डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से प्रेरणा ले सभी : गजेंद्र सिंह कुंडू
बागपत विपुल जैन
जिलेभर में शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई। सभी ने उनके चित्र पर फूल माला पहनाकर उन्हें नमन किया।
इस मौके पर सुप्रसिद्ध समाजसेवी एवं कुंडू खाप के उत्तर प्रदेश चौधरी एडवोकेट गजेंद्र सिंह कुंडू ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडू के तिरूतानी गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम सर्वपल्ली वीरा स्वामी तथा माता का नाम सीतम्मा था। इन्होंने काशी विश्वविद्यालय बनारस से शिक्षक के रूप में अपने कॅरियर की शुरूआत की और उसके बाद देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। डॉ राधाकृष्णन कई विषयों के ज्ञाता, दार्शनिक व शिक्षक भी थे।

अध्यापन कार्य करते हुए डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन कई विश्वविद्यालयों के कुलपति रहे। वर्ष 1949 में सोवियत संघ में भारत के राजदूत बने। 10 वर्ष तक भारत गणराज्य के उपराष्ट्रपति और अन्त में 1962 से 1967 तक भारत गणराज्य के राष्ट्रपति रहे। विनम्रता हमेशा उनका विशिष्ट गुण रहा।
शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 1954 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।