चार नए विश्वस्तरीय सरकारी स्कूल की सीएम केजरीवाल ने रखी नींव
किराड़ी के प्रताप विहार में बन रहे दो नए स्कूल भवनों में 100 से अधिक शानदार क्लासरूम, लेबोरेट्री, लाइब्रेरी, एक्टिविटी रूम और लिफ्ट समेत अन्य आधुनिक सुविधाएं होंगी
उत्तर-पश्चिम दिल्ली स्थित किराड़ी विधानसभा क्षेत्र को अगले साल जनवरी तक चार नए सरकारी स्कूल मिल जाएंगे। रविवार को किराड़ी के प्रताप विहार में सीएम अरविंद केजरीवाल नारियल फोड़कर दो नए स्कूल भवनों की नींव रखी। इसमें दो शिफ्टों में चार स्कूल चलेंगे, जहां करीब 10 हजार बच्चे शिक्षा पा सकेंगे। दोनों नए स्कूल भवनों में 100 से अधिक शानदार क्लासरूम होंगे। इसके अलावा लेबोरेट्री, लाइब्रेरी, एक्टिविटी रूम और लिफ्ट समेत अन्य आधुनिक सुविधाएं होंगी। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के कुछ इलाकों में स्कूलों की कमी है। इसी मद्देनजर हम उन इलाकों में नए स्कूल बना रहे हैं, ताकि हर बच्चों को अपने घर के पास ही अच्छी शिक्षा मिल सके। मैंने कसम खाई है कि जो शिक्षा मेरे देश ने मुझे और मेरे बच्चों को दी है, वैसी ही अच्छी शिक्षा देश के हर बच्चे को मिलनी चाहिए। इसके लिए लिए मैं काम करता रहूंगा।
इसलिए हमारी सरकार पिछले नौ वर्षों से शिक्षा और स्वास्थ्य पर 40 फीसद बजट खर्च करती है। जबकि केंद्र सरकार पूरे देश की शिक्षा और स्वास्थ्य पर मात्र 4 फीसद बजट ही खर्च करती है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक रितुराज झा समेत अन्य गणमन्य लोग मौजूद रहे।
दिल्ली सरकार द्वारा किराड़ी विधानसभा क्षेत्र स्थित रोहिणी सेक्टर 41 में यह दोनों नए विश्वस्तरीय बनाए जा रहे हैं। स्कूल के आसपास कई घनी आबादी वाले इलाके हैं, वहां रह रहे बच्चों को इन दोनों स्कूलों से बेहद लाभ होगा। नारियल फोड़कर स्कूल का शिलान्यास करने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने उनके मॉडल को भी देखा, जिसमें बच्चों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके बाद स्कूली बच्चों ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर सीएम का स्वागत और नवांकुर भेंट कर उनका अभिनंद किया। यह दोनों स्कूल अलग-अलग प्लाट में बनाए जाएंगे। दोनों स्कूलों में 100 से अधिक शानदार क्लासरूम बनाए जाएंगे। दोनों स्कूल में हाइटेक लेबोरेट्री और समृद्ध लाइब्रेरी होगी। ऑफिस स्टाफ रूम सहित शानदार एक्टिविटी रूम, टॉयलेट ब्लॉक और लिफ्ट की सुविधा होगी। साथ ही एक स्कूल भवन में 300 लोगों की क्षमता वाला एयर कंडीशंड मल्टी परपज हॉल भी बनाया जाएगा।
पहले दिल्ली के सरकारी स्कूल पढ़ाई के नाम पर जीरो थे – अरविंद केजरीवाल
इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में एक समय ऐसा था, जब सरकारी स्कूलों की इतनी बुरी हालत थी कि गरीबों को अपने बच्चों को मजबूरी में सरकारी स्कूलों में भेजना पड़ता था। प्राइवेट स्कूलों की महंगी फीस देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। प्राइवेट स्कूलों में मनमाना फीस लिया जाता था। इसलिए गरीब लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में नहीं भेज सकते थे। उस समय सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने वाले गरीब परिवारों को यह उम्मीद नहीं होती थी कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर आगे कुछ बन पाएंगे। क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर बिल्कुल जीरो था।
