दिल्ली के बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिलाने के लिए अगर हमें किसी से लड़ना पड़े या पैर पड़ना पड़े, तो हम इसके लिए भी तैयार हैं- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदियो ने रविवार को कोंडली विधानसभा में ‘शिक्षा पर बात’ कार्यक्रम किया। जिसमें उन्होंने करीब 500 से ज्यादा बच्चों के माता-पिता से दिल्ली के सरकारी स्कूलों पर चर्चा की और बच्चों के भविष्य को और बेहतर बनाने के लिए उनके सुझावों का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केवल बच्चों की अच्छी शिक्षा ही गरीबी को दूर कर सकती है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार बच्चों के लिए बेहतरीन शैक्षिक सुविधाएं सुनिश्चित कर रही है। अगर इसके लिए हमें किसी से भी लड़ना पड़े या पैर पड़ना पड़े तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। शिक्षा पर बात कार्यक्रम के माध्यम से मनीष सिसोदिया दिल्ली के भविष्य की शिक्षा नीति को आकार देने में बच्चों के माता-पिता की भागीरादी सुनिश्चित कर रहे हैं। इस अवसर पर दिल्ली की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय, विधायक कुलदीप कुमार, प्रवीण कुमार, संजीव झा और पूर्व शिक्षा सलाहकार शैलेंद्र शर्मा भी मौजूद थे।
पटपड़गंज के बाद रविवार को कोंडली विधानसभा में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, मनीष सिसोदिया ने ज्यादा से ज्यादा अभिभावकों को इसमें शामिल होने के लिए पत्र भेजकर आमंत्रित किया था। इस पत्र में मनीष सिसोदिया ने कहा है कि मुझे उम्मीद है कि आपके बच्चे स्कूल और घर में अच्छे से पढ़ाई कर रहे होंगे। आपके बच्चों की शिक्षा के लिए अरविंद केजरीवाल और मैं हमेशा सजग रहे हैं। दस साल पहले, मुझे उपमुख्यमंत्री बनाते वक्त अरविंद केजरीवाल ने मुझे एक ही बात कही थी कि दिल्ली के हर बच्चे को, चाहे वो ग़रीब से ग़रीब घर का हो, उसके लिए ऐसी शिक्षा की व्यवस्था करना जैसे मेरे ख़ुद के बेटे और बेटी के लिए कर रहे हो। हमने बिल्कुल वैसा ही किया। आज अरविंद केजरीवाल का बेटा देश की जिस टॉप आईआईटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है, वहीं पर दिल्ली सरकार के स्कूल से पढ़ा, गली के कोने में लोगों के कपड़े प्रेस करके गुजारा करने वाले का बेटा भी इंजीनियरिंग पढ़ रहा है।
मनीष सिसोदिया ने पत्र में कहा है कि दिल्ली के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए हमने आप के बच्चों को शानदार स्कूल दिए, टीचर्स और प्रिंसिपल्स को देश विदेश में भेजकर दुनिया की सबसे बेहतरीन ट्रेनिंग दिलवाई, मेगा पीटीएम के माध्यम से हर बच्चे के लगातार संवाद किया, स्कूल में नए- नए पाठ्यक्रम लागू किए। नीट, जेईई, एनडीए, सीयूईटी जैसी परीक्षाओं के लिए स्कूलों में बच्चों को फ्री ट्रेनिंग दिलवाई। इन प्रयासों के कारण पिछले सात सालों से लगातार दिल्ली सरकार के स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आ रहे हैं। हर साल हज़ारों बच्चे आईआईटी-जेईई और नीट की परीक्षा पास कर इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की शानदार पढ़ाई कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी, दूरदर्शिता और मेहनत की वजह से आज दिल्ली में गरीब बच्चों के सपने ऊंचाइयों को छू रहे हैं। आज उन्हें वही शिक्षा मिल रही है जो पहले केवल उन बच्चों को मिलती थी, जिनके माता-पिता निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों की ऊँची फीस चुका सकते थे।उन्होंने कहा है कि हमारा मक़सद है कि यह सिलसिला जारी रहे, किसी भी हालत में न रुके। दुर्भाग्य से देश में अभी भी ऐसे लोग हैं जो नहीं चाहते कि गरीबों के बच्चे भी पढ़ लिखकर कुछ बने। उन्हें लगता है कि सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलने लगी तो उनके खुद के बच्चों के अवसर कम हो जाएंगे। हमें ऐसी सोच वालों का मुकाबला करना है। उन्हें सरकार से दूर रखना है, ताकि वो आपके बच्चों की अच्छी शिक्षा में कोई बाधा न डाल सकें।
