दिल्ली

10 लाख से ज्यादा लोगों के पानी के गलत बिल ठीक करने की योजना ये लागू नहीं करने दे रहे, पर चिंता मत करना, पहले की तरह इसे भी लागू करवाएंगे- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने गलत पानी के बिलों से परेशान 10 लाख से ज्यादा लोगों को सोमवार को विश्वास दिलाया कि चिंता न करें, हम आपके साथ खड़े हैं।

सरकार हर हाल में दिल्ली जल बोर्ड की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू करा कर रहेगी। उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी इन्होंने मोहल्ला क्लीनिक, सीसीटीवी, अस्पतालों की दवाइयां, फरिश्ते योजना और डीटीसी की पेंशन रोक दी थी, लेकिन हमने रूकने नहीं दी। सीएम, विधानसभा में बजट सत्र के दौरान स्कीम पर चर्चा के लिए पेश संकल्प पत्र पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने स्कीम पास नहीं करने दिया तो इसके विरोध में दिल्ली में बहुत बड़ा आंदोलन होगा। क्योंकि यह स्कीम लागू होने से 90 फीसद पानी उपभोक्ताओं का बिल माफ हो जाएगा। साथ ही, दिल्ली सरकार से सब्सिडी मिलने से जल बोर्ड को करोड़ों रुपए का राजस्व भी मिल जाएगा। फिर भी इस स्कीम को रोकने के लिए अफ़सरों को धमकी दी जा रही है कि अगर स्कीम पास की तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। इसलिए मेरी एलजी साहब से हाथ जोड़कर विनती है कि वो अफ़सरों को स्कीम पास करने को कहें, अगर तब भी नहीं करते हैं तो उनको सस्पेंड करें।

दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो मुख्यमंत्री या मंत्री का आदेश न मानने वाला अफसर अपने पद पर दो मिनट भी नहीं रह पाता- अरविंद केजरीवाल

दरअसल, विधानसभा में बजट सत्र के दौरान अध्यक्ष रामनिवास गोयल की अनुमति से लेकर सदस्यों ने डीजेबी की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम पर चर्चा करने के लिए सदन पलट पर संकल्प पत्र पेश किया। संकल्प पत्र का समर्थन करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार है। इसके बावजूद हमारी सरकार की एक पॉलिसी लागू नहीं हो रही है और पॉलिसी को लागू कराने के लिए दिल्ली विधानसभा के सदन में चर्चा हो रही है। दिल्ली के अंदर लोगों के गलत बिल आ रहे हैं और उन बिलों को ठीक कराने के लिए यह पॉलिसी लाई जा रही है।

आज सदन में सत्ता पक्ष कह रहा है कि पानी उपभोक्ताओं के गलत बिल ठीेक होने चाहिए ओर विपक्ष कह रहा है कि बिल ठीक नहीं होने चाहिए। दिल्ली को लेकर यह एक बड़ी विसंगति है। कहने के लिए तो दिल्ली आधा राज्य है, लेकिन हमें ऐसा लगता है कि 5 फीसद भी राज्य नहीं है। अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो किसी ऑफिसर की हिम्मत नहीं थी कि वो मुख्यमंत्री या मंत्री द्वारा दिए गए आदेशों की अवहेलना करके दो मिनट भी अपने पद पर बना रह जाता। वो तत्काल सस्पेंड कर दिया जाता। आज यह चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि आज दिल्ली एक बहुत गंदी और नीच राजनीति की शिकार है। दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और इसकी बदौलत वास्तविक पावर केंद्र सरकार के पास है। केंद्र में दूसरी पार्टी की सरकार है और वो नहीं चाहती है कि दिल्ली के अंदर चुनी हुई सरकार काम कर सके।