हमारी सरकारी बनने के बाद गरीबों में यह उम्मीद जगी है कि उनके बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सकती है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज चार सरकारी स्कूलों के उद्धाटन के उपलक्ष्य में इतनी भारी भीड़ जमा हो गई है। इसका मतलब है कि लोगों के अंदर यह उम्मीद जगी है कि अब हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी, यह मेरे लिए सबसे सूकून की बात है। एक गरीब आदमी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलने की उम्मीद खो चुका था। रिक्शेवाला, दिहाड़ी मजदूर, किसान, प्लंबर और इलेक्ट्रिीशियन जैसा गरीब लोग यह उम्मीद खो चुके थे कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकती है और उनके बच्चे भी बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर बन सकते हैं, आज वो उम्मीद गरीब लोगांे के अंदर दोबारा जगी है कि अब मेरे बच्चों को भी अच्छा भविष्य मिल सकता है। ये मेरे लिए सबसे बड़ी बात है।
पहले सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा खुद को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे से कमजोर मानता था- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले, अगर पड़ोसी का बच्चा प्राइवेट स्कूल में जाता था और वहीं पास में रहने वाले एक गरीब का बच्चा सरकारी स्कूल में जाता था। जब सरकारी स्कूल वाला बच्चा प्राइवेट स्कूल वाले बच्चे के साथ मिलता था, तो सरकारी स्कूल वाले बच्चे को थोड़ी सी हीन भावना होती थी कि मैं इससे कमजोर और छोटा हूं। लेकिन आज जब एक प्राइवेट स्कूल वाला और सरकारी स्कूल वाले बच्चे मिलते हैं, तो सरकारी स्कूल वाला बच्चा भी अपनी कॉलर ऊपर करके बात करता है। अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे में भी आत्मविश्वास आ गया है कि अब मैं भी अच्छे स्कूल में पढ़ता हूं।
अब सरकारी स्कूलों जैसे शानदार नतीजे किसी प्राइवेट स्कूल के भी नहीं आ रहे- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे जितने भी सरकारी स्कूल बन रहे हैं, उनकी बहुत ही शानदार बिल्डिंग बन रही है। हमारे सरकारी स्कूलों जैसी शानदार बिल्डिंग किसी प्राइवेट स्कूल की भी नहीं होगी। हमारे टीचर भी बहुत शानदार है। इतने शानदार टीचर किसी प्राइवेट स्कूल में भी नहीं हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि आज हमारे सरकारी स्कूलों के नतीजे भी बहुत शानदार आ रहे हैं। इतने शानदार नतीजे किसी प्राइवेट स्कूल के भी नहीं आ रहे हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आज किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में चार नए स्कूलों को उद्घाटन किया जा रहा है। इसमें 10 हजार बच्चों की शिक्षा का इंतजाम किया जा रहा है। यह स्कूल भवन एक साल में बनकर तैयार हो जाएंगे। मुझे पूरा यकीन है कि एक साल बाद मैं एक बार फिर आप सबके बीच इसका उद्धाटन करने आउंगा। इन चार नए स्कूलों की नींव रखे जाने का श्रेय स्थानीय विधायक रितुराज झा को जाता है। ये डीडीए की जमीन है। डीडीए इतनी आसानी से जमीन नहीं देता है। विधायक ने डीडीए से यह जमीन ली और शिक्षा विभाग से फाइल क्लीयर करवाई।