इसके साथ ही हमें आने वाले कल की तैयारी भी करनी है। हमें यह भी सोचना है कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में और क्या सुधार करें कि आपके बच्चे दुनिया में सबसे बेहतर हों। आज टेक्नोलॉजी की वजह से दुनिया में बहुत तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं। अगले कुछ साल में आज के जैसी नौकरियां और काम नहीं रहेंगे। इसलिए ये जरूरी है कि हम अपने बच्चों को वो पढ़ाएं जो उन्हें कल की दुनिया के लिए बेहतर तैयार कर सके।मनीष सिसोदिया ने पत्र में कहा है कि दिल्ली का शिक्षा मंत्री रहते हुए मैंने आपके बच्चों के लिए खूब काम किया। मैं रोज़ सुबह उठकर सात बजे ही स्कूल पहुंच जाता था। बच्चों और शिक्षकों से बात करता था, उनसे पूछता था, क्या चाहिए। जहां बिल्डिंग खराब थी, वहां शानदार बिल्डिंग बनवाईं। जहां टीचर नहीं थे, वहां अच्छे टीचर दिलवाए. जहां लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं नहीं थीं, वहां ये सब ठीक कराया। तमाम स्कूलों में स्वीमिंग पूल और खेल के शानदार मैदान बनवाए. शिक्षा मंत्री रहते हुए जो हो सकता था मैंने खूब मेहनत, लगन और ईमानदारी से किया।
मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अब आगे की बात करते हैं। मुझे आप के सुझाव चाहिए कि बच्चों की शिक्षा के लिए अगले पांच साल हमारी सरकार को क्या करना चाहिए, स्कूलों में क्या सुविधा होनी चाहिए, कैसी व्यवस्था होनी चाहिए और इन सब में किसकी क्या भूमिका होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो,
मैं पूरी दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर सरकारी स्कूलों के बच्चों के माता-पिता के साथ इन मुद्दों पर संवाद कर रहा हूं। आखिर में मैं फिर से यही कहूंगा कि आज हम जितनी गहराई से इन मुद्दों पर विचार करेंगे, उतना ही बेहतर हम तैयार होंगे, आपके बच्चों को कल एक अच्छा भविष्य देने के लिए। इसलिए आप ज़रूर आइएगा।
संवाद के बिंदु
- अच्छी बिल्डिंग बनवाने, अच्छा रिज़ल्ट लाने, शिक्षकों की अच्छी ट्रेनिंग दिलाने का काम तो लगातार चलेगा ही, इसके अलावा और क्या करना है?
- हमारे जीवन में टेक्नोलॉजी की वजह से जो बदलाव आ रहे हैं, उससे बच्चों की शिक्षा में नुकसान की बजाय फ़ायदा कैसे पहुंचाया जाए?
- बच्चों में किस प्रकार के कौशल विकसित किए जाएं कि वो पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पसंद की नौकरी या अपना खुद का कारोबार शुरू करने के योग्य हो जाएं?
- हम और क्या करें, या न करें ताकि सभी बच्चों में आत्मविश्वास बढ़े, वो खुशहाल हों, अपने बड़ों का आदर करें, देश के संविधान का सम्मान करें, किसी के साथ भेद भाव न करें, अपने परिवार और देश की तरक़्क़ी के बारे में सोचें।
दिल्ली के स्कूलों को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए अभिभावकों ने कहा धन्यवाद
कोडली विधानसभा में आयोजित शिक्षा पर बात सत्र में करीब 500 से ज्यादा माता-पिता पहुंचे थे। उन्होंने दिल्ली के स्कूलों में क्रांतिकारी काम करने के लिए मनीष सिसोदिया को धन्यवाद किया। कई अभिभावकों ने कहा कि उनके कार्यकाल कार्यकाल में सरकारी स्कूलों में बहुत सुधार हुआ है और पिछले सात साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट से बेहतर रहे हैं। साथ ही उन्होंने बच्चों के लिए आधुनिक स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम और नीट, जेईई, और सीयूईटी जैसी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग जैसी पहलों के लिए आभार जताया।