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तानाशाही भारत छोड़ो’ की यह लड़ाई केवल आम आदमी पार्टी की ही नहीं है, बल्कि हम सबको मिलकर लड़नी है- मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने कहा कि जेल के अंधेरे में इतनी ताकत होती है कि वह किसी को अंदर से तोड़ दे, लेकिन जिसके लिए बाहर इतना सम्मान और प्यार हो, उसे कोई नहीं तोड़ सकता। मैं खून-पसीना बहाने के लिए बाहर आया हूं, आराम करने के लिए नहीं। भाजपा वाले ढूंढते रह जाएंगे कि वोटें कहां गईं, आज से ही हम सबको लगना है। दिल्ली, हरियाणा और देश के हर नागरिक को कहना चाहता हूं कि इस तानाशाह के खिलाफ एक-एक आदमी को लड़ना पड़ेगा। यह लड़ाई केवल आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की नहीं है, यह देश के हर आम आदमी की लड़ाई है।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब मैं जेल में अखबार पढ़ता था, तो कई खबरें मुझे विचलित करती थीं। मैं देखता था कि भाजपा ने कई बड़े व्यापारियों को झूठे केस लगाकर जेल में बंद कर दिया है। उनका किसी पार्टी से शायद ही कोई लेना-देना होगा। अगर कोई मेहनत से काम कर रहा है और भाजपा को चंदा नहीं दे रहा या उसके किसी आदमी से पंगा ले लिया तो उस पर झूठा केस लगाकर उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। एक व्यापारी से हजारों लोगों के घर चलते हैं। उनके जेल जाने से वे परिवार भूखे मरने लगते हैं, भाजपा को उनकी बद्दुआ लगेगी। यह तानाशाही नहीं तो और क्या है? यह केवल आम आदमी पार्टी या विपक्षी दलों का सवाल नहीं है। अगर किसी बड़ी कंपनी का मालिक जेल में चला जाता है तो वहां नौकरी कर रहे हजारों लोगों के घर में चिंता हो जाती है कि कल को कंपनी बंद हो गई तो घर कैसे चलेगा। भाजपा अपने चंदे के धंधे पर लोगों की नौकरियां खत्म कर रही है। इसे तानाशाही नहीं तो क्या कहेंगे? अगर ईडी-सीबीआई के नोटिस भेजकर चंदा मांगा जा रहा है तो यह तानाशाही है, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन्होंने एक रात में दिल्ली के 10,000 शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया। अगर यह तानाशाही नहीं तो और क्या है? बात 10,000 शिक्षकों की नहीं, उन लाखों बच्चों की है, जिन्हें ये शिक्षक पढ़ा रहे थे। उन्हें एक रात में इधर से उठाकर उधर फेंक दिया गया। इस तानाशाही के खिलाफ हमें आवाज उठानी चाहिए। एमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली जल बोर्ड का पैसा रोक दिया गया था, जिसे आज तक नहीं दिया गया है। वित्त विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ करके पैसे को रुकवाया गया है। इलाके के इंजीनियर परेशान हैं। नाले और सीवर साफ नहीं हो रहे हैं, लेकिन अधिकारी कह रहे हैं कि हम पैसा नहीं देंगे। डेढ़ साल से जल बोर्ड का पैसा नहीं दिया गया है, जबकि विधानसभा में इसका बजट पास किया जा चुका है। तानाशाही केवल आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करने तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली में जगह-जगह जो सीवर ओवरफ्लो हो रहे हैं, वह भी इसी तानाशाही के कारण हैं। दिल्ली की नालियां बंद पड़ी हैं, ठेकेदारों को पैसे नहीं मिल रहे हैं। दिल्ली की नालियां सड़ी हुई हैं। केवल मैं ही जेल में नहीं था और अरविंद केजरीवाल ही जेल में नहीं थे, बल्कि दिल्लीवाले भी इस नरक में रहने के लिए मजबूर हैं। यह सब इस तानाशाही की वजह से हो रहा है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को कहकर सरकार के काम रुकवा दिए जाते हैं। कई-कई सालों तक फाइलें पड़ी रहती हैं, उनकी नीति पास नहीं होने दी जाती। इसका असली नुकसान जनता को हो रहा है। हमें इस तानाशाही के खिलाफ लड़ना होगा।

