमाऊं वृत टीआर
बीजू लाल भी आग बुझाने में जुटे गए। दोपहर दो बजे तक आग पर काबू पाया जा सका।
डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि खुर्पाताल में आग बुझाने के लिए दो रेंज की टीम को जुटी
रहीं। फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के 28 प्रशिक्षुओं ने भी सहयोग किया। वहीं, भीमताल, बेतालघाट,
रामगढ़, मुक्तेश्वर और धानाचूली के जंगल जलने से फैली धुंध के कारण स्थानीय लोगों को
आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उधर, शुक्रवार शाम करीब पौने नौ बजे देवीधुरा के सैड़ीखान तोक के एक घर के पास जंगल में
ग्रामीण ने आग लगा दी। देखते ही देखते आग जंगल में फैल गई। वन विभाग की टीम मौके पर
पहुंचकर आग बुझाने में जुट गई। वन क्षेत्राधिकारी मुकुल शर्मा ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद
देर रात टीम ने आग पर काबू पा लिया।
वहीं, धारी निवासी योगी वृजेशनाथ ने मुख्य सचिव और हाईकोर्ट के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर वनाग्नि की प्रभावी रोकथाम के लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।