राज्य और शहर

हिट एंड रन कानून का विरोध, 48 घंटे के चक्का जाम का असम में दिखा असर

देश के अन्य हिस्सों की तरह असम में भी केंद्र सरकार के हिट एंड
रन कानून का भारी विरोध हो रहा है।

शुक्रवार सुबह 5 बजे से मोटर परिवहन संस्था की ओर से 48 घंटे का चक्का जाम आंदोलन शुरू किया
गया है। जिसके चलते राज्य के कई हिस्सों में यातायात व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस
आंदोलन को पेट्रोलियम परिवहन संस्था ने भी अपना समर्थन दिया है। हालांकि, बंद से पेट्रोलियम
गाड़ियों को बाहर रखा गया है। बंद के चलते निजी और व्यावसायिक किसी भी प्रकार के वाहन सड़क पर
नहीं चल रहे हैं।

यहां तक कि स्कूल वाहन, ओला-उबेर समेत सभी तरह के वाहन सड़कों से गायब हैं।
गोलाघाट जिले के देरगांव में ड्राइवर और खलासियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी
की। सरकार से कानून को वापस लेने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो
आंदोलन अनिश्चितकाल तक चलेगा। दक्षिण सालमारा-मानकचार जिला में ऊ मोटर श्रमिक यूनियन ने
काम बंद कर प्रदर्शन किया हैं। बंद का पूरे जिले में असर देखा जा रहा है। हाटसिंगीमारी में सड़क पर
यूनियन के समर्थक टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।

वहीं, मोरीगांव जिला में ट्रक चालकों ने सड़क अवरुद्ध कर दिया। चालकों ने अपने प्रमाणपत्र जलाकर
विरोध जताया। इस दौरान मोरीगांव-भूरागांव को जोड़ने वाले रास्ते को प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह से
अवरूद्ध कर दिया। प्रदर्शनकारियों को सड़क पर चल रहे वाहनों को जबरन रोकने की कोशिश करते देखा
गया। साथ ही भाजपा सरकार के विरोध में नारेबाजी करते देखे गये।

धेमाजी जिले के गोगामुख में प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को हलका बल प्रयोग
करना पड़ा। इस दौरान रबीन पेगु और नव दलै नामक दो मोटर श्रमिकों को पुलिस ने हिरासत में भी
लिया है। वाहनों को नहीं चलने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दरंग जिले के मंगलदै में भी 48 घंटे का चक्का बंद का व्यापक असर देखने को मिला। मंगलदै-भेराघाट
बस अड्डा पर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकजुट होकर प्रदर्शन किया। इसी तरह नलबाड़ी जिले में
भी चक्का बंद का असर देखा गया। सड़क वाहन चालक सुबह से ही सड़क पर उतर कर हिट एंड रन
कानून का विरोध करते देखे गये।

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