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि एक छोटे से गांव से निकलकर देश का नाम रोशन करने वाली बेटी अगर कहती है कि भाजपा द्वारा नियुक्त एक व्यक्ति ने उसे परेशान किया, तो उसे गिरफ्तार तक नहीं किया जाता। इसके बजाय, सोशल मीडिया पर उसे ट्रोल किया जाता है। अगर यह तानाशाही नहीं है, तो और क्या है? यह भाजपा की बेशर्मी है कि उस व्यक्ति को गिरफ्तार तक नहीं किया गया। इस देश की खिलाड़ी बेटियां जंतर-मंतर पर बैठी रहीं। हम अपने बच्चों को खिलाड़ी बनने का सपना दिखाते हैं, लेकिन अगर कोई उन्हें परेशान करे तो क्या हमें यह सहन होगा? लेकिन यह तानाशाही है कि उस व्यक्ति को गिरफ्तार तक नहीं किया गया। अब इस तानाशाही का चरम स्वरूप हमने देखा है कि उस बेटी के साथ क्या किया गया। सबको पता है कि किसने और क्या किया है। आज अगर उसके आंसू बहे हैं, तो कुछ तो गलत हुआ है।

उन्होंने कहा कि 17 महीने जेल में रहने के दौरान मैंने खूब चिंतन-मनन किया। मैंने जेल में करीब 200-300 किताबें पढ़ीं। कई लोगों ने मुझे किताबें भेजीं, लेकिन सबसे पहले मैं गीता लेकर गया था। उस समय मेरे मन में सवाल था कि जब मैं बच्चों के लिए स्कूल बना रहा था, तो मुझे सजा क्यों मिली? मेरी पत्नी और बच्चों की क्या गलती थी? मैंने दिल्ली के बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए काम किया ताकि वे आईआईटी और मेडिकल कॉलेज में जा सकें। मैंने भगवान से पूछा, तो भीतर से आवाज आई कि इस गीता में तुम्हारे सवालों के जवाब मिलेंगे। गीता पढ़ने के बाद मुझे मेरे सभी सवालों के जवाब मिल गए। मैंने गांधी जी, विनोबा भावे, आचार्य प्रशांत और अन्य महान व्यक्तियों द्वारा की गई गीता की व्याख्याएं पढ़ीं। इसके अलावा, मैंने दुनिया भर की शिक्षा प्रणाली पर भी अध्ययन किया। मैंने करीब 100-150 किताबें पढ़ीं, जिनसे मेरा विश्वास और मजबूत हुआ कि यदि भारत को 2047 तक विकसित बनाना है, तो हर बच्चे के लिए शानदार सरकारी स्कूल बनाने होंगे और प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित करना होगा।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति कहता है कि वह बिना अच्छी शिक्षा के भारत को विकसित राष्ट्र बना सकता है, तो वह केवल जुमलेबाजी कर रहा है। यदि कोई आदमी कहता है कि हम बिना अच्छे अस्पतालों, मोहल्ला क्लीनिक और रोजगार के देश को विकसित बना लेंगे, तो वह सिर्फ चुनाव जीतने की कोशिश कर रहा है। बिना शिक्षा और स्वास्थ्य के कोई राष्ट्र विकसित नहीं बन सकता। भाजपा को इस बात का दर्द है कि आम आदमी पार्टी यह काम कर रही है। लोग खुद कह रहे हैं कि यदि सभी बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे, तो 2047 में भारत अपने आप विकसित हो जाएगा। यदि आने वाली पीढ़ी को अच्छे अस्पताल मिलेंगे, तो भारत स्वाभाविक रूप से विकसित होगा। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली और पंजाब में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बना दिया है। इसलिए भाजपा हमें जेलों में डालने की कोशिश कर रही है। इसके बावजूद, इस बुरे वक्त में हम सब चट्टान की तरह एक साथ खड़े हैं।