आने वाले दिनों में किराड़ी में 20 सरकारी स्कूल हो जाएंगे, जिससे यहां शिक्षा की समस्या खत्म हो जाएगी- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक किराड़ी इलाके में 10 स्कूल थे। इन सभी 10 स्कूलों की पहले हालत बहुत खराब थी। सबसे पहले हमने टिन के अंदर चल रहे उन 10 स्कूलों शानदार बनाए। इसके अलावा, अब हम 10 नए स्कूल बना रहे हैं। इसमें से 4 नए स्कूल यहां बनेंगे, जहां 10 हजार बच्चें पढ़ेंगे। इसके बाद किरारी विधानसभा में कुल 20 सरकारी स्कूल हो जाएंगे। इसके बाद यहां रहने वाले बच्चों को शिक्षा की कोई समस्या नहीं होगी। बच्चों को शानदार शिक्षा मिलेगी और उनको दूर चलकर नहीं जाना पड़ेगा। हमनें पूरी दिल्ली में स्कूलों के लिए नक्शा बनाया है। हमने सरकारी स्कूल तो अच्छे कर दिए, लेकिन अभी भी दिल्ली में ऐसे कई इलाके हैं, जहां स्कूलों की कमी है। कुछ जगह ऐसे भी हैं, जहां ज्यादा स्कूल हो गए हैं। लेकिन कुछ जगहों पर स्कूलों की कमी है। उसकी एक पूरी लिस्ट बनाई गई है। पूरी दिल्ली में जहां-जहां स्कूलों की कमी है, हम वहां नए स्कूल बनाते जा रहे हैं, ताकि गरीबों के बच्चों के लिए अपने घर के पास ही शिक्षा का इंतजाम हो सके।
देश के किसी भी राज्य में सरकारी स्कूलों में दिल्ली जैसी सुविधाएं नहीं हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन स्कूल बिल्डिंग्स में बच्चों के लिए शानदार लैबोरेटरी होंगी। यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार समेत पूरे देश में आप कहीं भी चले जाओ, आपको सरकारी स्कूलों मे लैबोरेटरी, ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी, स्टाफ रूम और एक्टीविटी रूम जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी, जबकि आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को ये सारी सुविधाएं दी जा रही हैं।
हमारी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा बजट खर्च करती है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे सरकारी स्कूलों में इतनी शानदार सुविधाएं मुहैया कराने का सपना इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हम दिल्ली सरकार का बहुत बड़ा बजट शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करते हैं। कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार पूरे देश का बजट लेकर आई है। केंद्र सरकार पूरे देश की शिक्षा और स्वास्थ्य पर केवल 4 फीसद बजट खर्च कर रही है। वहीं दिल्ली सरकार पिछले 8 साल से हर साल अपने बजट का 40 फीसदी स्कूल और अस्पतालों पर खर्च करते हैं। पैसा खर्च नहीं करेंगे तो स्कूल ठीक कैसे होंगे, अपने आप तो होंगे नहीं। इसके लिए पैसा खर्च करना पड़ता है। हम 40 फीसदी शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करते हैं, केंद्र सरकार केवल 4 फीसदी खर्च करती है।
दिल्ली के दो करोड़ लोग मेरा परिवार हैं और उनके बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के दो करोड़ लोगों को अपना परिवार मानता हूं। आपके बच्चों को अपना बच्चा मानता हूं। मुझे किस्मत से भगवान ने जिंदगी में सबकुछ दिया है। मेरे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिली है। मैंने कसम खाई है कि जो शिक्षा मेरे देश ने मेरे बच्चों और मुझे दी, वैसी ही अच्छी शिक्षा इस देश के हर बच्चे को मिलनी चाहिए। इसके लिए मैं काम करता रहूंगा। हम अपना परिवार पालते हैं। परिवार में कोई आदमी कितना भी गरीब क्यों ना हो, गरीब से गरीब आदमी भी सबसे पहले अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करना चाहता है।
