ट्रंप के इस फैसले से 3 लाख भारतीय छात्र चिंतित
3 लाख भारतीय छात्र चिंतित
अमेरिका से आ रही एक खबर ने करीब 3 लाख भारतीय छात्रोंको चिंता में डाल दिया है। दरअसल, अमेरिका में एक नया बिल पेश किया गया है जिसमेंअंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) ऑप्शन को खत्म करने का प्रस्तावहै। यह सुविधा वर्तमान में एसटीईएम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) के छात्रोंको मिलती है, जिससे वे अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद अमेरिका में 3 साल तक रहकर काम करतेहैं।
लेकिन अगर यह विधेयक पास हो जाता है, तब छात्रों को पढ़ाई खत्म करने के तुरंत बाद देशछोड़ना होगा, जब तक कि वे एच-1बी वीजा हासिल नहीं कर लेते।इंडियन स्टूडेंट्स अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सबसे बड़ी आबादी का हिस्सा हैं। रिपोर्ट केअनुसार, 2023-24 में यूएस में 11 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 3.31 लाख भारतीय थे। ये छात्रमुख्य रूप से एसटीईएम कोर्सेस में पढ़ाई करते हैं और ओपीटी के जरिए प्रोफेशनल अनुभव हासिलकरते हैं। इससे एच-1बी वीजा पाने के लिए उनकी दावेदारी मजबूत होती है।

अब नए बदलाव से उनलाखों छात्रों के करियर प्लान पर गहरा असर पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि यह कदम ट्रंपप्रशासन की सख्त आव्रजन नीतियों का हिस्सा है। उन्होंने चुनाव अभियान में मास डिपोर्टेशन औरवीजा नियमों को कड़ा करने का वादा किया था।जानकारों का कहना है
कि इससे कई छात्र अब कनाडा और यूरोप जैसे वैकल्पिक देशों की ओर रुखकर सकते हैं, जहां 2025-26 के लिए भारतीय आवेदनों में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा रही है।इस खबर से छात्रों में घबराहट फैल गई है।