केंद्रीय मंत्री किसानों से करेंगे बातचीत, मार्च में शामिल होने के लिए निकलीं ट्रैक्टर-ट्रॉलियां
तीन केंद्रीय मंत्रियों का एक दल सोमवार को उन किसान नेताओं के एक
प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करेगा, जो दिल्ली की ओर मार्च करने की योजना बना रहे हैं।
इस बीच, मार्च में शामिल होने के लिए पंजाब के विभिन्न हिस्सों से ट्रैक्टर-ट्रॉली के काफिले पहले ही
निकल चुके हैं।
हरियाणा के प्राधिकारियों ने 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित दिल्ली चलोमार्च को रोकने के लिए
अंबाला, जींद, फतेहाबाद और कुरूक्षेत्र में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमा की कंक्रीट
के अवरोधक और लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी कर दी है।
हरियाणा सरकार ने भी आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत 15 जिलों में
प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन जिलों में पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है और
किसी भी प्रकार के प्रदर्शन करने या ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ मार्च निकालने पर प्रतिबंध है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य
(एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के
सिलसिले में 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। किसान 2021 में अपना आंदोलन
वापस लेने के लिए जिन शर्तों पर राजी हुए थे उनमें से एक शर्त एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून
बनाना थी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय किसान नेताओं के साथ उनकी मांगों को लेकर
दूसरे दौर की बातचीत करने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचने वाले हैं। बैठक शाम पांच बजे सेक्टर
26 स्थित महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में होगी।
तीनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की पहली बैठक आठ फरवरी को हुई थी।