अपने को पूरी रोटी मिले या न मिले लेकिन बच्चे को भरपेट रोटी मिलनी चाहिए, बच्चों को दूध, फल, सब्जी मिलनी चाहिए। सबसे जरूरी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। गरीब से गरीब आदमी सोचता है कि भले ही एक टाइम कम रोटी खानी पड़े लेकिन बच्चे अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। सबसे पहले हर आदमी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है। यही नजरिया हमने दिल्ली सरकार में भी अपनाया है कि दो सड़कें कम बना देंगे लेकिन पहले दिल्ली के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतजाम करेंगे। एक परिवार में जैसे सबसे पहले हम अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा का इंतजाम करते हैं, हम ये सोचते हैं कि भले ही मुझे जीवन में कुछ मिला या नहीं मिला, भगवान ने दिया, चाहें नहीं दिया, लेकिन मेरे बच्चे बड़े होकर अच्छे बन जाएं। इन बच्चों को अच्छा भविष्य मिल जाएं। ऐसा ही मैं भी सोचता हूं कि दिल्ली के जो दो करोड़ लोग जो मेरा परिवार है, उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा और अच्छा भविष्य मिलना चाहिए।
हमने सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प कर दिया और सबका इलाज मुफ्त कर दिया- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा के अलावा अगर घर में कोई बीमार हो जाए तो उसे अच्छा इलाज मिल जाए। अगर कोई बीमार हो जाए तो हम उसे अच्छे से अच्छे अस्पताल में ले जाने की कोशिश करते हैं ताकि उसे अच्छा इलाज मिल सके। अच्छा इलाज देने के लिए चाहें जमीन या गहने बेचने पड़े या फिर कर्ज लेना पड़ जाए। अच्छी स्वास्थ्य सुविधा हर आदमी की प्राथमिकता होती है। मैंने भी यहीं सोचा कि दिल्ली में बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतजाम करना है और पूरी दिल्ली में कोई भी बीमार हो जाए तो पैसों की कमी की वजह से उसके इलाज में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। हमने पूरी दिल्ली में जगह-जगह मोहल्ला क्लीनिक बनवा दिए। पहले कोई मोहल्ला क्लीनिक नहीं थे। आज किराड़ी में 20 मोहल्ला क्लीनिक हैं। ये शानदार मोहल्ला क्लीनिक हैं, यहां सारी दवाइयां मुफ्त मिलती है, सारे टेस्ट, इलाज, डॉक्टर समेत सब कुछ मुफ्त है। दिल्ली के सभी 35 सरकारी अस्पतालों में सभी का इलाज मुफ्त किया जाता है। इन अस्पतालों में शानदार सुविधाएं दी जाती हैं। हमने सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प कर दिया और सबका इलाज मुफ्त कर दिया।
जब से दिल्लीवालों ने अरविंद केजरीवाल को सीएम बनाया है, दिल्ली में शिक्षा क्रांति की शुरूआत हो गई है- आतिशी
इस अवसर पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि यहां आज चार नए स्कूलों का शिलान्यास हो रहा है। यहां 2 प्लॉटों पर 2 नई बिल्डिंग बनने जा रही है। इनमें 4 स्कूल चलेंगे, जिससे अगले साल अप्रैल से लगभग 10 हजार बच्चे पढ़ाई कर पाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में जिस तेजी से शिक्षा और पीडब्ल्यूडी विभाग काम करता है। उससे लगता है कि एक साल के अंदर हम लोग यहां पर बनने जा रहे नए स्कूलों का उद्घाटन कर रहे होंगे। इन दोनों बिल्डिंग में 70 से ज्यादा कमरे होंगे। जिसमें सभी में आधुनिक सुविधाएं मौजूद होंगी। इनमें बच्चों के खेलने के लिए जगह, साइंस लैब और एयर कंडीशनर ऑडिटोरियम बनेगा, जिसमें बच्चे अपना वार्षिकोत्सव मना सकेंगे। इस बात का दावा है कि जो नए स्कूल यहां बनेंगे, वह इस इलाके के सभी प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ देंगे। शिक्षा के क्षेत्र में न केवल किराड़ी में बदलाव देखने को मिल रहा है,