एक जिम्मेदार सरकार का फर्ज है कि वो गलत बिल से परेशान अपने 40 फीसद उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पॉलिसी लाए- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सदन को मंत्री सौरभ भारद्वाज ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के बारे में बताया। सीएम ने कहा कि दिल्ली के अंदर दिल्ली जल बोर्ड के करीब 27 लाख उपभोक्ता हैं। इसमें से करीब 10 लाख यानि 40 फीसद घरेलु उपभाक्ता अपने पानी का बिल नहीं भर रहे हैं। इन उपभोक्ताओं को लगता है कि उनके बिल गलत आए हैं, उनके बिल सही नहीं हैं। अगर किसी राज्य के 40 फीसद घरेलु उपभोक्ता पानी का बिल नहीं भर रहे हैं तो किसी भी जिम्मेदार सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि इसके बारे में कोई पॉलिसी लेकर आए। एक तरफ सभी उपभाक्ता दुखी हैं। उपभोक्ता अपने पानी के बिल ठीक कराने के लिए चक्कर लगाते रहते हैं। बिल ठीक कराने की एवज में रिश्वतखोरी चल रही है। लोगों की ढेरों शिकायतें लंबित हैं। इसके कई कारण हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण यह है कि कोविड के दौरान कई महीनों तक मीटर रीडर पानी के मीटर की रीडिंग लेने नहीं गए, कई बिल नहीं बनाए गए, अगर बिल बनाए गए तो औसत अनुमान के आधार पर बना दिए गए। किसी की फर्जी रीडिंग लिख दी गई। कोविड के दौरान बहुत बड़े स्तर पर समस्या हुई कि आज 40 फीसद दिल्ली के अंदर पानी के गलत बिलों की शिकार है।

भाजपा ने जनता की समस्याओं पर केवल खुशी मनाई, तभी इनकी दिल्ली में कभी तीन तो कभी आठ सीट आती है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार आम आदमी की सरकार है, जनता की सरकार है। हम जनता की भलाई देखते हैं। सदन को कई सदस्यों ने बताया कि अगर वो अपने कार्यालय में बैठे हैं तो गलत बिल ठीक कराने वालों का तांता लगा हुआ है। इसे कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है। आज तक इन लोगों ने जनता की समस्याओं को नजर अंदाज किया और खुशी मनाई। इसीलिए दिल्ली में आज इनकी यह हाल है कि कभी तीन तो कभी आठ सीट आती है। वहीं, हमारी सरकार दिल्ली की जनता के पानी बिल की समस्या का समाधान करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना लेकर आए।

इस योजना के अंतर्गत कोई उपभोक्ता जब से अपने पानी का बिल नहीं जमा किया है, उस दौरान उसकी दो या दो से ज्यादा ओके रीडिंग मिलती है तो उस रीडिंग को सही मान लिया जाएगा और उसका औसत लेकर उस पर बचे महीने का बिल बना दिया जाएगा। मसलन, किसी उपभोक्ता की ओके मीटर रीडिंग 18 हजार लीटर आ रही है और दूसरी ओके रीडिंग 21 हजार लीटर आ रही है। इन दोनों ओके रीडिंग पर उपभोक्ता भी सहमत है तो 18 और 21 हजार की रीडिंग मिलकर 39 हजार हो जाएगी। इसको 2 बांट दिया तो प्रतिमाह की रीडिंग 19.5 लीटर पानी की हो जाएगी। इसी आधार पर बाकी महीनों का बिल बना दिया जाएगा।

अगर स्कीम में कोई कमी है तो विपक्ष बताए, हम बदलाव करने के लिए तैयार हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई उपभोक्ताओं ने 2012 से पानी का बिल ही नहीं जमा किया है और न तो पानी मीटर लगा रखा है। अगर ये लोग पानी मीटर लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं तो हम देखेंगे कि उसके आसपास रहने वाले लोगों का क्या बिल आया है। क्योंकि पड़ोसी-पडोसी तो एक ही कटेगरी में रहने वाले लोग हैं। मसलन, कच्ची कॉलोनियों, झुग्गी बस्तियों, री-सेटलमेंट, वसंत विहार में रहने वाला जीवन स्तर एक जैसा है। इसलिए हम देखेंगे कि उस गली में रहने वाले बाकी लोंगों का बिल कैसा है। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम में नेबरहुड स्कीम है। जिसके अंतर्गत गली के अंदर जिस ट्रैंड पर बिल आ रहा है, उसी हिसाब से उस उपभोक्ता का भी बिल मान लिया जाएगा। इससे अच्छी स्कीम और क्या हो सकती है? यह बहुत ही शानदार स्कीम है। अगर इस स्कीम में भी कोई कमी है तो हम विपक्ष के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं। भाजपा वाले हमें बताएं, अगर कोई बदलाव होगा तो हम बदलाव करने के लिए तैयार हैं। हमें दिक्कत नहीं है। हम तो जनता के लिए काम कर रहे हैं।

स्कीम के लागू होने से 10.50 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और जल बोर्ड को राजस्व भी मिलेगा- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत नेबरहुड स्कीम में अगर किसी का औसत रीडिंग 20 हजार लीटर से कम आ रहा है तो उसका तब तक का सारा बिल माफ हो जाएगा, जब से 20 हजार लीटर फ्री पानी देने की स्कीम शुरू हुई है। लेकिन किसी की रीडिंग 20 हजार लीटर से ज्यादा आ जाता है तो उसका एलपीएससी और ब्याज माफ करके बाकी बिल ले लिया जाएगा। हमारा अंदाजा है

