तिरुपति धाम के लड्डुओं में पशु चर्बी इस्तेमाल के संदर्भ में सद्बुद्धि आने और राष्ट्र उत्थान के लिए सुंदरकाण्ड महायज्ञ
तिरुपति धाम
लखनऊ “ईश्वरीय स्वप्नाशी सेवा समिति” की सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुआई में आगामी रविवार 29 सितम्बर 2024 को कृष्णानगर के उत्तम लॉन में तीन हजार मातृशक्तियों द्वारा सुंदरकाण्ड महायज्ञ किया जाएगा। यह जानकारी रविवार 22 सितम्बर को भूतनाथ मार्केट के बी-209, सावित्री प्लाजा में आयोजित मासिक आध्यात्मिक संगोष्ठी में सपना गोयल ने दी। तिरुपति धाम के लड्डुओं में पशु चर्बी इस्तेमाल के संदर्भ में सद्बुद्धि आने और राष्ट्र उत्थान के लिए, सपना गोयल की अगुआई में रविवार 22 सितम्बर को सामूहिक सुंदरकांड भी किया।
सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल के अनुसार भारत वर्ष, देवों द्वारा निर्मित है और भरत की भूमि, ऋषि मुनियों की जन्मस्थली है। ऐसे में वह सतत प्रयास कर रही हैं कि भारत को उसका पुराना वैश्विक गौरव प्राप्त हो और भारत पुन: विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित हो। उनके अनुसार इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि संकल्पित होकर प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ और हर मंगलवार और शनिवार को निकट के मंदिर में जाकर सामूहिक सुंदरकांड का पाठ किया जाए। उन्होंने बताया कि अयोध्याजी जन्मभूमि परिसर में मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक “मासिक सुंदरकाण्ड पाठ” का सिलसिला 11 सितम्बर से शुरू हो गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से लखनऊ की “ईश्वरीय स्वप्नाशी सेवा समिति” की सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल को इसका दायित्व सौंपा गया है। इस क्रम में दूसरा सामूहिक सुंदरकांड का पाठ आगामी 15 अक्टूबर दिन मंगलवार को अयोध्या में जन्मभूमि परिसर में किया जाएगा। इसके साथ ही संकल्प के अनुसार जल्द ही अयोध्याजी में पांच हजार मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक सुंदरकांड पाठ का वृहद आयोजन भी किया जाएगा।
सपना गोयल द्वारा बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के, बीते 10 मार्च को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है। इसके तहत नैमिषारण्य तीर्थ और उत्तराखंड कोटद्वार के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर, सिद्धबली परिसर में भी सामूहिक सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान, सफलतापूर्वक आयोजित करवाया जा चुका है।
यह अभियान देश ही नहीं विदेशों तक में संचालित किया जा रहा है।