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि मनीष सिसोदिया को जेल भेजकर वह दिल्ली की शिक्षा क्रांति पर रोक लगा देगी, तो वह भारी भूल कर रही है। दिल्ली के हर गरीब आदमी को बेहतरीन शिक्षा देकर उसे समाज की मुख्य धारा में लाने का सपना पूरा करने के लिए हम अपनी जान भी दे देंगे। बच्चों की नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए हमारी कई जिंदगियां कुर्बान हैं। हम जेलों से डरने वाले नहीं हैं। हम फिर सड़कों पर उतरेंगे और लोगों को बताएंगे कि अरविंद केजरीवाल इसलिए जेल में नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने कोई जुर्म किया है, बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने दिल्ली के बच्चों को शिक्षा देकर सच्चा काम किया है। उन्होंने कहा कि जैसे संजय सिंह और मैं जेल से बाहर आए हैं, संविधान की ताकत अरविंद केजरीवाल को भी बाहर लाएगी। भाजपा और उसकी एजेंसियां कितनी भी ताकतवर हों, लेकिन वे संविधान के सामने कुछ नहीं कर पाएंगी। हम भगत सिंह के चेले हैं, हम इनकी जेलों से डरने वाले नहीं हैं। भाजपा को लगा था कि जेल भेजकर हमें तोड़ देगी, अब वे खुद कहेंगे कि इन्हें जेल मत भेजो, ये और भी ज्यादा ताकतवर बनकर आते हैं।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह तानाशाही के खिलाफ लड़ाई है। देश के हर नागरिक को इसके खिलाफ खड़ा होना होगा। 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन चला था। इस दिन मेरी रिहाई भगवान का इशारा है कि मैं बाहर निकलकर ‘तानाशाही भारत छोड़ो’ का नारा बुलंद करूं। तानाशाही का शिकार हर आम आदमी है। हमें तानाशाही के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। आम आदमी पार्टी के नेता जेल में हैं, लेकिन कल किसी और का नंबर आएगा। हमें देश के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा भले ही नफरत, झगड़ा और दंगे कराने की राजनीति में आगे हो सकती है, लेकिन वह कभी भी संघर्ष करने में आम आदमी पार्टी का मुकाबला नहीं कर सकती। हमारी ट्रेनिंग संघर्ष करने की हुई है और भाजपा की ट्रेनिंग अंग्रेजों से माफी मांगने की हुई है। भाजपा के पुरखों ने देश से गद्दारी की है, अंग्रेजों से माफी मांगी है। भाजपा कभी आम आदमी पार्टी और हमारे नेताओं को नहीं झुका सकती। उन्होंने हमारी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को फर्जी मामले में जेल में डाल दिया, दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, जिन्होंने दिल्ली के लाखों बच्चों के लिए दिन-रात काम किया, को 17 महीने तक जेल में रखा। प्रधानमंत्री मोदी बताएं कि उनके इन 17 महीनों का हिसाब कौन देगा? मनीष सिसोदिया के परिवार ने 17 महीने से जो मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना सही, उसका हिसाब कौन देगा? जेल में रहकर मनीष सिसोदिया ने जो यातनाएं सही हैं, उनका हिसाब कौन देगा?