कि इस स्कीम के लागू होने से 10.5 लाख उपभोक्ताओं में से 90 फीसद लोगों का पानी का बिल 20 हजार लीटर से कम आएगा और एक रुपए दिए बिना उनका सारा पानी का बिल माफ हो जाएगा और दफ्तरों के चक्कर लगाने बंद हो जाएंगे। एक तरफ जनता को राहत मिल जाएगी और दूसरी तरफ जल बोर्ड को भी राजस्व मिलेगा। जल बोर्ड दुखी है कि उसके 10.50 लाख उपभोक्ता बिल नहीं दे रहे हैं। बोर्ड हर महीने ये बिल अपने खातों में दिखा रहे हैं और राजस्व फंसा हुआ है। स्कीम के तहत करीब ़90 फीसद उपभोक्ताओं के बिल माफ हो जाएंगे और जल बोर्ड को इतने लोगों का बिल दिल्ली सरकार से मिल जाएगा। क्योंकि दिल्ली सरकार सब्सिडी देती है। आज दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व का हजारों करोड़़ रुपए लॉक हुआ पड़ा है।

शहरी विकास मंत्री के लिखित आदेश के बावजूद सेक्रेटरी ने कैबिनेट में प्रस्ताव रखने से मना कर दिया- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 13 जून 2023 को वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को पास किया गया था। इस स्कीम को तो तुरंत लागू कर देना चाहिए था। स्कीम को डीजेबी के बोर्ड से पास हुए आठ महीने हो गए, लेकिन अफसरों ने इसे लागू करने से मना कर दिया। आज स्थिति यह है कि स्कीम को कैबिनेट में लाना है। कैबिनेट पास करेगी तभी स्कीम लागू होगी। इस स्कीम पर वित्त सचिव को अपने कमेंट्स देने हैं। वित्त सचिव ने फाइल लिख दिया कि मैं कमेंट्स नहीं दूंगा। अब उस अफसर का हम क्या करें? शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यूडी सेक्रेटरी को लिखित आदेश दिया कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाए। यूडी सेक्रेटरी ने फाइल पर लिख दिया कि जब तक वित्त सचिव अपना कमेट्स नहीं देगा, तब तक मैं इसका प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं लाउंगा। वित्त सचिव स्कीम पर कमेंट नहीं दे रहा है और शहरी विकास विभाग का सेक्रेटरी कैबिनेट में प्रस्ताव नहीं रख रहा है। यह क्या हो रहा है।

अगर अफसर काम नहीं करेंगे तो सरकार कैसे चलेगी- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मंत्रियों ने अफसरों को बुलाकर पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है? तो एक-दो वरिष्ठ अफसर फूट-फूट कर रोने लगे। उनकी यह उम्र रोने की नहीं है। मैं एक आईएएस अफसर को इस तरह रोते हुए कभी नहीं देखा। अफसर बोले कि मेरी नौकरी का सवाल है। हमें धमकी दी जा रही है। अफसरों ने बताया कि उच्च अधिकारी उनको धमकी दे रहे हैं कि अगर यह स्कीम पास कर दी तो तुमको सस्पेंड कर देंगे, नौकरी से निकाल देंगे, जेल भेज देंगे या ईडी-सीबीआई छोड़ देंगे। अफसरों ने मंत्रियों से कहा कि हम अपनी नौकरी से इस्तीफा दे देंगे लेकिन इस स्कीम का पास नहीं कर सकते। इसीलिए ये लोग सर्विसेज को लेकर इतना लड़ रहे हैं। क्योकि इन लोगों की नीयत खराब है।

एक तरह से दिल्ली के अंदर एक गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो गया है, जिसके अंदर अफसरो ने लिखकर दे दिया है कि हम काम नहीं करेंगे। अगर अफसर लिख कर दे रहे हैं कि काम नहीं करेंगे तो सरकार कैसे चलेगी। जिस स्थिति में इन्होंने दिल्ली की चुनी हुई सरकार को लाकर खड़ा कर दिया है, क्या केंद्र सरकार और भाजपा को यह सोभा देता है।

