बीजेपी के नए प्लान से केजरीवाल की बढ़ेगी टेंशन, दिल्ली फतह के लिए पूरी ताकत झोंकेगी भाजपा
केजरीवाल की बढ़ेगी टेंशन
दिल्ली के कई विधानसभा क्षेत्रों में पुरबिया मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। भाजपा के लिए इन्हें अपने साथ जोड़ने की चुनौती है। इसे ध्यान में रखकर भाजपा अपनी रणनीति तैयार की है। प्रत्येक बूथ पर पूर्वांचल से संबंधित कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जा रही है। इनके सहयोग से बूथ स्तर पर चुनाव से संबंधित कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जाएगा।
नुक्कड़ बैठकों व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाताओं तक पार्टी अपनी बात पहुंचाएगी। दिल्ली के 70 में से 17 विधानसभा क्षेत्रों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड से संबंधित मतदाताओं की संख्या 30 से 55 प्रतिशत तक है। कई अन्य क्षेत्रों में भी इनकी अच्छी संख्या है। वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के बाद इस बार के लोकसभा चुनाव में उन क्षेत्रों में भाजपा को अच्छी बढ़त मिली है, जहां पूर्वांचल के लोगों की संख्या अधिक है।

इसके बाद भी विधानसभा चुनाव में इनका समर्थन प्राप्त करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि, वर्ष 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में अधिकांश पुरबिया मतदाताओं का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिला था। भाजपा के रणनीतिकार इस चुनावी समीकरण को बदलने के प्रयास में लगे हैं। इसके लिए प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में पूर्वांचल जनसंपर्क समिति का गठन किया गया है।समिति में पूर्वांचल मोर्चा के प्रदेश संतोष ओझा व तीनों महामंत्रियों को शामिल किया गया है। समिति की देखरेख में पुरबिया मतदाताओं को साथ जोड़ने के लिए पांच दिसंबर से विशेष अभियान चलेगा। पार्टी प्रत्येक बूथ पर कम से कम पांच पूर्वांचली कमल मित्र तैयार करेगी।
कमल मित्र उस बूथ पर रहने वाले अपने राज्य के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे। पूरी दिल्ली में लगभग 1,200 बैठकें और प्रत्येक विधानसभा में पूर्वांचली सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में प्रबुद्ध लोगों की सूची तैयार की जा रही है।बुराड़ी, करावल नगर, सीमापुरी, बादली, किराड़ी, नांगलोई, विकासपुरी, द्वारका, मटियाला, उत्तम नगर, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, संगम विहार, बदरपुर, पालम, देवली, राजेंद्र नगर, बादली। इनके माध्यम से भी अन्य मतदाताओं के बीच पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास करेगी।
भाजपा नेताओं का कहना है कि दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों व झुग्गियों में पूर्वांचल से संबंधित लोगों की अच्छी संख्या है। इन्हें निश्शुल्क बिजली, पानी की सुविधा नहीं मिल रही है। इन्हें बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। पीने के लिए पानी खरीदना पड़ता है। आयुष्मान योजना लागू नहीं कर इन्हें निश्शुल्क उपचार व केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं से वंचित रखा गया है।