बल्कि पिछले 9 साल में पूरी दिल्ली में जो शिक्षा क्रांति आई है, उसने पूरी दिल्ली का कायापलट कर दिया है। दिल्ली में रहने वाला हर आम इंसान जानता है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने से पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत दयनीय थी। स्कूल टूटे-फूटे हालत में थे। पहले स्कूल के अंदर घुसते ही टॉयलेट की बदबू आती थी। स्कूलों में कमरों की कमी होती थी। बच्चे शौचालय की बदबू के बीच कॉरिडोर में फर्श पर बैठकर पढ़ाई करते थे। टीचरों की ड्यूटी अलग-अलग सरकारी काम पर लगा दी जाती थी। इस वजह से वह क्लास में नहीं आ पाते थे। बच्चों के पास पीने का पानी नहीं होता था। साफ टॉयलेट नहीं होता था। बैठने के लिए टेबल-कुर्सी नहीं होती थी, लेकिन 2015 में दिल्ली वालों ने एक चमत्कार कर दिया और अपने प्यार, आशीर्वाद और वोट से अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना दिया, तब से इस दिल्ली में शिक्षा क्रांति की शुरुआत हो गई।
पिछले 7 सालों से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आ रहे हैं- आतिशी
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि पहले होता था कि लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजते थे। अपना पेट काट-काटकर प्राइवेट स्कूलों की फीस भरते थे। लेकिन इन 9 सालों में लगभग 3 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले लिया है। पहले हर परिवार सोचता था कि थोड़े से पैसे आ जाएं तो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों से हटाकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाएंगे और आज 9 साल की शिक्षा क्रांति का यह नतीजा है कि पिछले 7 सालों से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आ रहे हैं। पहले लोग सोचते थे कि अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूल में भेजेंगे। महंगी कोचिंग कराएंगे, तभी उनके बच्चों का एडमिशन किसी अच्छे कॉलेज में हो पाएगा। तभी उनके बच्चे इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई कर पाएंगे, लेकिन आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायापलट हो गया है। अब हर साल हजार से ज्यादा बच्चों का एडमिशन आईआईटी जेईई में होता है. वह नीट के एग्जाम क्लियर करते हैं। देश के बड़े-बड़े मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में जाते हैं। आज एक गरीब परिवार का बच्चा न सिर्फ सपने देख सकता है, बल्कि अरविंद केजरीवाल की शिक्षा क्रांति की वजह से वह सपने साकार भी हो रहे हैं। उनको अच्छी शिक्षा और अच्छी नौकरी मिल रही है।
सीएम केजरीवाल ने किराड़ी विधानसभा के लोगों को वह सबकुछ दिया, जिसकी जरूरत थी- ऋतुराज झा
वहीं, किराड़ी के विधायक ऋतुराज झा ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने किराड़ी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए वह सब कुछ किया, जिसकी यहां के लोगों को जरूरत थी। सीएम ने यहां 85 कॉलोनियों में घर-घर पीने का पानी पहुंचा दिया। यहां 56 कॉलोनियों में सड़क-नालियों का निर्माण कराया। हमारे क्षेत्र में 15 मोहल्ला क्लीनिक बनवाए, जहां हर गरीब का इलाज हो पाता है। इसके साथ ही यहां सबसे बड़ी समस्या सीवेज का समाधान भी हो गया है। मुख्यमंत्री यहां दिल्ली का सबसे बड़ा सीवेज प्रोजेक्ट बना रहे हैं। उसका कार्य एक साथ 5 हजार गलियों और सड़कों पर चल रहा है। इनमें से 3 हजार गलियों और सड़कों पर सीवेज का कार्य पूरा हो चुका है और बची हुई 2 हजार गलियों का काम भी अगले एक साल में पूरा हो जाएगा। इसके बाद एक भी गली ऐसी नहीं बचेगी, जहां पर सड़क, नाली और सीवेज का काम नहीं होगा। साथ ही किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में दिल्ली का सबसे मॉडर्न बस डिपो दिया, जो अगले 6 महीने में बनकर पूरा हो जाएगा। इसके बाद यहां रहने वाली महिलाएं मुफ्त में पूरी दिल्ली का सफर कर पाएंगी।
किराड़ी विधानसभा में 10 नए सरकारी स्कूल बन रहे हैं, जिसके बाद बच्चों को काफी सहूलियत हो जाएगी- ऋतुराज झा
विधायक ऋतुराज झा ने कहा कि सबसे जरूरी शिक्षा है। बाबा साहेब अंबेडकर कहते थे कि शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जो पीयेगा, वो दहाड़ेगा। हम सभी प्रवासी लोगों के लिए शिक्षा का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। हम सब यहां दूर-दूर बिहार, यूपी, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड से आकर बसे हैं. हम सब लोग अपना पेट काटकर भी अपने बच्चों को पढ़ना चाहते हैं। केजरीवाल सरकार बनने से पहले किराड़ी के 10 स्कूलों की हालत बहुत खराब थी। उनमें शौचालय नहीं थे। पंखों की हालत खराब थी। लेकिन अब उन सभी स्कूलों को शानदार कर दिया गया है।
उन सभी स्कूलों में 300 नये कमरे, एमपी हॉल, लेबोरेटरी बनाए गए हैं। इसके साथ पूरे किराड़ी में 10 नए स्कूलों का भी काम चल रहा है। 2 स्कूल प्रेम नगर में बना रहे हैं, वह 3 महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे। प्रेम नगर में अभी कोई स्कूल नहीं है। बच्चे पढ़ने के लिए मुंडका, नांगलोई और दूर-दराज के इलाकों में जाते हैं। इसके लिए रेलवे लाइन क्रॉस करना पड़ता है। कई बार दुर्घटनाएं भी सुनने को मिल जाती हैं। लेकिन जैसे ही 3 महीने बाद प्रेम नगर में 2 नए स्कूल बनकर तैयार हो जाएंगे और सीएम अरविंद केजरीवाल उनका उद्घाटन करेंगे तो प्रेम नगर के बच्चों को स्कूलों की सुविधा वहीं पर मिल पाएगी। इस साल नवंबर तक जब ये 4 स्कूल बनकर तैयार हो जाएंगे तो यहां के हजारों बच्चों को उनमें एडमिशन मिल पाएगा।
विरोधी दल के लोगों को हंगामा करने पर सीएम केजरीवाल ने लिया आड़े हाथ
स्कूल के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान दूसरी पार्टी के लोगों ने सीएम अरविंद केजरीवाल के विरोध में नारेबाजी की। इस पर सीएम ने उनको समझा कर शांत कराया। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हम लोग स्कूलों, अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन करने जाते हैं तो दूसरी पार्टी वाले हमारा विरोध करने पहुंच जाते हैं। सीएम ने विरोध करने आए विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं से कहा कि आज तो पवित्र दिन है। चार नए स्कूलों का उद्घाटन हो रहा है, जिसमें 10 हजार बच्चे पढ़ सकेंगे। विपक्षी दलों को कम से कम आज तो यह गंदी राजनीति नहीं करनी चाहिए। अगर आपको केजरीवाल से दुश्मनी है, लेकिन जनता के बच्चों और उनकी शिक्षा से दुश्मनी मत करो। इन स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलने वाली है। इस मौके पर इस तरह की गलत हरकत नहीं करनी चाहिए।
बच्चों को पास में मिलेगा स्कूल, जनता ने दिया सीएम केजरीवाल को धन्यवाद
एक साथ दो स्कूल भवनों के शिलान्यस से उत्साहित क्षेत्र की जनता ने थैंक्यू केजरीवाल के जमकर नारे लगाए। इसमें चार स्कूल संचालित किए जाएंगे। किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में 16 हजार से भी ज्यादा बच्चे हैं। इनके पढ़ने के लिए तीन स्कूल बिल्डिंग हैं, जो दो पाली में चलते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में मौजूद बच्चों की संख्या के अनुपात में स्कूलों की संख्या पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा अन्य स्कूल काफी दूर हैं, जहां जाने में बच्चों को दिक्कत होती है। इससे कई बच्चे लगातार स्कूल जाने में भी असमर्थ महसूस करते हैं। माता-पिता भी अपने बच्चों को दूर पढ़ने भेजने से असुरक्षित महसूस करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने किराड़ी के बच्चों के लिए ये दो नए स्कूल भवनों के निर्माण का फैसला लिया, ताकि स्कूल बच्चों के घर से करीब हो और उनको पर्याप्त सुविधाएं मिल सके। यह स्कूल अगले एक साल में बनकर तैयार हो जाएंगे।
अगले साल जनवरी तक बन जाएंगे ये स्कूल
रोहिणी सेक्टर 41 में प्लॉट नंबर 1 और प्लॉट नंबर 2 पर यह दोनों नए स्कूल बनाए जाएंगे। प्रत्येक स्कूल में ग्राउंड प्लस तीन मंजिला बिल्डिंग बनाई जाएंगी, सेमी-परमानेंट स्ट्रक्टर के होंगे। सितंबर 2022 में डीडीए द्वारा शिक्षा निदेशालय को यह जमीन आवंटित की गई थी। दोनों स्कूल बिल्डिंग्स जनवरी 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगी।
दोनों स्कूल भवनों में सुविधाएं
यह स्कूल लगभग एक एकड़ में बनाया जा रहा है। इसमें 76 कमरे होंगे, जिसमें 54 क्लासरूम होंगे। हर फ्लोर पर लैब्स, लाइब्रेरी, ऑफिस, स्टाफ रूम, एक्टिविटी रूम, टॉयलेट ब्लॉक और एक लिफ्ट होगी। इसी तरह दूसरा स्कूल भवन करीब 1.5 एकड़ एरिया में बनाया जाएगा। इस भवन में 72 कमरे होंगे, जिनमें से 50 क्लास रूम होंगे। इसके अलावा, हर फ्लोर पर लैब्स, लाइब्रेरी, ऑफिस, स्टाफ रूम, एक्टिविटी रूम, टॉयलेट ब्लॉक और एक लिफ्ट होगी। साथ ही, यहां 300 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक एयर कंडीशंड मल्टी पर्पज हॉल भी बनाया जाएगा।
अभी इलाके के तीन स्कूल भवनों में पढ़ रहे 16 हजार से ज्यादा बच्चे
किराड़ी इलाकों में वर्तमान में छह स्कूल तीन बिल्डिंग्स में संचालित किए जा रहे हैं। हर बिल्डिंग में डबल शिफ्ट में स्कूल चल रहे हैं। इसमें निठारी में जीजीएसएसएस और जीबीएसएसएस स्कूल, जिसमें 4,939 छात्र पढ़ रहे हैं। निठारी गांव में जीजीएसएसएस और जीबीएसएसएस स्कूल है। इसमें 3333 छात्रों का दाखिला हुआ है। जबकि निठारी में एसकेवी और एसबीवी स्कूल में 8084 छात्र पढ़ रहे हैं। इस तरह इन छह स्कूलों 16,356 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। वहीं, इस समय निठारी के केवल एक ब्यॉज़ स्कूल जीबीएसएसएस में साइंस स्ट्रीम की पढ़ाई होती है।
दो नए स्कूलों के शुरू होने से मौजूदा स्कूलों पर बोझ होगा कम
यह दो स्कूल भवनों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मौजूदा स्कूलों पर बच्चों का बोझ कम हो जाएगा और छात्र-कक्षा अनुपात में भी सुधार होगा। इसका प्रभाव उत्तर पश्चिमी दिल्ली के किरारी स्थित प्रेम नगर और निठारी समेत अन्य इलाकों में पड़ेगा और यहां रहने वाले बच्चों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। मौजूदा छह स्कूलों में से किसी में भी मल्टी परपज हॉल नहीं है। नए स्कूलों का संचालन शुरू होने से इसकी कमी खत्म हो जाएगी। क्योंकि नए स्कूल बिल्डिंग्स में से एक में 300 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक मल्टी पर्रपज़ हॉल बनाया जाएगा, जो सभी स्कूलों के लिए एक बेहतर संसाधन होगा।