दिल्लीवालों से कहना है कि जब तक आपका बेटा जिंदा है, भाजपा वालों के सामने दीवार बनकर खड़ा रहूंगा- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में गंभीर संवैधानिक संकट पैदा करने के पीछे भाजपा है। भाजपा दिल्लीवालों से नफरत करती है। दिल्लीवाले दुखी होते हैं तो भाजपा के अंदर खुशी की लहर दौड़ जाती है। दिल्लीवाले बीमार होते हैं तो भाजपा वाले आनंदित होते हैं। भाजपा के लोग दिल्ली को बर्बाद करना चाहते हैं। इन्होंने दो महीने तक दिल्ली सरकार के अस्पतालों की दवाइयां बंद कर दी। इन्होंने मोहल्ला क्लीनिकों का तीन महीने तक रेंट का भुगतान नहीं करने दिया। कई मोहल्ला क्लीनिक किराए पर चल रहे हैं, उनके रेंट नहीं नहीं दिए गए। इन्होंने मोहल्ला क्लीनिकों के बिजली के बिल और डॉक्टरों की तनख्वाह नही ंदेने दी। एमटीएस कर्मचारियों को निकाल दिया, दिल्ली की योगशाला को बंद करवा दी। लेकिन मैं दिल्लीवालों से कहना चाहता हूं कि जब तक आपका बेटा जिंदा है, भाजपा वालों के सामने दीवार बनकर खड़ा रहूंगा, एक बाल भी बांका नहीं होने दूंगा। अब ये लोग वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का विरोध कर रहे हैं। हालांकि आज सदन में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधुड़ी कह रहे हैं कि भाजपा स्कीम का विरोध नहीं कर रही है। अगर ऐसा है तो हम इसका स्वागत करते हैं। विपक्ष से मेरा अनुरोध है कि राजनीति अपनी जगह है। भाजपा के ही एलजी हैं। सभी भाजपा विधायक एलजी से मिले और स्कीम को दिल्ली लागू कराएं। स्कीम लागू करवाने का सारा श्रेय भाजपा दूंगा। मैं लालकिले के उपर खड़ा होकर चिल्ला कर कहूंगा कि भाजपा वालों ने स्कीम को लागू करवाया, सारा वोट भाजपा वालों को दे देना। भाजपा स्कीम का विरोध केवल वोट के लिए तो कर रही है। भगवान ने हमें सेवा करने का मौका दिया है। यही हमारे लिए बहुत है।

अगर भाजपा ने वन टाइम सेटलेंट स्कीम पास नहीं करने दिया तो इसके विरोध में बहुत बड़ा आंदोलन होगा- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं एलजी साहब के पास गया और कहा कि अफसरों को धमकी दी जा रही है। उनको कहा जा रहा है कि अगर ये स्कीम पास कर दी तो तुमको छोड़ेंगे नहीं। एलजी साहब ने कहा कि उनको इस बारे में जानकारी नहीं है और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। आज मैं सदन के माध्यम से एलजी साहब से विनती करता हूं कि एलजी साहब स्कीम पास करने के लिए अफसरों को एक बार फोन भी कर देंगे तो शाम तक स्कीम पास हो जाएगी। स्कीम पास करने में केवल तीन घंटे ही लगेंगे। अगर एलजी साहब के फोन करने के बाद भी अफसर स्कीम पास नहीं करें तो उनके पास अफसरों को सस्पेंड करने की पावर है, यह पावर हमारे पास नहीं है। इन अफसरों को तुरंत सस्पेंड कर नौकरी से बाहर किया जाए। मैं अपने सभी विधायकों से कहना चाहता हूं कि आप इन 10.50 लाख परिवारों के घर-घर जाना और कहना कि जो आपका बिल गलत आया है, यह भाजपा वाले करा रहे हैं लेकिन चिंता मत करना आपका बेटा केजरीवाल लगा हुआ है और बिल ठीक कराकर छोड़ेगा। जब तक बिल ठीक नहीं होगा, तब तक बिल भरने की जरूरत नहीं है। हम आपके साथ खड़े हैं। अगर भाजपा ने वन टाइम सेटलेंट स्कीम पास नहीं करने दिया तो इसके विरोध में दिल्ली में बहुत बड़ा आंदोलन होगा। हम आंदोलन से निकले हुए हैं। इसलिए स्कीम पास तो करनी ही पड़ेगी।

