स्वास्थ्य

कैंसर के उपचार से बचा जच्चा बच्चा का जीवन

कैंसर से  बचा जच्चा बच्चा का जीवन

गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के कामयाब इलाज़ के बाद मिजाेरम की एक
महिला तथा उसके गर्भस्थ शिशु का जीवन बचा लिया गया है और लगभग डेढ़ साल के उपचार के बाद
दोनों स्वस्थ हैं।

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के कैंसर सेंटर के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. पी.के.
दास ने बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ कैंसर पीड़ित मरिना सीएच राल्टे (39)
का मामला असाधारण था, जिसके लिए एक बहु-विषयक विशेषज्ञों की जरूरत होती है। हमारी प्राथमिकता
मां और बच्चे दोनों को सुरक्षित रखना था।

दवाओं से गर्भस्थ शिशु को कोई नुकसान नहीं होना
प्राथमिकता रही रही।” उन्होंने कहा कि महिला को उसके गर्भावस्था में बीमारी का पता चला। उनके
गर्भाशय में सात सेंटीमीटर लंबा टयूमर था। इसलिए कैंसर का उपचार और साथ में सुरक्षित प्रसव कराना
बड़ी चुनौती थी।

डॉ दास ने कहा,“ मरिना को गर्भावस्था के 16वें सप्ताह में पता चला कि वह गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से
पीड़ित है। जांच में सात सेंटीमीटर लंबे ट्यूमर की पहचान हुई। उनकी उपचार करने वाली टीम में
मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ और
विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट को शामिल रहे। चिकित्सकों ने 37 वें सप्ताह में लोअर सेगमेंट सिजेरियन
सेक्शन (एलएससीएस) के जरिए प्रसव कराया और एक स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ।”

उन्होंने बताया कि सफल प्रसव के बाद रोगी को कीमो और रेडिएशन थेरेपी जारी रही और फिर ब्रैकीथेरेपी
की गई, जो उपचार का एक विशेष रूप है जिसके तहत रेडिएशन थेरेपी को सीधे कैंसर स्थल पर पहुंचाते
हैं। उपचार से गर्भाशय को अपने सामान्य आकार में वापस आने का समय मिल गया। उनका कैंसर
फिलहाल ठीक हो गया है।

गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर काफी घातक होता है। अगर
आंकड़ों के अनुसार प्रति 10,000 जन्म पर 0.8 से 1.5 मामले सालाना दर्ज होते हैं। ग्रीवा कैंंसर से
पीड़ित तीन प्रतिशत महिलाएं या तो गर्भवती होती हैं या प्रसवोत्तर चरण में होती हैं। इनमें से अधिकतर

मामले प्रसवपूर्व देखभाल के दौरान या बच्चे के जन्म के एक साल के भीतर सामने आते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *