महाकुंभ : पौष पूर्णिमा पर संगम में डुबकी लगाने वालों में विदेश से आए तीर्थयात्री भी शामिल
महाकुंभ-2025
महाकुंभ-2025 की शुरुआत सोमवार को पौष पूर्णिमा के साथहुई, जिसने प्रयागराज के संगम को आस्था, संस्कृति और मानवता के जीवंत केंद्र में बदल दिया।पवित्र जल में डुबकी लगाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में विदेश से आए श्रद्धालु भी शामिल थे,जिन्होंने इस दिव्य आयोजन के चमत्कार का अनुभव किया।अमेरिकी सेना का हिस्सा रह चुके माइकल, जो अब बाबा मोक्षपुरी के नाम से जाने जाते हैं, ने जूनाअखाड़े से जुड़ने की अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने कहा, “मैं एक साधारण व्यक्ति था, जिसकाअपना परिवार और करियर था।
लेकिन मुझे एहसास हुआ कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है औरमैं मोक्ष की तलाश में निकल पड़ा। मैंने अपना जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पितकर दिया।”माइकल ने कहा, “प्रयागराज में यह मेरा पहला महाकुंभ है। यहां का आध्यात्मिक अहसास असाधारणऔर बेजोड़ है।”महाकुंभ ने विदेशियों के एक विविध समूह को भी आकर्षित किया है, जिसमें इस धार्मिक आयोजनको फिल्माने वाले दक्षिण कोरियाई यूट्यूबर से लेकर परंपराओं की गहरी समझ हासिल करने कीललक रखने वाले जापानी पर्यटक तक शामिल हैं।स्पेन की क्रिस्टीना ने इस आयोजन की भव्यता पर विस्मय व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “यह एकअद्भुत पल है। मैं पहली बार इतने भव्य और अलौकिक आयोजन की गवाह बन रही हूं।”एक अन्य विदेशी आगंतुक जूली ने संगम में डुबकी लगाकर एक अजब-सा आध्यात्मिक सुकून मिलनेकी बात कही। उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “मैं पवित्र जल में डुबकी लगाने का अवसर पाकरकृतज्ञ महसूस कर रही हूं। मुझमें पूर्णता का जो भाव जगा है, उसे मैं शब्दों में नहीं बयां करसकती।”इटली से आने वाली वेलेरिया ने महाकुंभ के आध्यात्मिक वातावरण को “अद्भुत और रोमांचक” करारदिया। हालांकि, उन्होंने और उनके पति मिखाइल ने ठंडे मौसम के कारण पवित्र जल में डुबकी नहींलगाई।
मिखाइल ने मजाकिया लहजे में कहा, “मेरी पत्नी ने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने संगम में डुबकीलगाई, तो वह मुझे छोड़ देगी, क्योंकि पानी बहुत ठंडा है!” दंपति ने कहा कि ठंड कम होने पर वेएक बार फिर महाकुंभ में आने की कोशिश करेंगे।