भाजपा काम रोकती रहे, हम काम कराते रहेंगे- अरविंद केजरीवाल

विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधुड़ी कह रहे हैं कि जनता को यह सुनना पसंद नहीं है कि हम कहते हैं कि भाजपा काम नहीं करने दे रही है। दिल्ली की जनता जानती है कि ये गंदे लोग काम करने नहीं दे रहे हैं, लेकिन फिर भी उनका बेटा केजरीवाल सारे काम करवा लेता है। भाजपा ने मोहल्ला क्लीनिक रोके, लेकिन हमने रूकने नहीं दिया। भाजपा ने सीसीटीवी कैमरे रोके, तो दिल्ली का मुख्यमंत्री 10 दिन तक उनके कमरे के अंदर धरना दिया था, तब जाकर पास हुआ था। भाजपा ने पिछले साल सरकारी अस्पतालों की दवाइयां रोकी लेकिन हमने दोबारा चालू करवा दी। भाजपा ने फरिश्ते स्कीम रोकी, हम सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट से फरिश्ते स्कीम पास कराकर लाए। भाजपा ने छह महीने तक दिल्ली जल बोर्ड का पैसा रोका, हम हाईकोर्ट से ऑर्डर करा कर लाए कि जल बोर्ड का पैसा मिलेगा। भाजपा ने डीटीसी से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन रोकी, लेकिन हमने सबकी पेंशन दिलवा दी। भाजपा हमारे काम रोकती रहे और हम काम कराते रहेंगे। किसी को मारने वाले से उसकी जान बचाने वाला बड़ा होता है। मैं सदन के माध्यम से एलजी साहब से हाथ जोड़कर निवेदन करना चाहता हूं और दूसरा भाजपा को यह जिम्मेदारी देना चाहता हूं कि वो एलजी साहब से इस स्कीम को पास कराकर लाए, क्योंकि अब भाजपा भी कह रही है कि स्कीम अच्छी है। मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं।

विधानसभा में पेश संकल्प पत्र

दिल्लीवासियों को बढ़े पानी के बिल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। करीब 27 लाख में से करीब 10.6 लाख उपभोक्ताओं का बिल लंबे समय से बकाया है। इन उपभोक्ताओं में से ज्यादातर को यह लगता है कि इनका पानी का बिल गलत है और इनके इस्तेमाल से ज्यादा रीडिंग दिखाई गई है, इसलिए ये लोग दिल्ली जल बोर्ड का पानी का बिल नहीं भर रहे हैं। इस समस्या ने एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां आज दिल्ली के लाखों लोग दिल्ली जल बोर्ड को पानी का बिल नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण उनके आगे के बिल देर से भुगतान के शुल्क और ब्याज के कारण बढ़ते जा रहे हैं।

इस समस्या का एक बड़ा कारण यह है कि मीटर रीडर्स ने कोविड के दौरान पानी मीटर्स की रीडिंग नहीं ली।
वहीं, दिल्ली जल बोर्ड ने जून 2023 की अपनी बोर्ड मीटिंग ‘‘वन टाइम सेटलमेंट स्कीम’’ को मंजूरी दी है, जिससे उपभोक्ताओं के किन्हीं दो सही मीटर रीडिंग को आधार मानते हुए उसके औसत के हिसाब से दूसरा बिल दिया जाएगा। यह योजना दिल्ली के लोगों को राहत पहुंचाएगी और दिल्ली जल बोर्ड के रुके हुए राजस्व के लिए रास्ते खोलेगी।

यह सदन इस योजना का पूर्ण समर्थन करता है और यह चाहता है कि इस योजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाए।

शहरी विकास मंत्री और वित्त मंत्री के लिखित निर्देश के बावजूद शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के प्रमुख सचिवों ने जनता के हित में लाई गई इस योजना को लागू करने से मना कर दिया।

अधिकारियों ने बताया है कि वो इस योजना को लागू नहीं कर सकते हैं क्योंकि उन्हें उच्च अधिकारियों द्वारा धमकी दी गई है कि अगर वो इस योजना को लागू कर देंगे तो उनको सस्पेंड कर दिया जाएगा या उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर उन्हें गिरफ्तार करवा लिया जाएगा।

यह बेहद चिंता का विषय है कि अधिकारी इस तरह से साफ-साफ अपने मंत्रियों के लिखित आदेशों को लागू करने से मना कर दे रहे हैं।इससे एक गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो रहा है।

सदन मानता है कि भाजपा दिल्ली सरकार के अधिकारियों और एलजी पर नियंत्रण रखती है, वह अपने छोटे और गैरकानूनी राजनीतिक लाभ के लिए अधिकारियों को धमका रही है। ताकि दिल्ली की लोकप्रिय सरकार को ऐसी बड़ी और जनहितकारी योजना को लागू करने से रोका जा सके।

यह सदन एलजी साहब से निवेदन करता है कि वो अपने अच्छे कार्यालय का इस्तेमाल करें ताकि ये अधिकारी जनता के हित में लाए जा रहे इस योजना लागू करें और अगर वो ऐसा करने से मना करते हैं तो उन्हें निलंबित करें।

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