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राजनीतिक हथियार बन गई है ईडी : आतिशी

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय
(ईडी) पर राजनीतिक हथियार बनने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने एजेंसी
के इस आरोप को खारिज कर दिया था कि बीआरएस नेता के. कविता अब समाप्त हो चुकी आबकारी
नीति में लाभ के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने में शामिल
थीं।

आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि ईडी का मकसद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम
आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकना
है।

तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और विधान परिषद सदस्य कविता को ईडी ने
पिछले सप्ताह उनके हैदराबाद स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था और वह 23 मार्च तक एजेंसी
की हिरासत में हैं।

ईडी ने सोमवार को एक बयान में दावा किया कि कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर केजरीवाल और
मनीष सिसोदिया समेत आप के शीर्ष नेताओं के साथ दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसे लागू कराने
में फायदा उठाने के लिए साजिश रची।

एजेंसी ने कहा, इन फायदों के बदले वह आप नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने में शामिल
थीं।

आतिशी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, राजनीतिक दल प्रेस विज्ञप्तियां जारी करते हैं। ईडी ने
क्यों राजनीतिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की? इसका मतलब है कि ईडी राजनीतिक हथियार बन चुकी है।
भाजपा को केवल एक नेता से डर है और वह हैं अरविंद केजरीवाल। वे उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार से
रोकना चाहते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ईडी ने कल एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आप नेताओं को 100 करोड़
रुपये की रिश्वत दी गई थी। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की
जमानत अर्जी पर सुनवाई करते वक्त इस बात को खारिज कर दिया था।

आतिशी के कैबिनेट सहयोगी सौरभ भारद्वाज ने एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में इसी तरह के दावे
करते हुए कहा कि केजरीवाल का सवाल उठाना भाजपा को रास नहीं आ रहा।
उन्होंने आरोप लगाया, हमारे प्रमुख नेता जेल में हैं। वे हमारे शीर्ष नेता को जेल में डालने की कोशिश
कर रहे हैं।

भारद्वाज ने दोहराया कि ईडी को आबकारी नीति मामले में अपनी जांच में कुछ नहीं मिला है।
ईडी ने कहा कि उसने 2022 में मामला दर्ज होने के बाद से देश भर में 245 स्थानों पर तलाशी ली है
और आप नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह तथा कुछ शराब व्यवसायियों सहित 15 लोगों को
गिरफ्तार किया है।

ईडी ने इस मामले में अब तक कुल छह आरोपपत्र दायर किये हैं और 128 करोड़ रुपये से अधिक की
संपत्तियों की कुर्की की है।

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