संजय सिंह ने कहा कि आज भाजपाई बोल रहे हैं कि केवल जमानत ही तो मिली है। इसी तरह जब चुनाव का परिणाम आएगा और भाजपा वाले चिल्ला-चिल्लाकर कहेंगे कि उनकी जमानत जब्त हो गई, तो दिल्ली के लोग भी कहेंगे कि केवल जमानत जब्त ही तो हुई है। 17 महीने तक सभी ने ईडी- सीबीआई का खेल देखा। ईडी के एक अधिकारी को इसी दिल्ली के अंदर सीबीआई ने 5 करोड़ रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। इससे पहले तमिलनाडु में भी इनके अधिकारी रिश्वत लेते पकड़े गए थे। ईडी के अधिकारियों को राजस्थान पुलिस ने भी रिश्वत लेते हुए पकड़ा। अभी 8 अगस्त को दिल्ली में ईडी का एक अफसर 20 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। ये बईमान लोग हमारी जांच करेंगे? इनका कन्विक्शन रेट मात्र 0.5 प्रतिशत है। भाजपा इस दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी है। देश के सारे भ्रष्टाचारी आज प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैं। बहुत जल्द हमारे नेता अरविंद केजरीवाल बाहर आएंगे। और विधानसभा चुनाव के बाद हम सब दिल्लीवाले मिलकर भाजपा से कहेंगे कि केवल जमानत ही जब्त हुई है।

वहीं, ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा कि पूरी दिल्ली मनीष सिसोदिया के बाहर आने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी, आज वह दिन आ गया है। दिल्ली की शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया आज हमारे बीच आज़ादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। जब मनीष सिसोदिया की जमानत की खबर दिल्ली और देशवासियों तक पहुंची, तो सबके दिलों से एक ही आवाज निकली कि न्याय मिला है, लेकिन देर से मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह ईडी और सीबीआई का चक्रव्यूह बिछाया था, उसमें 17 महीने बाद भी उन्हें मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिला। मनीष सिसोदिया के बैंक खातों, दफ्तरों, घर और यहां तक कि उनके गांव तक छापेमारी की गई। भाजपा ने उन्हें जेल में रखने के लिए अपनी सारी ताकत लगा दी। लेकिन जब शुक्रवार को उन्हें जमानत मिली, तो भाजपा कह रही थी कि यह सिर्फ जमानत है। उन्हें यह समझ नहीं है कि यह सिर्फ मनीष सिसोदिया की जमानत नहीं, बल्कि यह भाजपा की जमानत जब्त करने का लाइसेंस है।

गोपाल राय ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत ने इस तानाशाही के सभी षड्यंत्रों का अंत कर दिया है। भाजपा यह सोचती थी कि उसका चक्रव्यूह कभी खत्म नहीं होगा। मनीष सिसोदिया की जमानत इस बात का एलान है कि तानाशाही कितनी भी ताकतवर हो, अंततः पराजित होती है। सत्य कितना भी झुठलाया जाए, उसकी हमेशा जीत होती है। ईडी और सीबीआई के पास 17 महीने तक कोई सबूत नहीं था, फिर भी उन्होंने भाजपा के इशारे पर मनीष सिसोदिया को जेल में रखकर दिल्लीवालों का समय बर्बाद किया। दिल्लीवालों ने प्रचंड बहुमत देकर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई थी।

गोपाल राय ने कहा कि ‘‘आप’’ की सरकार ने दिलोंजान से दिल्लीवालों के लिए काम किया। भाजपा ने सारे षड्यंत्र रचे और सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फर्जी केस में जेल भेज दिया। इसके बाद भी भाजपा शासित कोई भी राज्य अरविंद केजरीवाल के कामों का मुकाबला नहीं कर सकता। अगर भाजपा के सभी राज्यों के कामों को तराजू पर तौला जाए, तो जेल में रहते हुए भी केजरीवाल का काम उन पर भारी पड़ेगा। भाजपा हमारे कामों से मुकाबला नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा का सबसे बड़ा दर्द यह है कि उसका अश्वमेध का घोड़ा, जिसे गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, और कर्नाटक में कोई नहीं रोक पाया, वह दिल्ली में आकर रुक गया। भाजपा ने अपनी सारी ताकत लगा ली, लेकिन दिल्लीवालों ने इस बार एमसीडी से भी भाजपा की विदाई कर दी। इससे भाजपा को लगने लगा कि वह दिल्ली में आम आदमी पार्टी से चुनाव नहीं जीत सकती। अगर आम आदमी पार्टी इसी तरह काम करती रही, तो जिस तरह दिल्ली से पंजाब, गोवा और गुजरात पहुंचे हैं, वैसे ही पूरे देश में झाड़ू चल जाएगी और भाजपा का क्या होगा।

