योगी आदित्यनाथ पर विभाजनकारी राजनीति का आरोप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘बाबरयुग’ वाली टिप्पणी को लेकर उन पर तीखा प्रहार किया और कहा कि वह विभाजन तथा झूठ कीराजनीति कर रहे हैं।योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहाकि अयोध्या व संभल में मुगल शासक बाबर की सेना ने जो किया और आज जो बांग्लादेश में होरहा है, उसका डीएनए एक ही है।
मुख्यमंत्री ने अयोध्या में 43वें रामायण मेले का उद्घाटन करने के बाद कहा, “ आप देखें कि पड़ोसीदेशों में हमारे दुश्मन किस प्रकार का कृत्य कर रहे हैं। 500 वर्ष पहले बाबर के एक जनरल ने
अयोध्या और संभल में जो कृत्य किए थे ठीक वैसा ही आज बांग्लादेश में हो रहा है।
इन तीनोंजगहों पर कृत्यों की प्रकृति और डीएनए समान है।”आदित्यनाथ की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा किउनकी भाषा एक मुख्यमंत्री के अनुरूप नहीं है।अनवर ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक और दुखद है कि भाजपा के एक बड़े नेता और उत्तर प्रदेश जैसेबड़े राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते वह ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं जिसका उद्देश्य लोगों कोविभाजित करना है।’’कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने बांग्लादेश और उत्तर प्रदेश के संभल के घटनाक्रम पर दुख व्यक्तकिया।उन्होंने कहा, ‘‘निर्दोष लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पांच लोग मारे गए हैं औरविपक्ष के नेता को संभल जाने से रोका जा रहा है। हम सरकार से न्याय की मांग करेंगे।’’समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार को झांसी के अस्पतालमें नवजात शिशुओं की मौत, बेरोजगारी, किसानों की आय, बिजली, सड़क और खाद के मुद्दे परचिंता करनी चाहिए।’’यादव ने कहा, ‘‘अगर वह (आदित्यनाथ) इतने ही धार्मिक व्यक्ति हैं, तो उन्हें हमें बताना चाहिए किवह कैलाश मानसरोवर को चीन से कब मुक्त कराएंगे। देश के हिंदू चाहते हैं कि उन्हें कैलाशमानसरोवर के लिए वीजा की जरूरत नहीं होनी चाहिए।’’
सपा सांसद इकरा हसन ने संभल के मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि आखिर हिंसा क्यों हुई?उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक बाबर का सवाल है… ऐसी चीजों की कोई प्रासंगिकता नहीं है क्योंकि हमारेपास अब लोकतंत्र है।
हमारे देश में एक संविधान और लोकतंत्र है, और हमें इसके अनुसार कामकरना चाहिए। पहले उन्हें (योगी आदित्यनाथ) इन चीजों का पालन करना चाहिए।’’शिवसेना (उबाठा) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी आदित्यनाथ पर निशाना साधा और सवाल कियाकि प्रधानमंत्री बांग्लादेश के बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्यसभा में इस पर चर्चा की मांग कर रही हूं, लेकिन मुझे इसका जिक्र नहीं करनेदिया जा रहा। उनकी पूरी राजनीति ‘बंटेंगे तो कटेंगे’, ‘एक हैं तो सेफ हैं’ की है।
इसका उद्देश्य लोगोंको बांटना है। पहले भी ये लोग विभाजनकारी राजनीति में शामिल थे और आज भी वे वही काम कररहे हैं।’’