कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले के बाद जश्न का माहौल
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रसिद्ध समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर
को केंद्र द्वारा भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले के एक दिन बाद बुधवार को समस्तीपुर जिले में
स्थित कर्पूरी गांव में जश्न का माहौल है।
कर्पूरी ठाकुर को केंद्र द्वारा भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा किए जाने के बाद, आज उनकी
सौवीं जयंती पर उनके पैतृक घर के बाहर बड़ी संख्या में लोगों ने एकत्र होकर खुशी जताई।
समस्तीपुर जिले के ‘कर्पूरी ग्राम’ के ग्रामीणों ने बुधवार को उनके पैतृक घर में उनके बड़े बेटे और जद
(यू) के राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर तथा अन्य परिजन से मुलाकात की।
ठाकुर की 100वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार विधानसभा परिसर
में समाजवादी नेता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर कई अन्य नेताओं ने भी उन्हें
श्रद्धांजलि दी।
भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने
का फैसला किया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंगलवार को इसकी घोषणा हुई।
यह घोषणा कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले की गई।
जद (यू) के राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर ने बुधवार को कहा, "मेरे पिता की मृत्यु के 36 साल बाद
केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया है। मैं अपनी पार्टी, अपनी ओर से
और बिहार की जनता की ओर से केंद्र को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
बिहार सरकार ने कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के अवसर पर आज कई कार्यक्रमों के आयोजन की
योजना बनाई है।
ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के केंद्र के फैसले पर जद (यू) के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने
कहा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बार-बार अनुरोध के बाद, आखिरकार जननायक कर्पूरी ठाकुर
को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह देर से किया गया स्वागत योग्य निर्णय है और यह युवाओं को उनके आदर्शों पर
चलने के लिए प्रेरित करेगा।