राष्ट्रीय पंचगव्य आयुर्वेद चिकित्सा सेमिनार से होगी गौमाता की सेवा
नोएडा।को आयोजित राष्ट्रीय “पंचगव्य- आयुर्वेद चिकित्सा सेमिनार” का मुख्य उद्देश्य है —
गोमाता की सेवा और रक्षा।
यह सेमिनार करोड़ों गोमाता की रक्षा व सेवा के लिए विश्व की सबसे बड़ी गौशाला (गोसेवा संस्थान) श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक परम श्रद्धेय गोऋषि स्वामी श्री दत्तशरणानंद जी महाराज की प्रेरणा से उन्हीं के सान्निध्य में हो रहा है।
इस सेमिनार में देश के शीर्ष आयुर्वेद विशेषज्ञ, पंचगव्य चिकित्सा शास्त्री–जो प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और संस्थानों से उच्च शिक्षित-प्रशिक्षित हैं , एम.डी., पी-एच.डी हैं — वे पंचगव्य मानव जीवन के लिए कितना उपयोगी और कल्याणकारी है– यह बताएँगे।
केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस), भारत सरकार (नई दिल्ली) के महानिदेशक डॉ. आर. एन. आचार्य सहित अनेक प्रख्यात विशेषज्ञ अतिथि पूरे भारत से इस सेमिनार में पधार रहे हैं।
गोमाता से प्राप्त पंचगव्य मानव कल्याण और स्वास्थ्य में औषधीय गुणों का खजाना है।
यह गोमाता का मनुष्य को वरदान है।
पंचगव्य देसी गाय से प्राप्त पांच चीजों का सम्मिश्रण है। इसमें गोदुग्ध (दूध), गोदधी (दही-छाछ), गोमेह (गोबर), गोघृत (घी) व गोमूत्र (मूत्र) शामिल हैं।
पंचगव्य से विभिन्न प्रकार की जटिल और असाध्य समझे जाने वाली बीमारियों का पूर्ण निदान होता है।
इसके समुचित उपयोग से शरीर के रोगनिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
गोमूत्र ही पृथ्वी का सर्वोत्तम स्वास्थ्य टॉनिक है जो एन्टी बायोटिक है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शरीर को स्वस्थ रखता है।
कैंसर, डेंगू, स्वाइन फ्लू, डायबिटीज और अनेक बीमारियों का समाधान पंचगव्य में निहित है। कृषि में किस तरह से यह उपयोगी है। सेमिनार में इन सभी महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर पंचगव्य चिकित्सा और आयुर्वेद के विशेषज्ञ चर्चा करेंगे और हमें अपनी ज्ञान संपदा और शोध तथा अनुभवों से लाभान्वित करेंगे।