गोपाल राय ने आगे कहा कि इसके बाद भाजपा ने हमारे नेताओं पर झूठे और फर्जी मुकदमे करके जेल भेजने का षड्यंत्र रचना शुरू किया। भाजपा को यह गलतफहमी थी कि जैसे उसने शिवसेना और एनसीपी के नेताओं पर एफआईआर करके उनकी पार्टी तोड़ दी और देश के अलग-अलग राज्यों में विधायकों और सांसदों को खरीद लिया, वैसे ही आम आदमी पार्टी को भी तोड़ देगी। भाजपा को लगता था कि हमारे नेताओं को जेल में डालकर दबाव बनाएगी और यह पार्टी टूट जाएगी। लेकिन भाजपा को समझ लेना चाहिए कि आम आदमी पार्टी टूटने, झुकने और बिकने के लिए नहीं बनी है। आम आदमी पार्टी का जन्म इस देश से भ्रष्टाचार और तानाशाही को खत्म करने के लिए हुआ है। जब तक इस देश में अन्याय, तानाशाही, और गैर बराबरी रहेगी, तब तक आम आदमी पार्टी यह लड़ाई लड़ती रहेगी।

गोपाल राय ने कहा कि जब मनीष सिसोदिया गिरफ्तार हुए थे, तो लोग कहने लगे थे कि अब पार्टी का क्या होगा। लेकिन देश की जनता ने भाजपा को संदेश दे दिया है। अगर भाजपा को लगता है कि वह अपने चक्रव्यूह में फंसा कर मनीष सिसोदिया को झुका देगी, तो यह उसकी सबसे बड़ी गलतफहमी है। मनीष सिसोदिया को तोड़ने और झुकाने में भाजपा को सात जन्म लग जाएंगे। मनीष सिसोदिया कल भी देश के लोगों के लिए चट्टान की तरह खड़े थे और आगे भी खड़े रहेंगे। अभी मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आए हैं और जल्द ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी बाहर आएंगे। हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी और हम इस लड़ाई को जीतेंगे।

आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल इस पार्टी के पिता हैं, तो मनीष सिसोदिया इस पार्टी की मां हैं। इन्होंने हमें संवारा है। हम 17 महीने तक हमारी इस मां के बिना रहे। इसलिए फरवरी का दिल्ली विधानसभा चुनाव बदला लेने का चुनाव है। यह कोई विधायक चुनने का चुनाव नहीं है, बल्कि यह बताने का चुनाव है कि जिस भाजपा ने हमारी पार्टी की मां को 17 महीने तक जेल में रखा। दिल्लीवाले उसे 1 सीट भी नहीं देंगे। इस बार हम दिल्ली में सभी 70 सीटें जीतेंगे।

दिल्ली में शिक्षा क्रांति के जनक पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद पहली बार शनिवार को जब पार्टी मुख्यालय पहुंचे तो पार्टी नेताओं और समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया गया। मंच पर उनके पहुंचते से पार्टी ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भर गया। सबने तातियां बजाकर उनका स्वागत किया और मनीष सिसोदिया ने हाथ लहराकर उनको प्यार स्वीकार किया। इस दौरान वो मंच पर मौजूद सांसद संजय सिंह, मंत्री गोपाल राय, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, विधायक दुर्गेश पाठक, कुलदीप कुमार, पार्टी के जनरल सेक्रेटरी सुशील गुप्ता, पंजाब से आए मंत्री समेत अन्य नेताओं से गले मिले।

यहां मौजूद दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मनीष सिसोदिया को अपने गले लगाकर ढेर सारा लाड़-प्यार दिया।

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