पानी के बढ़े बिलों से लोगों को राहत देने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का भाजपा ने किया वहिष्कार, कांग्रेस-आप आई साथ
पानी के बढ़े बिलों से लोगों को राहत देने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा गुरुवार को अपने आवास पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का भाजपा ने वहिष्कार किया।
सीएम ने जनता से जुड़े इस बड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए भाजपा और कांग्रेस को आमंत्रित किया था। कांग्रेस की तरफ से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और हारून यूसूफ बैठक में शामिल हुए और उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड की इस पॉलिसी का समर्थन किया। बैठक में जल मंत्री आतिशी और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विस्तार से वन टाइम सेटलेमेंट स्कीम के बारे में बताया। इस दौरान सीएम ने कहा कि भाजपा का बैठक में शामिल न होना यह दिखाता है कि वो स्कीम के खिलाफ है, जबकि इसे लागू होने से 90 फीसद लोगों का बिल माफ हो जाएगा।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा स्कीम को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। हमने एलजी साहब से बात की, सदन में मामला उठाया, रिजॉल्यूशन पास किया, फिर भी पॉलिसी कैबिनेट में नहीं आ पाई है। वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को अपना सुझाव दे दिया है। कांग्रेस दिल्लीवालों को राहत देने वाले सरकार के हर कदम का समर्थन करेगी। इस दौरान डीजेबी के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती भी मौजूद रहे।
सर्वदलीय बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा का सर्वदलीय बैठक में शामिल न होना यह दिखाता है कि वो दिल्ली के लाखों लोगों को राहत देने वाली वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के खिलाफ है। हमें भाजपा को दिल्ली की जनता के सामने एक्पोज करना चाहिए, क्योंकि वो बहुत ही गंदी राजनीति कर रही है। अगर भाजपा के कोई सुझाव होंगे तो हम जरूरत लेते। सीएम ने स्कीम के बारे में बताया कि हमारा आंकलन है कि वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू होने से लगभग 90 फीसद लोगों का बिल माफ हो जाएगा। लेकिन दिल्ली सरकार को दिल्ली जल बोर्ड को सब्सिडी का पैसा देना होगा। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड के पास राजस्व आ जाएगा। चूंकि सर्विसेज केंद्र सरकार के पास है। इसलिए उनका अफसरों पर दबाव है। कुछ अफसरों ने आकर हमें बताया कि हमें धमकी दी जा रही है, हमारी नौकरी चली जाएगी। इसलिए अब इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाना पड़ेगा और जनता को खड़ा करना पड़ेगा। यह बहुत बड़ा मुद्दा है। विधायकों के कार्यालय में रोजाना सुबह से शाम तक लोगों का तांता लगा रहता है।
सर्वदलीय बैठक के उपरांत दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के पानी के बिलों के लिए डीजेबी और दिल्ली सरकार एक पॉलिसी लाना चाहती है।
भारतीय जनता पार्टी अफसरों के जरिए उस वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी को रोकने के लिए काफी मशक्कत कर रही है। इस पॉलिसी के विषय में हमने एलजी साहब से भी बात की है और दिल्ली विधानसभा के सदन में भी यह मामला उठाया है। सदन में रिजॉल्यूशन भी पास किया है। इसके बावजूद वन टाइम सेटलमेंट स्कीम अभी तक कैबिनेट में नहीं आ पाई है। चूंकि यह दिल्ली की जनता से जुड़ा बड़ा मुद्दा है। इसलिए कुछ दिन पहले सर्वदलीय बैठक करने का फैसला लिया गया, ताकि बड़े राजनीतिक दल अपनी पार्टी लाइन से बाहर जाकर इस जनहित के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाए।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसलिए आज सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। इस सर्वदलीय बैठक में भाजपा से रामवीर सिंह बिधूड़ी को निमंत्रण दिया गया था। उनको कहा गया था कि आप अपने किसी साथी विधायक को लेकर आएं। इसके अलावा, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली को न्यौता दिया गया था। अरविंदर सिंह लवली अपने साथ हारून यूसूफ के साथ सर्वोदय बैठक में शामिल हुए। दोनों ही दिल्ली के पूर्व मंत्री हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के इस जमीनी मुद्दे पर विचार विमर्श करेन के लिए भी भाजपा के नेता विपक्ष और विधायक नहीं आए। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा के लोग नहीं चाहते हैं कि दिल्ली के 10.50 लाख से ज्यादा लोगों के लंबित बिलों का निपटारा हो सके। दिल्ली की जनता परेशान हैं तो बीजेपी के लोग उससे खुश हैं।
वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली के पानी के बिलों को लेकर मुख्यमंत्री की तरफ से हमें सर्वदलीय बैठक का आमंत्रण मिला था। एक जिम्मेदार राजनीतिक दल होने के नाते कांग्रेस की तरफ से हमने इस बैठक में भाग लिया। मैं समझता हूं कि दिल्ली के लोगों को राहत देने के के मामले में किसी भी राजनीतिक दल को बुनियादी रूप से कोई कमजोरी या कोताही नहीं बरतनी चाहिए। यह दुर्भाग्य है कि हमेशा दिल्ली और देश की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी इतने बड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से नदारत रही। हम लोग बैठक में चर्चा कर तार्किक आधार पर किसी परिणाम तक पहुंच पाते, लेकिन भाजपा नदारत रही। मैं समझता हूं कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए यह अच्छी अच्छी परिपाटी नहीं है। अगर जनता के मुद्दे पर बात करनी हो तो और भी अच्छी बात नहीं है।
कांग्रेस दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि हमने अपने सुझाव दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री को प्रस्ताव के साथ दे दिए हैं। निश्चित तौर पर दिल्ली के लोगों को राहत देने वाला जो भी कदम उठाया जाएगा, कांग्रेस उसका समर्थन करेगी। यह बात तकलीफ दायक भी है
कि भले ही हम अलग-अलग विचारधारा और सोच के राजनीतिक दल है, लेकिन चुनी हुई सरकार को अगर कैबिनेट का नोट बनाने का भी अधिकार नहीं है, तो लोकतंत्र में इससे बड़ा दुर्भाग्य और लोकतंत्र को तार-तार करने की इससे बड़ी घटना नहीं हो सकती। हमने पहले भी कहा है कि सरकार किसी भी पार्टी की रहे, चाहे भाजपा की रहे, कांग्रेस की रहे या आम आदमी पार्टी की रहे, हम किसी भी संस्था को कमजोर करने की बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं।