मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत 91वीं ट्रेन द्वारकाधीश रवाना, सीएम केजरीवाल ने तीर्थयात्रियों से मुलाकात कर सौंपे टिकट
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत बुधवार को 91वीं ट्रेन 780 तीर्थयात्रियों को लेकर द्वारकाधीश के लिए रवाना हुई।
इससे पहले त्यागराज स्टेडियम में तीर्थयात्रियों के लिए भजन संध्या का आयोजन किया गया, जहां पहुंच कर सीएम अरविंद केजरीवाल ने उनसे मुलाकात की और यात्रा टिकट सौंपा। इस दौरान सीएम ने कहा कि दिल्ली के दो करोड़ लोग मेरा परिवार हैं और मैं अपने आपको दिल्ली का बेटा मानता हूं। इसलिए सबका ख्याल रखना और अपने बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराने की जिम्मेदारी मेरी है। उन्होंने कहा, हर बुजुर्ग तीर्थयात्रा पर जाना चाहता है, लेकिन कुछ लोग गरीबी के कारण नहीं जा पाते हैं। दिल्ली सरकार की यह योजना लोगों को तीर्थयात्रा पर जाने का एक मौका देती है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले मुझे भी सपरिवार अयोध्या जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और वहां श्री रामलला का दर्शन कर बहुत अच्छा लगा।
द्वारकाधीश के लिए ट्रेन रवाना होने से पहले तीर्थयात्रियों के लिए त्यागराज स्टेडियम में भजन संध्या का आयोजन किया गया।
सीएम अरविंद केजरीवाल और कला एवं संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ सभी तीर्थयात्रियों से मुलकात की। इस दौरान सबसे वरिष्ठ तीर्थयात्री निर्मला ने सीएम अरविंद केजरीवाल का स्वागत किया और सीएम ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने वरिष्ठ तीर्थयात्री संतोष रानी को यात्रा टिकट का प्रतिरूप भेंट कर सभी के सुखद व सफल यात्रा की कामना की। इसके उपरांत भजन प्रस्तुत किया गया, जिसका सभी तीर्थयात्रियों ने आनंद लिया।
इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी 10-15 दिन पहले मुझे सपरिवार अयोध्या जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और श्री रामलला का दर्शन कर बहुत अच्छा लगा। मैं अयोध्या से सभी दिल्लीवासियों और देशवासियों के लिए आशीर्वाद लेकर आया। मुझे वहां दर्शन करके काफी अच्छा लगा। मेरे साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान अपनी धर्मपत्नी और माताजी भी रामलला के दर्शन करने गए थे। एक मेरे वो परिवार है, जिसनें मेरे माता पिता, पत्नी और मेरे बच्चे हैं और दूसरा दिल्ली के दो करोड़ लोग मेरा बड़ा परिवार हैं। इन दो करोड़ लोगों ने मुझे जो प्यार दिया है, इसका ऋण में सात जन्म में भी नहीं चुका सकता हूं।
मैं एक बहुत छोटा और मामूली सा आदमी हुआ करता था। आपने इस छोटे से आदमी को पूरी दिल्ली की जिम्मेदारी दे दी और दिल्ली का मुख्यमंत्री बना दिया। आपको मैं अपने परिवार से भी ज्यादा मानता हूं।
सीएम ने कहा कि श्रवण कुमार ने अपने माता पिता को तीर्थयात्रा कराई थी। ये कहानी हम सब लोग जानते हैं। जैसे मैं अपने माता-पिता को अभी अयोध्या जी के दर्शन कराकर लाया हूं, और भी उन्हें कई जगह दर्शन के लिए लेकर जा चुका हूं। वैसे ही मैं अपने आपको आपका बेटा मानता हूं और आपका बेटा होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि मैं आपका खयाल रखू, आपको खुश रखूं, आपको किसी तरह की तकलीफ नहीं होने दूं और आपको तीर्थयात्रा कराके लाऊं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आपमे से कुछ लोग ऐसे होंगे, जिन्होंने पहले भी तीर्थयात्रा की होगी, लेकिन इनमें से बहुत लोग ऐसे होंगे जिसने पास संसाधन की कमी है, कुछ लोगों पर पारिवारिक जिम्मेदारियां हैं। अलग-अलग कारण से लोगों को तीर्थयात्रा पर जाने का मौका नहीं मिला। बहुत सारे लोग पहली बार तीर्थ तात्रा के लिए जा रहे हैं। इस तीर्थयात्रा में 70 से 80 फीसदी महिलाएं होती हैं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि पुरुष काम धंधे के चक्कर में इधर-उधर घूम आते हैं लेकिन महिलाएं पूरा दिन अपने परिवार की देखभाल में लगी रहती हैं। वो अपने पति, मां-बाप, सास-ससुर और बच्चों की सेवा में ही रह जाती हैं। उन्हें घर से बाहर निकलने का कभी मौका ही नहीं मिलता है। इस योजना के जरिए उन्हें एक मौका मिला है, जब वो तीर्थयात्रा पर जा सकती हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज सब लोग द्वारकाधीश की यात्रा पर जा रहे हैं। हम लोगों को 12 से 13 जगहों पर तीर्थ यात्रा करने का विकल्प देते हैं। इसमें द्वारकाधीश, रामेश्वरम, पुरी, सिरडी बाबा, हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा, वृंदावन और अयोध्या जी जैसे कई तीर्थस्थान हैं। हमारे पास सबसे ज्यादा डिमांड द्वारकाधीश, पुरी और रामेश्वरम जी जाने की होती है और इसमें लंबी-लंबी वेटिंग लिस्ट है। आप लोग बहुत किस्मत वाले हैं कि आज आपको द्वारकाधीश जाने का मौका मिल रहा है।
सीएम ने कहा कि हम आपका सारा ध्यान ध्यान रखते हैं। यात्रा के दौरान सभी को सुबह की चाय के लेकर दोपहर का खाना, शाम की चाय से लेकर रात का खाना और दूध सब कुछ दिया जाएगा। जो लोग हमारे साथ पहले यात्रा करके आ चुके हैं, वो बताते हैं कि इन्होंने तो कभी हमारा पेट खाली ही नहीं रहने दिया। एक के बाद एक खाने के लिए चीजे देते रहे। आपकी सारी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। सभी यात्रियों को उनके घर से लेने और वापस छोड़ने और घूमने के लिए बस का इंतजाम किया गया है। रास्ते में जरूरत के सारे सामान के साथ सभी को एक किट दी गई है। आपको अपने पैसे खर्च करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। आप अपने साथ केवल सात दिन के कपड़े ले जाना है। फिर भी अगर किसी चीज में कोई कमी रह जाए तो उसके लिए मैं पहले से ही माफी मांग लेता हूं। हम आगे से वो कमी भी नहीं रहने देंगे। रास्ते में आपका ख्याल रखने के लिए एक डॉक्टर को भी आपको साथ भेजा जाएगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पूरी यात्रा में दो दिन आने और दो दिन जाने में लगेंगें, लेकिन आपको समय का पता ही नहीं चलेगा। लोग रास्ते भर भजन कीर्तन करते हुए जाते हैं। पूरी ट्रेन आपकी ही है, आप कहीं भी किसी के साथ बैठ सकते हो। ये यात्रा आपके जीवन की सबसे यादगार यात्रा रहेगी, जो आपको जीवनभर याद रहने वाली है। इतने दिनों के अंदर ये सारे लोग आपस में दोस्त बन जाएंगे, जो आपके जीवनभर बहुत काम आएंगे और बहुत याद आएंगे। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि प्रभु आपकी यात्रा को सुखद बनाए और आप लोग अच्छे से दर्शन करके आएं।
सीएम केजरीवाल अपने माता-पिता की तरह ही दिल्ली के सभी बुजुर्गों का भी ख्याल रखने की कोशिश करते हैं – सौरभ भारद्वाज
इस दौरान कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज तीर्थयात्रा पर जाने वाले इन बुजुर्गों की आखों में खुशी दिख रही है। आज जब बुजुर्ग माताओं ने मुख्यमंत्री के सिर पर हाथ फेरा तो उन माताओं के आंखों में आंसू थे। ये आंसू सिर्फ अपने बेटे के लिए आ सकते हैं। जिस तरह से इस यात्रा में हर छोटी से छोटी बारीकियों का ध्यान रखा गया है उससे पता चलता है कि सीएम अरविंद केजरीवाल यह कोशिश करते हैं कि जैसे वो अपने मां-बाप के लिए करें, वैसे ही वो आप सभी के लिए करने की कोशिश करते हैं। मुख्यमंत्री के घर पर भी उनके माता पिता का कमरा उनके एकदम बगल में है।
एक उम्र में बाद बुजुर्ग ऊंचा सुनते हैं। सीएम के माता पिता के कमरे में जब टीवी पर सत्संग चलता है तो उसकी आवाज बाहर पूरी बैठक में गूंजती है। यह बहुत बड़ी बात है। जब सीएम पहले एक आईआरएस अधिकारी थे, और गाजियाबाद में रहते थे, तब भी उनके माता पिता साथ रहते थे। जब वो पहली बार मुख्यमंत्री बने तो पटियाला हाउस के सामने वाले फ्लैट में वो साथ रहते थे। आज सिविल लाइंस में भी सीएम अपने माता पिता के साथ ही रहते हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम श्रवण कुमार की बात करते हैं जो अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर ले गए। लेकिन इस बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी होगी कि जब अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता आया तो पता चला कि सुरक्षा कारणों से केवल मुख्यमंत्री को ही जाने की परमिशन है। तब सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अयोध्या दर्शन की इच्छा मुझसे ज्यादा मेरे माता-पिता को है, उनको पूरी आस है कि जब बेटा अयोध्या जाएगा तो हमें साथ लेकर जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज नहीं, मैं आपको साथ लेकर अगले हफ्ते दर्शन के लिए लेकर जाउंगा। और वो अपने परिवार के साथ राम लला के दर्शन करके आए। यही छोटी-छोटी बाते एक आदमी के चरित्र के बारे बताती है और वो अपने मां-बाप के बारे में क्या सोचता है। जो आदमी अपने माता पिता के बारे में श्रवण कुमार की तरह सोचता है, वो हर बुजुर्ग के अंदर अपने मां-बाप को देखता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हर तीर्थयात्री की छोटी-छोटी जरूरतों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि कई सारे लोगों को डायबटीज होती है, तो सबके लिए खाने के अलावा बीच-बीच में चाय नाश्ते का भी इंतजाम कराया जाए। जिस तरह से अपने मां बाप का ध्यान रखते हैं वैसा ही ध्यान वो दिल्ली के हर बुजुर्ग का रखते हैं। उन्होंने कहा कि मैं और हमारे सभी साथी विधायक बहुत खुश नसीब हैं कि सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ काम करके हम इन छोटी-छोटी चीजों को सीख रहे हैं।